सुल्तानपुर :
समाज सेवा के तहत नारी उत्थान के प्रति संवेदनशील जया सिंह।।
दो टूक : सुलतानपुर जनपद मे महिलाओं के उत्थान के लिए हमेशा प्रयासरत रहने वाली एडवोकेट डॉ जया सिंह शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा करके असहाय पीड़ित,दहेज प्रताड़ित नारियों की मदद करना,सरकारी योजनाओं से रूबरू कराना, स्वरोजगार,आत्म निर्भरता के गुर सिखाना, गरीब युवतियों के शादी विवाह में सहयोग करना,तसकरी में फंसी सड़कियों को छुड़ाना और बचाव की सीख देना, ससुराल पक्ष से प्रताड़ित महिलाओं को निशुल्क विधिक सलाह देना और उनकी यथासम्भव मदद करना, अधजली महिलाओं का इलाज कराके दोषियों को जेल भेजवाना, अपने स्वास्थ्य के प्रति महिलाओं में जागरुकता पैदा करना जैसी समाज सेवा की गतिविधियां बिना आलस्य के करने के लिए समर्पित और संकल्पित हैं। महिला सशक्तीकरण के तहत महिलाओं में हर विधि से सामर्थ्य पैदा करना और चरित्र निर्माण के लिए प्रेरित करना इनकी नियमित दिनचर्या बन गई है।
पिता अरुण प्रताप सिंह और माता शशि सिंह की गोंद में 25 अप्रैल 1988 को जन्मीं जया सिंह बाल्यकाल से ही उत्साही प्रवृत्ति की रही हैं। वे नारी समाज के प्रति संवेदनशील, एम.ए.,एल. एल. बी. की शिक्षा ग्रहण कर आज पेशे से अधिवक्ता हैं जो 299 विकास भवन सिविल लाइन सुलतानपुर उ०प्र० में निवास करती हैं। महिला कल्याणार्थ रुद्र नारी सेवा संस्थान समिति जैसे मजबूत संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्षा के रूप में संस्था के सदस्यों के सहयोग से 18 प्रदेशों 24 जिलों में अनवरत सेवाएं प्रदान कर रहीं है। इनकी समाज सेवा जैसे पुण्य कर्म में ससुर-जगदीश प्रताप सिंह, पति- सिद्धार्थ सिंह और पूरे परिवार का हमेशा सहयोग रहा है। अधिवक्ता के साथ-साथ साहित्य साधना में भी रुचि रखती हैं।इनके द्वारा लिखित दो पुस्तकें द ग्रेट शाह, जया के स्वर प्रकाशित हो चुकी हैं। जिसके मूल्यांकन के उपरान्त इन्हें विद्यावाचस्पति सम्मान से नवाजा गया है। जया के स्वर काव्य कृति के माध्यम से नारी जीवन के हर पहलुओं पर अपनी कलम चलाई है। अपने संगठन के द्वारा शिक्षक, कर्मचारी, छात्र और उनके अविभावकों को नशा उन्मूलन के प्रति जागरुक करती रहती हैं। प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को सम्मानित कर उन्हें प्रगति के लिए प्रोत्साहित करती हैं। दैवीय प्रकोप कोरोना काल में लोगों नि:शुल्क जरूरत के सामान मुहैया कराया तो एम्बुलेंस को रास्ता देने की अपील, गरीबों की सहायता, बच्चों के पढ़ाई का सामान वितरित कराना जैसी गतिविधियों पर सदा ही संवेदनशील रहते हुए मानवता सृजन की प्रेरणाश्रोत बन गई हैं। शिक्षा,रोटी, कपड़ा,मकान की दिशा में लोगों के साथ अदम्य साहस और चट्टान की भाँति अडिग रहती है।
