मंगलवार, 9 दिसंबर 2025

लखनऊ : जल परिवहन से परिवहन के साथ पर्यटन को भी बढ़ावा : मंत्री।।Lucknow:Water transport will promote both transportation and tourism: Minister.||

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लखनऊ : 
जल परिवहन से परिवहन के साथ पर्यटन को भी बढ़ावा : मंत्री।।
दो टूक : अंतर्देशीय जल परिवहन उत्तर प्रदेश के लिए एक नया अवसर है। देश में चिन्हित 111 वाटर इनलैंड में से 11 वॉटर इन्लैंड यूपी में है। यूपी में जल का अपार भंडार है। प्राचीन काल से ही जल मार्ग का इस्तेमाल लोग करते आए हैं, जल मार्ग ही आवागमन का मुख्य आधार हुआ करता था। 
उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर सिंह ने उक्त बातें उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की लखनऊ में आयोजित प्रथम बैठक में कही। उन्होंने कहा कि सभी प्राचीन शहर नदियों के किनारे बसे हुए हैं जिसका मुख्य कारण जल परिवहन ही था। उन्होंने एक उद्धरण बताते हुए कहा कि भारत की राजकुमारी सुरीरत्ना अयोध्या से कोरिया तक जलमार्ग के माध्यम से ही गई थीं और जिस जहाज से वह गई थीं वह आज भी वहां की म्यूजियम में संरक्षित है। उत्तर प्रदेश में नदियों के साथ-साथ जल के और भी स्रोत हैं जैसे बलिया का सूराहाताल एवं गोरखपुर का रामगढ़ ताल जहां पर पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाएं हैं। 
परिवहन मंत्री ने कहा कि पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए जल परिवहन एक अच्छा विकल्प हो सकता है। वर्तमान में पर्यावरण को प्रदूषण से बचाना हमारे सम्मुख एक बहुत बड़ा चैलेंज है। ऐसे में जल परिवहन एक सुरक्षित आवागमन का माध्यम बन सकता है क्योंकि जल परिवहन से कार्बन उत्सर्जन ना के बराबर होता है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त फ्लोटिंग होटल एवं रेस्टोरेंट के माध्यम से पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा सकता है।उन्होंने आए हुए विचारकों से आग्रह किया कि यदि पर्सनल इंटरेस्ट के साथ जल परिवहन की दिशा में आगे बढ़ा जाए तो परिवहन के क्षेत्र में हम और बेहतर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा योगदान हो सकता है,क्योंकि उत्तर प्रदेश में विकास की अपार संभावनाएं हैं। उत्तर प्रदेश विकास का ग्रोथ इंजन बन सकता है। वाराणसी और पटना में वाटरइनलैंड को लेकर बेहतर विकास हुआ है।आयोजित संगोष्ठी में आई डब्ल्यू ए आई के अध्यक्ष श्री सुनील पालीवाल जी ने कहा कि इन्लैंड वॉटर वेज को माननीय प्रधानमंत्री जी बहुत महत्वपूर्ण देते हैं।उन्होंने पिछले 10 वर्षों में वाराणसी में इसके विकास पर बहुत ध्यान दिया है। इनलैंड वॉटर वेज नंबर 01 गंगा नदी पर स्थित है जो यूपी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इन्लैंड वॉटर वेज के विकास के लिए भारत सरकार और राज्य सरकार दोनों को मिलकर काम करना होगा। जैसे कि इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जमीन उपलब्ध राज्य सरकार कराए जबकि वित्तीय संसाधन केंद्र उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने जब से देश का कमान अपने हाथ में लिया है उसके पश्चात लगभग 106 नए जलमार्गों का विकास किया जा चुका है। 2014 से पहले मात्र पांच जलमार्गों का विकास था जबकि वर्तमान में 111 जलमार्गों का विकास किया जा चुका है।
पूर्व सचिव एवं चेयरमैन आई डब्ल्यू ए आई श्री टी के रामचंद्रन  ने इस अवसर पर कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने अगले 26 वर्षों यानी 2050 तक के लिए भारत में इनलैंड वॉटरवेज के पूर्ण विकास का लक्ष्य रखा है। इसके अंतर्गत सर्वप्रथम कोच्चि में प्रथम इनलैंड वॉटरवेज मेट्रो का निर्माण किया जा चुका है। असम और बंगाल में इनलैंड वॉटर वेज के विकास पर बहुत कार्य हुआ है।वहां पर नदियों को पर्याप्त गहराई दी गई है। उन्होंने कहा कि एक कार्गो से 50-60 ट्रकों के माल के बराबर माल भेजा जा सकता है जिससे कि परिवहन लागत में बहुत अधिक कमी लाई जा सकेगी। 
वरिष्ठ रेल प्रबंधक लखनऊ श्री रजनीश श्रीवास्तव ने कहा कि भारत में वाटर इनलैंड वॉटरवेज के विकास के लिए मल्टीमॉडल कार्गो का विकास किया जा रहा है, जिसमें जल परिवहन,सड़क परिवहन और रेल परिवहन तीनों को एक मंच प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे माल की धुलाई के लॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी।वाराणसी से कोलकाता को माल भेजा जाना प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि कानपुर और उन्नाव में बहुत सी फैक्ट्रियां हैं जिनके उत्पाद को हम कम लागत पर गंतव्य तक भेज सकेंगे।
महानिदेशक पर्यटन श्री राजेश कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन के विकास के लिए अपार संभावनाएं हैं जिसमें जल परिवहन का अत्यधिक पोटेंशियल है। उत्तर प्रदेश टूरिज्म पॉलिसी 2025 के की नीति में फ्लोटिंग रेस्टोरेंट में इन्वेस्ट करने वाले निवेशकों को 25% सब्सिडी दिए जाने की व्यवस्था है।