बुधवार, 10 दिसंबर 2025

हरियाणा: अनंगपुर के बाद अब बड़ोली–प्रहलादपुर की लड़ाई तेज, भाकियू नेताओं का प्रशासन को अल्टीमेटम!!

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हरियाणा: अनंगपुर के बाद अब बड़ोली–प्रहलादपुर की लड़ाई तेज, भाकियू नेताओं का प्रशासन को अल्टीमेटम!!

 !!वरिष्ठ संवाददाता देव गुर्जर!!

“वर्षों पुरानी आबादी उजड़ने नहीं देंगे – 36 बिरादरी मिलकर लड़ाई को बनाएंगी निर्णायक”

दो टूक:: हरियाणा//फरीदाबाद !!
बड़ोली–प्रहलादपुर क्षेत्र में वर्षों पुरानी आबादी को हटाए जाने के विरोध में ग्रामीणों का आक्रोश लगातार बढ़ रहा है। घर बचाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर बुधवार को भारतीय किसान यूनियन (एनसीआर) के शीर्ष पदाधिकारी और सैकड़ों कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौके पर पहुंचे। पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर यूनियन नेताओं ने संघर्ष को तीव्र समर्थन दिया।

मौके पर भाकियू एनसीआर अध्यक्ष परविंदर अवाना, गौतमबुद्धनगर जिलाध्यक्ष अशोक भाटी, संदीप अवाना, अजय गुर्जर, गोपाल अवाना, विक्रम अवाना, विपिन अवाना, पवन अवाना, निंदर चौधरी, रामेश्वर नागर, कोशिंदर अवाना, प्रशांत चौधरी, भोलू भाटी, शाहिद सहित भारी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।
धरना प्रदर्शन का संचालन वीरपाल गुर्जर ने किया।

अशोक भाटी का तेवर– “यह लड़ाई अस्मिता और अस्तित्व की है, गांव किसी भी कीमत पर नहीं उजड़ेगा”

गौतमबुद्धनगर जिलाध्यक्ष अशोक भाटी ने संघर्ष स्थल पर पहुँचकर ग्रामीणों में जबरदस्त उत्साह भरा। उन्होंने कहा कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) द्वारा बड़ोली–प्रहलादपुर की आबादी को हटाने का निर्णय पूर्णत: अनुचित और अमानवीय है।

उन्होंने मंच से कहा—

“36 बिरादरी जब एकजुट होती हैं, तो प्रशासन की कोई ताकत गांव नहीं उजाड़ सकती। यह लड़ाई आखिरी सांस तक लड़ी जाएगी।”

अशोक भाटी ने आरोप लगाया कि 2009 में रोड निर्माण के नाम पर ग्रामीणों की जमीन धोखे से अधिग्रहित की गई और अब बिना निरीक्षण एवं प्रक्रिया के प्लॉटों को नीलाम कर देना सीधा अन्याय है।

उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी—

“जरूरत पड़ी तो फरीदाबाद से लेकर गौतमबुद्धनगर तक विशाल महापंचायतें होंगी, चक्का जाम होगा और आंदोलन को निर्णायक चरण में ले जाया जाएगा।”

परविंदर अवाना ने चेताया—“समय रहते प्रशासन सुधर जाए, अन्यथा भाकियू करेगी ऐतिहासिक आंदोलन”

भाकियू एनसीआर अध्यक्ष परविंदर अवाना ने स्थिति का जायजा लेने के बाद प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की वर्षों पुरानी आबादी को उजाड़ना सामाजिक, मानवीय और कानूनी—तीनों दृष्टियों से गलत है।

“यह सिर्फ जमीन का मुद्दा नहीं… यह हक, सम्मान और भविष्य की लड़ाई है। अगर प्रशासन अपनी गलतियों को स्वीकार नहीं करेगा तो भाकियू एनसीआर ऐसा आंदोलन खड़ा करेगी जिसे रोकना किसी के बस का नहीं होगा।”

उन्होंने कहा कि अनंगपुर के बाद अब बड़ोली–प्रहलादपुर की लड़ाई भी निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है।

“36 बिरादरी की ताकत के सामने कोई भी मनमानी निर्णय टिक नहीं सकता।”

अवाना ने अधिग्रहण प्रक्रिया को "धोखेपूर्ण" बताते हुए कहा कि वर्ष 2009 के कागजी खेल पर आधारित यह कार्रवाई किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं की जाएगी।

स्थानीय लोगों का भारी समर्थन, बड़ी संख्या में मौजूद रहे ग्रामीण

धरना स्थल पर सूरज चंदीला, सूरजभान चंदीला, सतपाल चंदीला, वेद चंदीला, अदल चंदीला, विरपाल चंदीला, रंजीत चंदीला, रोहित नागर, शील चंदीला सहित बड़ी संख्या में मातृशक्ति और पीड़ित ग्रामीण मौजूद रहे।

यह सभी लोग बिना किसी समाज का उल्लेख किए, अपने गांव और घरों को बचाने की लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े दिखाई दिए।
पूरे माहौल में एक ही आवाज बुलंद रही—
“गांव नहीं उजड़ने देंगे… घर नहीं टूटने देंगे।”

निष्कर्ष

बड़ोली–प्रहलादपुर में आंदोलन लगातार मजबूत हो रहा है और ग्रामीण अब निर्णायक लड़ाई के लिए तैयार दिख रहे हैं। भाकियू नेताओं की खुली चेतावनी और क्षेत्रीय जनसैलाब ने इस संघर्ष को एनसीआर का बड़ा मुद्दा बना दिया है।
आने वाले दिनों में आंदोलन और व्यापक रूप लेने की पूरी संभावना है।।