मंगलवार, 9 दिसंबर 2025

गुर्जर-जाट महासम्मेलन का सार्थक परिणाम—बिना दहेज विवाह से बढ़ा सामाजिक सौहार्द, बना प्रेरणादायी उदाहरण!!

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गुर्जर-जाट महासम्मेलन का सार्थक परिणाम—बिना दहेज विवाह से बढ़ा सामाजिक सौहार्द, बना प्रेरणादायी उदाहरण!!

 !!वरिष्ठ संवाददाता देव गुर्जर!!

दो टूक:: दिल्ली/गौतमबुद्धनगर:
ग्रेटर नोएडा!! हाल ही में 23 नवंबर को दिल्ली में आयोजित गुर्जर-जाट महासम्मेलन में समाजों के बीच भाईचारे को मजबूत करने और अंतर-सामुदायिक विवाह को बढ़ावा देने पर हुई चर्चा अब सकारात्मक परिणाम देते हुए दिखाई दे रही है।
इसी क्रम में गुर्जर समाज के डॉक्टर आशिष रौसा (MBBS, MD), पुत्र श्री रविन्द्र रौसा निवासी विशूनली, गौतमबुद्धनगर और जाट समाज की डॉक्टर नेहा शेरावत (MBBS, MD), पुत्री श्री बिजेंद्र सिंह शेखावत निवासी हरनकुंडना, दिल्ली का विवाह दोनों परिवारों की सहमति से धूमधाम, पूर्ण सामाजिक रीति-रिवाजों और बिना दहेज मात्र ₹101 कन्यादान के साथ सम्पन्न हुआ।
समारोह में दोनों परिवारों और रिश्तेदारों की उपस्थित में वातावरण हर्षोल्लास, प्रेम और भाईचारे से भर गया।

डॉ. यशवीर सिंह की प्रेरणादायी भूमिका

अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. यशवीर सिंह ने आशीर्वाद देते हुए कहा—

“बिना दहेज ऐसे संस्कारी विवाह समाज में नई ऊर्जा और नई सोच पैदा करते हैं। गुर्जर और जाट समाज की एकता शिक्षा, सम्मान और प्रगतिशील विचारों के आधार पर और मजबूत हो रही है।”

उन्होंने इस पहल को दोनों समाजों के संबंधों में नए स्वर्णिम अध्याय की शुरुआत बताया।

अशोक भाटी का महत्वपूर्ण योगदान

अखिल भारतीय गुर्जर महासभा, गौतमबुद्धनगर के जिला अध्यक्ष श्री अशोक भाटी ने इस विवाह को समाज के लिए प्रेरणादायक उदाहरण बताते हुए कहा—

“यह विवाह भावी पीढ़ियों को यह संदेश देता है कि समाज में परिवर्तन शिक्षा, समान सोच और बिना दहेज विवाह से ही संभव है। गुर्जर और जाट समाज सदियों से भाईचारे का प्रतीक रहे हैं, और यह आयोजन उस संबंध को और मजबूत करता है।”

गणमान्य लोगों की उपस्थिति

समारोह में पूर्व मंत्री नरेंद्र भाटी, पूर्व मंत्री हरिश्चंद्र भाटी, पूर्व विधायक गजेंद्र चौधरी, धर्मवीर सिंह खोखर, जिलाध्यक्ष अशोक भाटी, सहित अनेक प्रमुख व्यक्तियों ने उपस्थित होकर नवविवाहिता जोड़ी को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।

आयोजन का विशेष महत्व

वर पक्ष से धर्मवीर सिंह रौसा ने बताया कि दिल्ली गुर्जर-जाट महासम्मेलन के बाद यह दोनों समाजों के बीच पहला अंतर-सामुदायिक विवाह है, जो आने वाले समय में सामाजिक सुधार और एकता की दिशा में ऐतिहासिक कदम सिद्ध होगा।।