ठाणे कलेक्टर कार्यालय में अनोखी पहल—‘हेलमेट मैन ऑफ इंडिया’ ने बच्चों को दी जीवनरक्षक संजीवनी बूटी हेलमेट!!
!!वरिष्ठ संवाददाता देव गुर्जर!!
दो टूक:: ठाणे, महाराष्ट्र।
ठाणे जिला कलेक्टर कार्यालय में सोमवार को उस समय भावनाओं और उत्साह का अनोखा दृश्य देखने को मिला, जब हेलमेट मैन ऑफ इंडिया के नाम से प्रसिद्ध राघवेंद्र कुमार छोटे बच्चों की सुरक्षा के लिए ‘संजीवनी बूटी’ जैसे जीवनरक्षक हेलमेट लेकर पहुँचे।
कार्यालय में मौजूद लोगों की नज़रें तब ठहर गईं, जब हेलमेट देने से पहले प्रत्येक बच्चे के सिर का सटीक माप लिया गया, ताकि हर बच्चे को उसकी उम्र और सिर के आकार के अनुसार बिल्कुल फिट और सुरक्षित हेलमेट मिल सके।
कार्यक्रम के दौरान बच्चों की खुशियों से भरी आवाज़ और रंग-बिरंगे हेलमेट की चमक ने जिला कार्यालय का माहौल उत्सव में बदल दिया। इसी बीच जिला कलेक्टर श्रीकृष्ण पांचाल भी बाहर आए और बच्चों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता देखकर प्रभावित हुए। उन्होंने भी अपनी 4 वर्षीय बेटी के लिए हेलमेट चुना और राघवेंद्र कुमार को धन्यवाद देते हुए इस मुहिम में पूर्ण सहयोग का भरोसा दिया।
नागरिकों व अभिभावकों में भी इस अभियान को लेकर ज़बरदस्त उत्साह देखा गया। कई अभिभावक, जो बच्चों को स्कूल छोड़कर आए थे, तुरंत उन्हें वापस लेने पहुँचे—ताकि वे भी अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए ‘संजीवनी बूटी हेलमेट’ दिला सकें।
सभी जिलों में अभियान — पहले चरण में पुलिस, बस चालक और ऑटो चालक के बच्चों को मिलेगा लाभ
राघवेंद्र कुमार, जिन्होंने 4 वर्ष के बच्चों के लिए हेलमेट कानून सुप्रीम कोर्ट से पास कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, अब महाराष्ट्र के सभी जिलों में स्कूलों का दौरा कर रहे हैं।
ठाणे जिले में जिला प्रशासन की अनुमति से उनकी टीम स्कूलों में जाकर हेड मैपिंग कर बच्चों को आकर्षक, कार्टून थीम और रंग-बिरंगे हेलमेट वितरित करेगी।
उन्होंने कहा—
“कानून बनाना आसान था, लेकिन परिवारों में सुरक्षा आदत बनाना सबसे बड़ी चुनौती है।”
उन्होंने पुलिस, बस व ऑटो चालकों के बच्चों के लिए कहा—
“ये बच्चे उन योद्धाओं के हैं जो अपने परिवार को समय न देकर सड़कों पर दूसरों की सुरक्षा में लगे रहते हैं। इसलिए इन्हें सुरक्षा की ‘संजीवनी बूटी’ देना हमारा कर्तव्य है।”
KBC से लेकर महाराष्ट्र की सड़कों तक—राघवेंद्र के मिशन की गूंज
हाल ही में कौन बनेगा करोड़पति के मंच पर भी हेलमेट मैन चर्चा में रहे, जहां अमिताभ बच्चन ने हेलमेट प्राप्त करते हुए भावुक होकर कहा—
“हेलमेट मैन ऑफ इंडिया को मित्र बनाना मेरा सौभाग्य है।”
नवरात्र के दौरान बच्चन साहब ने हेलमेट वितरण की प्रेरणा भी उन्हीं से लेने की बात कही और ट्वीट कर उनके प्रयासों की सराहना की।
भारतीय सेना भी अब उनके इस मिशन के साथ खड़ी है।
एक मित्र की मौत से शुरू हुआ सफर, आज 75 हजार से अधिक जानें सुरक्षित
12 वर्ष पूर्व सड़क हादसे में अपने दोस्त की मौत के बाद राघवेंद्र कुमार ने संकल्प लिया कि भारत में कोई भी व्यक्ति हेलमेट न होने से न मरे।
आज तक वे 22 राज्यों में 75,000 से अधिक हेलमेट निःशुल्क दे चुके हैं और हजारों लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।
लक्ष्य
“युवा बनने से पहले ही बच्चों में हेलमेट पहनने की आदत विकसित की जाए।”
महाराष्ट्र में सड़क हादसों में मरने वालों में 80% लोग बाइक, साइकिल सवार और पैदल यात्री हैं—जहाँ सुरक्षा की कमी और हेलमेट न पहनना बड़ी वजह है।
ठाणे से विशेष रिपोर्ट
(सड़क सुरक्षा के लिए अद्भुत और प्रेरणादायक पहल)
