मंगलवार, 2 दिसंबर 2025

गौतमबुद्धनगर: नोएडा में साइबर अपराध पर बड़ा प्रहार, कमिश्नरेट पुलिस ने दो गंभीर मामलों का किया खुलासा!!

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गौतमबुद्धनगर: नोएडा में साइबर अपराध पर बड़ा प्रहार, कमिश्नरेट पुलिस ने दो गंभीर मामलों का किया खुलासा!!

 !!वरिष्ठ संवाददाता देव गुर्जर!!

दो टूक:: नोएडा!!
पुलिस कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर की साइबर सेल ने पुलिस कमिश्नर श्रीमती लक्ष्मी सिंह के निर्देशन में साइबर अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करते हुए दो बेहद संगीन मामलों का सफलतापूर्वक खुलासा किया है।
एक ओर जहां नैनीताल बैंक के सर्वर को हैक कर लगभग 16 करोड़ रुपये की फर्जी ट्रांजेक्शन को अंजाम देने वाले अंतरराष्ट्रीय साइबर गैंग का पर्दाफाश किया गया है, वहीं धार्मिक भावनाएँ भड़काने के उद्देश्य से इंटरनेट आधारित IVR कॉल प्रसारित करने वाले आरोपी को नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया है।
इस अभियान से न केवल बड़े पैमाने पर वित्तीय नुकसान को रोका गया है बल्कि समाज में साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश भी विफल हुई है।

पहला मामला: नैनीताल बैंक सर्वर हैकिंग – 16 करोड़ ठगी का खुलासा

साइबर पुलिस की जांच में सामने आया कि साइबर अपराधियों ने तकनीकी कमजोरी का फायदा उठाकर नैनीताल बैंक के सर्वर में बैकडोर एक्सेस बनाया और इस एक्सेस का उपयोग कर लगभग 16 करोड़ रुपये विभिन्न संदिग्ध खातों में ट्रांसफर किए
सर्वर लॉग, IP लोकेशन ट्रेसिंग, नेटवर्क एनालिसिस, फाइनेंशियल ट्रेल और डिजिटल फॉरेंसिक की मदद से पुलिस ने 06 आरोपियों की पहचान सुनिश्चित की, जिनमें एक नाइजीरियन नागरिक भी शामिल है, जो विदेशी साइबर सिंडिकेट से संचालित नेटवर्क में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था।

पुलिस द्वारा तत्परता दिखाते हुए लगभग 3 करोड़ रुपये तुरंत फ्रीज/बरामद कर लिए गए, जिससे बैंक और ग्राहकों को बड़े वित्तीय नुकसान से बचाया गया।
शेष राशि की रिकवरी, तकनीकी सहयोगियों की पहचान और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की जांच जारी है।
यह मामला देश की सबसे बड़ी बैंक सर्वर हैकिंग घटनाओं में से एक माना जा रहा है।

दूसरा मामला: IVR कॉल के माध्यम से धार्मिक उन्माद फैलाने वाली साजिश का पर्दाफाश

इंटरनेट आधारित IVR कॉल सिस्टम का दुरुपयोग कर देवी-देवताओं के नाम पर अभद्र और भड़काऊ संदेश प्रसारित किए जा रहे थे।
इस प्रकार की कॉल कई राज्यों में अलग-अलग नंबरों से की जा रहीं थीं, जिसका उद्देश्य धार्मिक तनाव और साम्प्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुँचाना था।

सोशल मीडिया मॉनिटरिंग, डिजिटल ट्रेल फ़ॉलो, PRI लाइन तकनीकी जांच और कॉल डेटा विश्लेषण के बाद यह पता चला कि आरोपी ने “कन्हैया झा” नाम से फर्जी पहचान बनाकर PRI लाइन और इंटरनेट कॉलिंग सिस्टम लिया हुआ था।
पुलिस की विशेष टीम ने संवेदनशीलता को देखते हुए नेपाल सीमा पर अभियान चलाकर आरोपी को गिरफ्तार किया।
आरोपी ने फर्जी कंपनियाँ बनाकर अंतरराज्यीय स्तर पर अवैध इंटरनेट कॉलिंग नेटवर्क तैयार कर रखा था, जिसे पुलिस ने तत्काल प्रभाव से बंद कराया।

पुलिस कमिश्नरेट की चेतावनी एवं अपील

साइबर पुलिस द्वारा दोनों मामलों में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य सुरक्षित कर लिए गए हैं और आगे की विधिक प्रक्रिया तेजी से प्रगति पर है।
कमिश्नरेट पुलिस ने कहा कि डिजिटल सुरक्षा बनाए रखना अब समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है और जनता को तकनीक के सुरक्षित उपयोग के प्रति जागरूक होना जरूरी है।

साइबर अपराध से बचाव के सुझाव

🔹 संदिग्ध लिंक व टेलीग्राम/व्हाट्सऐप ग्रुप से दूर रहें
🔹 OTP, बैंक विवरण, पासवर्ड किसी भी माध्यम से साझा न करें
🔹 संदिग्ध निवेश, लोन या ऑनलाइन ऑफर पर तुरंत सावधान हो जाएं
🔹 किसी भी साइबर ठगी/धमकी/संदिग्ध कॉल की सूचना तुरंत दें: 📞 साइबर हेल्पलाइन: 1930
🌐 www.cybercrime.gov.in