सुल्तानपुर :
अमदेवा गांव की भागवत कथा में उमड़े श्रद्धालु।
दो टूक : माया मोह, महत्वाकांक्षा,लोभ लालच में लिप्त व्यक्ति चाहे जितना भी अहंकार में अपने को समर्थ समझता रहे परंतु सत्य का सामना होते ही वह ताश के पत्तों की तरह बिखर ही जाता है। यह व्याख्यान जनपद की तहसील जयसिंहपुर क्षेत्र के अमदेवा गांव में चल रही भागवत कथा में अयोध्या धाम से पधारे कथा वाचक दीपेश्वर जी महराज ने कंस बध के माध्यम से समझाया।
संगीतमयी कथा के आज छठवें दिन कथा आचार्य ने गोवर्धन लीला,रास लीला, रुक्मिणी और श्रीकृष्ण विवाह को समेटते हुए अन्य कथाओं का मार्मिक वर्णन किया। रुक्मिणी विवाह में भक्त गणों ने न्योछावर भेंट किया।रास लीला के माध्यम से आचार्य ने आध्यात्मिक रहस्य बताने का सफल प्रयास किया कि आत्मा और परमात्मा का मिलन ही असली महारास है।हर शरीर में आत्मा है तो सबका आदर करने और प्रेम करने से ही यह संभव है।मनुष्य को सांसारिक दायित्वों की पूर्ति करते हुए जीवन के परम लक्ष्य प्राप्ति का उपाय करते रहना चाहिए। दीपेश्वर महराज ने जीव को विषय वासनाओं से निकल कर जीवन के परम लक्ष्य प्राप्ति के लिए भगवद् भजन के लिए प्रेरित किया।रामायण, महाभारत, शास्त्रों के पात्रों के उत्कृष्ट गुण कर्म के आधार पर मानव को अपने मनोविकारों और विकृतियों को दूर करने करने का प्रयास करना चाहिए।इस आनंदमयी कथा में उमड़े श्रद्धालु जन,भक्त गण प्रासंगिक पर झूमते और थिरकते हुए नजर आए।चारों धाम की तीर्थयात्रा से लौटे तुलसीराम तिवारी और उनकी धर्मपत्नी इन्द्रावती ने 5 नवम्बर 2025से 11नवम्बर 2025 तक श्रीमद्भागवत कथा का अनुष्ठान किया है।12नवम्बर को पूर्णाहुति और विशाल भण्डारे का आयोजन होगा जो नारायण वीर मंदिर के निकट संपन्न होगा। कार्यक्रम में बलराम तिवारी ,विजय दूबे, अरविंद कुमार तिवारी,दुर्गेश दूबे,राजेन्द्र मिश्रा, शैलेन्द्र दूबे ,ओम नारायन तिवारी,विनोद दूबे और पूरे परिवार सहित दूर दराज से पधारे श्रद्वालुओं एवं ग्रामीणों की गौरवमयी उपस्थिति रही।
