गौतमबुद्धनगर : “शेल्टर होम” फ़िल्म ने रिलीज़ से पहले ही बटोरी सुर्खियाँ, जज और पुलिस अधिकारी की दमदार मौजूदगी ने बढ़ाई उत्सुकता!!
!!वरिष्ठ संवाददाता देव गुर्जर!!
दो टूक:: नोएडा/समाज के भीतर छिपे भयावह सच को उजागर करती हिंदी फ़िल्म “शेल्टर होम” अपनी रिलीज़ से पहले ही चर्चा के केंद्र में है। फ़िल्म के प्रमोशन के लिए गुरुवार को नोएडा मीडिया क्लब में एक भव्य प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें निर्देशक कुमार नीरज, फ़िल्म के कई प्रमुख कलाकार, अधिकारी और मीडिया जगत से जुड़े गणमान्य लोग शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान फ़िल्म की कहानी, निर्माण और उससे जुड़े सामाजिक सरोकारों पर विस्तार से चर्चा हुई।
इस फ़िल्म को लेकर खास उत्सुकता का कारण यह है कि इसमें दो वास्तविक अधिकारी—अनिल कुमार यादव, एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज, वाराणसी और दीपक शर्मा, ए.एस.पी. तिहाड़ जेल—महत्वपूर्ण भूमिकाओं में दिखाई देंगे। दोनों अधिकारियों ने निर्देशक की हिम्मत और दृष्टिकोण की सराहना करते हुए कहा कि समाज के लिए संवेदनशील और कड़वी सच्चाइयों को पर्दे पर लाना बेहद आवश्यक है। उनका कहना था कि इस फ़िल्म से कई ऐसी बातें सामने आएंगी जो समाज के लिए जागरूकता का बड़ा माध्यम बनेंगी।
निर्देशक कुमार नीरज ने बताया कि “शेल्टर होम” 28 नवंबर 2025 को पूरे देश में रिलीज़ होगी। उन्होंने कहा कि ट्रेलर और पोस्टर रिलीज़ के बाद दर्शकों से मिल रहे अपार समर्थन से यह स्पष्ट है कि लोग ऐसे विषयों पर बनी फ़िल्में देखने और समझने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी बताया कि फ़िल्म को शूट करते समय बेहद संवेदनशीलता बरती गई ताकि पीड़ितों की भावनाओं का सम्मान बना रहे।
फ़िल्म के छायांकन की कमान ‘गदर’ फ़ेम नजीब खान ने संभाली है, जबकि नृत्य निर्देशन प्रसिद्ध कोरियोग्राफर गणेश आचार्य द्वारा किया गया है। तकनीकी रूप से भी फ़िल्म को मजबूत और प्रभावशाली बनाने की कोशिश की गई है।
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड से प्रेरित है कहानी
फ़िल्म की कहानी बिहार के कुख्यात मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड से प्रेरित है, जिसने पूरे देश को हिला दिया था। इस दर्दनाक घटना पर बनी फ़िल्म को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना मिली है। फ़िल्म को ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी में विशेष स्क्रीनिंग के दौरान दर्शकों और विशेषज्ञों ने गंभीर सामाजिक प्रश्न उठाने वाली एक साहसिक प्रस्तुति बताया।
निर्माण की दृष्टि से भी “शेल्टर होम” एक अनोखी मिसाल पेश करती है। फ़िल्म का निर्माण चार महिला निर्माताओं—वैशाली देव, बीना शाह, मुन्नी सिंह और खुशबू सिंह—द्वारा किया गया है, जो महिला नेतृत्व और सशक्तिकरण की मिसाल है। इन निर्माताओं का कहना है कि उनका उद्देश्य सिर्फ एक फ़िल्म बनाना नहीं, बल्कि समाज को झकझोर देना और ऐसी घटनाओं के प्रति जागरूकता फैलाना है।
फ़िल्म में राजवीर सिंह, अक्षय वर्मा, नाजनीन पटनी, निशाद राज राणा, उरजान इच्छापोरिया, दिव्या त्यागी, अनामिका पांडे, शनीशा मौर्या, आशीष सिंह चौहान, जे.पी. शुक्ला सहित कई कलाकारों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वहीं अधिकारियों—अनिल कुमार यादव और दीपक शर्मा—की वास्तविक अनुभवों पर आधारित भूमिकाएँ फ़िल्म में और अधिक प्रामाणिकता जोड़ती हैं।“
शेल्टर होम” सिर्फ एक फ़िल्म नहीं, बल्कि एक सवाल है—समाज में इस तरह की घटनाएँ आखिर कब तक होती रहेंगी? निर्देशक और टीम को उम्मीद है कि यह फ़िल्म न केवल दर्शकों को झकझोर देगी, बल्कि उन्हें सोचने पर मजबूर भी करेगी। रिलीज़ से पहले ही देशभर में चर्चाओं में बनी यह फ़िल्म अपनी साहसिक विषयवस्तु और दमदार प्रस्तुति के चलते एक प्रभावशाली सिनेमा बनने जा रही है।
