गौतमबुद्धनगर: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर किसानों का हल्ला बोल
15 दिसंबर तक मांगें नहीं मानीं तो उग्र आंदोलन की चेतावनी – भारतीय किसान यूनियन मंच!!
!!वरिष्ठ संवाददाता देव गुर्जर!!
दो टूक:: ग्रेटर नोएडा।
भारतीय किसान यूनियन मंच के नेतृत्व में आज ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर किसानों ने अपनी लंबित समस्याओं को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी के नाम विस्तृत ज्ञापन ओएसडी श्री राम नैन को सौंपा। पंचायत की अध्यक्षता वरिष्ठ किसान नेता संत राम प्रधान ने की, जबकि संचालन राष्ट्रीय महासचिव मास्टर मनमिंदर भाटी ने किया।
किसानों का दर्द—सालों से न्याय के इंतजार में भटक रहे हैं
राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल त्यागी ने कहा कि किसान वर्षों से प्राधिकरण के 6+4% आबादी प्लॉट, 64.7% अतिरिक्त मुआवजा और विकास कार्यों के लिए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन आज तक कोई ठोस समाधान नहीं मिला। उन्होंने बताया कि किसान हर दफ्तर के चक्कर काटते हैं, परंतु उन्हें सिर्फ आश्वासन मिलता है, अधिकार नहीं।
हाईकोर्ट के आदेश पर भी कार्रवाई नहीं—किसानों में गुस्सा
एडवोकेट दिनेश भाटी, राष्ट्रीय अध्यक्ष (अधिवक्ता संघ) और उपेंद्र खारी ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश दिनांक 21-10-2011 को शासन और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा अब तक लागू न किया जाना किसानों के साथ सीधा अन्याय है।
उन्होंने बताया कि कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने स्पष्ट रूप से आदेश दिया था कि हाईकोर्ट का निर्णय ग्रेटर नोएडा के सभी किसानों पर लागू किया जाए। इसके बाद 104वीं बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास होकर शासन को भेजा गया, लेकिन शासन ने नियम विरुद्ध प्रस्ताव को निरस्त कर दिया, जबकि शासन स्वयं पहले इस आदेश को लागू किए जाने की संस्तुति कर चुका था।
इसके बावजूद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 133वीं बोर्ड बैठक में फिर से 10% आबादी भूखंड देने का प्रस्ताव शासन को भेजा और उसका रिमाइंडर भी भेजा, परंतु फैसला आज तक लंबित है। इस देरी ने किसानों के धैर्य की सीमा तोड़ दी है।
मुआवजा, प्लॉट और आबादी का निस्तारण आज तक नहीं—किसान नाराज
राष्ट्रीय प्रवक्ता सुनील भाटी ने कहा कि प्राधिकरण ने अब तक किसानों को न तो 10% विकसित प्लॉट दिए, न 64.7% अतिरिक्त मुआवजा, और न ही आबादी की समस्याओं का समाधान किया।
उन्होंने कहा कि किसानों की जमीन लेकर अरबों की परियोजनाएँ खड़ी कर दी गईं, लेकिन किसान समुदाय अपने हक के लिए आज भी संघर्ष कर रहा है।
गांवों में विकास कार्य ठप—सुविधाएँ शून्य
संगठन मंत्री डॉ. यामीन सैफी ने कहा कि जिन गांवों से जमीन ली गई, वहां ना उचित विकास किया गया, ना रोजगार की व्यवस्था, ना ही शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ पूरी हैं।
कई गांवों में आज तक श्मशान और कब्रिस्तान तक की व्यवस्था नहीं है—यह गांव के बुनियादी सम्मान का प्रश्न है।
उन्होंने कहा कि जब तक गांवों के संपूर्ण विकास कार्य नहीं किए जाते, यूनियन का संघर्ष जारी रहेगा।
15 दिसंबर तक अल्टीमेटम—इसके बाद आंदोलन तेज होगा
किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण 15 दिसंबर 2025 तक उनकी मांगों का समाधान नहीं करता, तो भारतीय किसान यूनियन मंच बड़े पैमाने पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा।
उन्होंने कहा कि यह लड़ाई किसानों के सम्मान और अधिकार की है, जिसे किसी भी कीमत पर हासिल किया जाएगा।
किसानों की बड़ी मौजूदगी—शक्ति प्रदर्शन बना संदेश
ज्ञापन देने के दौरान बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे, जिनमें संस्थापक सुरेंद्र प्रधान, सूरज प्रधान, अजब सिंह भाटी, रोहतास नागर, संजय भाटी, कृष्ण भड़ाना, अमित प्रधान, योगी नागर, अमित भाटी, चीकू यादव, रिकू यादव, पंकज मावी, अक्षय मुखिया, विक्रांत भाटी, पियूष भाटी, सोनू भाटी, समीर प्रधान, अशोक चौहान, मो. अब्दुल कादिर, सागर यादव सहित अनेक किसान शामिल थे।
किसानों का यह प्रदर्शन प्राधिकरण को स्पष्ट संदेश देता है कि अब वे केवल वादों से संतुष्ट नहीं होंगे—समाधान चाहिए, वह भी समय सीमा में !!
