सोमवार, 27 अक्टूबर 2025

मऊ :महापर्व छठ पूजा पर नदी जलाशय पोखरा घाटो पर संस्कृति और आस्था का आलौकिक महौल।Mau:Culture and faith are present at the river reservoir and pond ghats on the occasion of the grand festival of Chhath Puja.||

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मऊ :
महापर्व छठ पूजा पर नदी जलाशय पोखरा घाटो पर संस्कृति और आस्था का आलौकिक महौल।
।। देवेंद्र कुशवाहा ।।
दो टूक : मऊ जनपद के कोपागंज क्षेत्र    संतति संरक्षण संवर्धन का अलौकिक तपपर्व सूर्यषष्ठी पर नदी जलाशय पोखरा घाटो के साथ ही कुओ व घरो के समीप बने कृत्रिम जलाशयों  पर यथास्थिति व्रती सोमवार को महिलाओ ने  अस्त होते आदित्य को अर्घ्य निवेदित किया । दोपहर बाद से ही सजी धजी श्रृंगार किए महिलाएं बच्चों के साथ घाटों की ओर चल दी । घर के पुरुष सदस्य सिर पर दौरा उठाए श्रद्धा के साथ घाट की ओर बढ़े चलते रहे । सामान्य पूजा के साथ ही कई घरों में मनौती पूरी होने पर कोसी भरने का भी कार्यक्रम था । गन्ने पर चुनरी संग दौरा ढके इस परिवार की महिलाएं हाथ में लोटा लिए चल रही थी। पीछे से बैंड बाजे के साथ हुजूम अनोखा माहौल बनाए हुए था  । कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए के साथ ही अन्य  कर्णप्रिय छठ गीतों से पूरा वातावरण आस्था का अद्भुत नजारा पेश कर रहा था ।  पूरा नगर व क्षेत्र जैसे सूर्योपासना के इस पर्व का हर क्षण अपने आप में समेट लेना चाहता था  । सास दादी अम्माओ के साथ  बहुरिया भी सज धज कर गीत गाती आस्था के महापर्व में अहम भूमिका निभा रही थी । बूढ़ी मांगे नाती ' तरुनी मांगे बेटा ' बिटिया जे मांगेली भाई रे भतीजा  ए छठी माता ... इस आंचलिक गीत मैं इस पप्पू पर्व का पूरा मंतव्य ही समाया हुआ था । संतति वृद्धि उनके संरक्षण सुमंगल के लिए इस कठिन व्रत पर पूरा क्षेत्र का माहौल भक्ति में बना रहा  । मनोति  के अनुसार संतान प्राप्ति के बाद कई महिलाएं भुईपरी  पड घाट  तक पहुंची । कोपागंज नगर पंचायत के थाने के पीछे स्थित पोखरे पर अदभूत नजारा बना रहा । इसके साथ ही  वार्ड नंबर 1 में ,सहरोज स्थित तमसा नदी  देवकली, फतहपुर ताल नरजा आदि पोखरों पर भीड़ उमड़ी रही । व्रती महिलाओं में वेदी  पूजन कर सुपली में केला नारियल सेब अमरस शरीफा अनन्नास सिंघाड़ा आंवला आदि समस्त रितु फल के अलावा ठेकुआ खस्ता मिष्ठान आदि रखकर भगवान भास्कर को अर्ध निवेदित कर सुमंगल कामना किया । छठ के पर्व को सकुशल सम्पन कराने को लेकर स्वय कोपागंज थाना प्रभारी  रविन्द्र नाथ राय ,यस आई  अनिकेत सिह,मय फोर्स घाटो पर डट सुरक्षा की कमान सम्भाले थे ।
●डाला छठी के त्यौहार को लेकर जहाँ पूरे दिन हर्षोलास का माहौल बना रहा । महिलाए इस पर्व को लेकर सुबह से शाम तक पूरे विधि विधान से तैयारी में लग  डूबते सूर्य को अर्ध्य् देने के लिए तालाबो घाटो पर पहुचती रही । वही अन्य महिलाओ के देवी छठी मइया के भक्ति गीतों से पूरा क्षेत्र गूँजता रहा ।
●भगवान राम ने ऋषि अगस्त के कहने पर रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए सूर्यषष्ठी पूजा किया था ।उन्होंने सूर्य के छह नामो का जाप किया । राशिमते नमः  सम्रद्धते नमः देवासुर नमस्कृताम नमः विवस्वेत नमः भाष्कराय नमः भुनेश्वराय नमः के जाप के बाद ही रावण का वध कर सके । सूर्य षष्ठी व्रत रामायण काल से ही प्रचलित है । व्रत से सबकी मनोकामना की सिद्वी होती है ।

 *इनसेट* 
नगर के थाने के पीछे स्थित धार्मिक व ऐतिहासिक पोखरे  व घाट की साफ सफाई तथा प्रकाश की व्यवस्था कोपागंज नगर पंचायत व शिवपरिवार कावरिया संघ ने किया  । 
कोपागंज नगर पंचायत अध्यक्ष आमिना सिद्धका प्रतिनिधी अरशद रेयाज  नगर पंचायत में आने वाले सभी जलाशय पोखरो साफ सफाई की व्यवस्था के लिए नगर पंचायत के कर्मचारियों द्वारा 15 दिनों से साफ सफाई लगे हुए थे  कोपागंज थाने के पीछे बने पोखर का कुछ अलग ही नजारा दिखा। शिव परिवार के गुडडू यादव व पुर्व प्रधान बुदिराम व अन्य ने वकायदे मंच लगाकर भीड़ को नियंत्रण करने के अलावा व्रती महिलाओ को अर्ध के लिए दूध आदि की मुकम्मल व्यवस्था की गयी थी ।
बूढ़ी मांगे नाती , तरुनी मांगे बेटा , बिटिया जे मांगेली भाई ,भतीजा।
संतति संरक्षण संवर्धन के तपपर्व सूर्यषष्ठी पर आस्था का अलौकिक माहौल।।
नदी,जलाशय,पोखरा घाटो पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध निवेदित ।