मंगलवार, 2 सितंबर 2025

सुल्तानपुर :लोकतत्व के मर्मज्ञ साहित्यकार हैं मथुरा प्रसाद सिंह जटायु :अंजनी कुमार सिंह।||Sultanpur :Mathura Prasad Singh Jatayu is a writer who has deep knowledge of folk elements : Anjani Kumar Singh.||

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सुल्तानपुर :
लोकतत्व के मर्मज्ञ साहित्यकार हैं मथुरा प्रसाद सिंह जटायु :अंजनी कुमार सिंह।
दो टूक : साहित्य दिवस के रूप में मनाया गया कवि जटायु का जन्मदिन, अनेक प्रतिभाओं का हुआ सम्मान।
सुलतानपुर जनपद में साहित्य, समाज और शिक्षा तीनों क्षेत्रों में मथुरा प्रसाद सिंह जटायु ने अमिट छाप छोड़ी है। भाषा,छंद और शैली पर उनकी पकड़ मजबूत है। लोकतत्व के मर्मज्ञ साहित्यकार जटायु की रचनाओं का सही मूल्यांकन अभी बाकी है। यह बातें चर्चित स्तम्भकार अंजनी कुमार सिंह ने कहीं। वह वरिष्ठ साहित्यकार मथुरा प्रसाद सिंह जटायु के 74 वें जन्मदिन पर रेलवे यूनियन सभागार में कौंडिन्य साहित्य सेवा समिति व उद्गार मंच द्वारा आयोजित साहित्य दिवस समारोह को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे। अध्यक्षता करते हुए डॉ आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप ने कहा कि कवि जटायु स्वयं में एक साहित्यिक संस्थान है । उनकी रचनाएं हिन्दी साहित्य की अमूल्य निधि हैं। प्रोफेसर रामजी तिवारी ने कहा कि जटायु का साहित्य बहुत ज्यादा मूल्यवान है । जटायु भारत के महान सांस्कृतिक मूल्य के प्रतीक हैं ।डॉ ए.के.सिंह ने कहा कि कवि जटायु की कविताएं समाज को प्रेरित करती हैं। उनके खंड काव्य अहिल्या ने अहिल्या के बारे में मेरी पूरी धारणा ही बदल दी है। डॉ.डी.एस.मिश्र ने कहा कि कवि जटायु जनपद के गौरव हैं। हनुमान प्रसाद सिंह अभिषेक ने कहा कि कवि जटायु का मंच संचालन देश भर में सराहा जाता है। अभिदेशक के सम्पादक डॉ ओंकार नाथ द्विवेदी ने कहा कि जटायु के व्यक्तित्व और कृतित्व में कोई अलगाव नहीं है।  जटायु ने कवियों की एक श्रृंखला तैयार की है। उनका साहित्यिक और सामाजिक योगदान बहुत बड़ा है। मथुरा प्रसाद सिंह जटायु ने कहा कि आप अच्छे शिक्षक हों, अच्छे चिकित्सक हों, अच्छे व्यवसायी हों या अच्छे साहित्यकार इन सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप अच्छे इंसान हों। यदि आप अच्छे मनुष्य नहीं हैं तो आप कुछ नहीं हैं।
संयोजक वरिष्ठ साहित्यकार डॉ सुशील कुमार पाण्डेय साहित्येन्दु ने बताया कि पिछले सत्ताइस साल से मथुरा प्रसाद सिंह जटायु का जन्मदिन साहित्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। सरस्वती वंदना राजबहादुर राना , स्वागत राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ,आभार ज्ञापन पवन कुमार सिंह व संचालन नरेन्द्र शुक्ल ने किया। संगोष्ठी को जयंत त्रिपाठी, अशोक पाण्डेय अनहद ,सुभाष चंद्र यादव परदेसी , मनोज अग्रहरि , अंकित कृष्ण पांडेय आदि ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर हरि प्रसाद शुक्ल के संचालक में कविगोष्ठी हुई जिसमें राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय गड़बड़, अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी, अशोक आचार्य ,राजकपूर राज , अनिल श्रीवास्तव तरस, जानिब सुल्तानपुरी , श्री नारायण लाल श्रीश ,तपिश सुल्तानपुरी, खाक सुल्तानपुरी आदि ने अपनी कविताएं पढ़ीं ।
   समारोह में अंगवस्त्र ,सम्मान पत्र, पुष्पगुच्छ आदि देकर चिकित्सा क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हेतु चर्चित चिकित्सक डॉ ए.के.सिंह को आचार्य सुश्रुत स्मृति सम्मान, हिंदी संवर्धन हेतु दयाराम अटल को त्रिलोचन शास्त्री स्मृति सम्मान, हरिनाथ शुक्ल को मान बहादुर सिंह स्मृति सम्मान, शिक्षा क्षेत्र में डॉ.रवींद्र प्रकाश सिंह को अम्बिका प्रसाद सिंह स्मृति सम्मान , केशव प्रसाद सिंह को कृष्ण प्रसाद यादव स्मृति सम्मान , समाजसेवा क्षेत्र हेतु इंद्रमणि मिश्र को काशी प्रसाद पाण्डेय स्मृति सम्मान व विपिन यादव को राम चरित्र मिश्र स्मृति सम्मान देकर सम्मानित किया गया। साथ ही डॉ डी एस मिश्र व मंचस्थ अतिथियों को अंगवस्त्र, पुष्पगुच्छ व अभिनंदन पत्र समर्पित किया गया।इन विभूतियों के बीच लोक गायक बिरहा सम्राट छविलाल पाल भी सहभागी रहे।