कालका मंदिर पर भक्तों की जान पर बना खतरा, पुलिस की लापरवाही से मचा हड़कंप!!
दो टूक :: नई दिल्ली, दिनांक 25 सितंबर।
दिल्ली के प्रसिद्ध कालका मंदिर में बीती रात समय करीब 12:00 बजे सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त नजर आई।
भक्त जब माता रानी के दर्शन कर भवन से निकल रहे थे, एग्जिट गेट नंबर-21 पर पहुंचे तो ताला लगा हुआ था। गेट पर तैनात पुलिसकर्मी और सुरक्षाकर्मी अपनी जिम्मेदारी से नदारद थे। बताया जा रहा है कि सुरक्षाकर्मी गेट पर ताला लगाकर मौके से गायब हो गए, जिससे एग्जिट गेट पर भारी भीड़ का दबाव बन गया।
धक्का-मुक्की में हालात इतने बिगड़ गए कि महिलाओं और छोटे बच्चों का दम घुटने लगा। भक्तों का कहना है कि कुछ ही पल में भगदड़ जैसी स्थिति बन सकती थी और किसी बड़े हादसे की आशंका टलते-टालते रह गई।
गेट पर साफ शब्दों में "नो एंट्री, ओनली एग्जिट" लिखा होने के बावजूद सुरक्षाकर्मियों ने गेट बंद कर वहां से किनारा कर लिया। इस बीच, जब कुछ नौजवान ऊपर से निकलने की कोशिश कर रहे थे तो मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने मदद करने की बजाय बदसलूकी और रोकटोक शुरू कर दी।
स्थानीय लोगों और भक्तों का आरोप है कि कालका मंदिर पुलिस चौकी के पास होते हुए भी पुलिसकर्मी और सुरक्षाकर्मी लापरवाह बने रहे, कई पुलिसकर्मी बेरी गेट पर बैठकर तमाशा देखते रहे, जबकि भीड़ बेकाबू हो रही थी।
पीड़ित भक्तों ने कहा:
- "हमारा दम घुट रहा था, बच्चे रोने लगे।"
- "भीड़ में धक्का-मुक्की इतनी बढ़ गई थी कि किसी बड़े हादसे का डर था।"
- "पुलिस सिर्फ तमाशा देख रही थी, मदद करने के लिए कोई आगे नहीं आया।"
भक्तों और स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई सामान्य चूक नहीं बल्कि गंभीर लापरवाही है। सवाल यह उठता है कि इतने बड़े धार्मिक स्थल पर ऐसे पुलिसकर्मी और सुरक्षाकर्मी क्यों तैनात किए गए जो अपनी ड्यूटी छोड़कर लोगों की जान खतरे में डाल दें?
अब जनता और भक्तों की नज़र दिल्ली सरकार व जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों पर टिकी है कि क्या वे ड्यूटी से गायब हुए और लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई करेंगे या फिर मामले को दबा दिया जाएगा।
पूरा मामला कालकाजी थाना क्षेत्र के अंतर्गत कालका मंदिर माता रानी भवन के पास गेट नंबर-21 का है।।