मऊ :
देई माता मंदिर खुदहट के विकास में कमेटी के पूर्व पदाधिकारी डाल रहे अड़चन।।
।।देवेन्द्र कुशवाहा।।
दो टूक : मऊ जनपद से लगभग ग्यारह किलोमीटर दूर स्थित खुरहट मार्केट है जहां से दो किलोमीटर दूरी पर स्थित देई माता का काफी प्राचीन मंदिर स्थित है जहां दूर-दूर से लोग दर्शन करने श्रद्धालु आते हैं और पूजा पाठ करते हैं यह भी कहा जाता है कि जो भी भक्त देवी माता से अपनी मनोकामना मांगता है तो वह पूर्ण हो जाती है। ऐसा वहां के लोग और पूजा पाठ करने वाले भक्त और पंडित जी बताते हैं देई माता का नाम पूरे देश भर में मशहूर है और देशभर से लोग यहां पर आते हैं हफ्ते में दो दिन यहां पर जबरदस्त भीड़ होती है मंगलवारऔर और रविवार यहां पर इतनी भीड़ होती है की प्रशासन से सहयोग लेना पड़ता है और मंदिर समिति के द्वारा सुरक्षा एवं भक्तों को रुकने की ब्यवस्था की जाती हैं ताकि आने वाले श्रद्धालुओं को कोई समस्या से जूझना ना पड़े।
मंदिर के पुजारी का कहना है कि यह एक प्राचीन मंदिर है लेकिन इसका विकास उस हिसाब से नहीं हो सका जिस हिसाब से यहां भीड़ होती है
इनका आरोप है कि जयराम नाम का व्यक्ति मंदिर के विकास कार्यों में आए दिन बाधा डालता रहता है उक्त ब्यक्ति को दस साल तक मंदिर समिति ने मौका दिया था लेकिन कार्य संभालने के दौरान मंदिर में आए पैसे का कोई हिसाब नहीं दिया। सब कुछ अपने घर लेकर चले जाते थे।
मंदिर समिति ने जयराम से हिसाब मांगी तो वह मंदिर समिति वालों पर रौब झडना चालू कर दिए। फिर मंदिर समिति ने फैसला किया कि इनको यहां से पदमुक्त कर दिया जाए । पद मुक्त करते ही जयराम पांडे का गुस्सा खौफनाक हो गया और मंदिर समिति को उथल-पुथल करने के चक्कर में पड़ गए।
मंदिर समिति के संचालक नागेंद्र पांडे ने बताया कि जब से यह देख रेख हम लोगों को मिला है तब से मंदिर का विकास चालू कर हो गया है मंदिर को हम लोग दिब्य, भव्य और आलौकिक बनाने में लगे हुए हैं और मंदिर बन भी चुका है लेकिन बीच-बीच में जयराम पांडे आए दिन आकर झगड़ा करते रहते हैं और यहां पर गाली गलौज करते रहते हैं लेकिन मंदिर समिति द्वारा कुछ नहीं किया जाता है।
मन्दिर संचालक ने यह भी बताया कि जयराम पांडेय आए दिन मुख्यमंत्री पोर्टल, जिलाधिकारी, कमिश्नर, एसडीएम, सबको पत्र व्यवहार करते रहते हैं ताकि मंदिर समिति वाले उलझ जाएं और मंदिर का निर्माण न कर सके लेकिन समिति के लोगों द्वारा मजबूती से इनका विरोध किया जा रहा है।
आपको बता दें जयराम पांडेय द्वारा कई कोर्ट तक लड़ाई लड़ी है यहां तक की हाईकोर्ट ने भी मंदिर समिति के हित में ही फैसला किया है। इसके बावजूद भी जयराम पांडे मंदिर समिति को बदनाम करने पर तुले हुए हैं मंदिर के बगल में उनकी जमीन है लेकिन उनकी जमीन से मंदिर का कोई वास्ता नहीं है लेकिन फिर भी जयराम पांडेय को यह बात नहीं समझ में आती है बार-बार मंदिर समिति के सदस्यों से उलझाने से क्या फायदा है ।
वहीं पर मंदिर समिति के अध्यक्ष के लड़के गोपाल पाठक ने बताया कि बताया कि मंदिर समिति के जितने भी सदस्य अच्छे ढंग से मंदिर में कार्य करते हैं जो भी चढ़ावा आता है वह मंदिर को जाता है और उससे मंदिर का विकास होता है लेकिन जयराम पांडे यह चाहते नही।
बताया कि मंदिर समिति 2004-05 में रजिस्टर्ड हुई थी जिसमें सबसे पहले उन्ही जयराम पांडे को कार्यभार दिया गया था लेकिन आज तक वह अपने कार्यभार में आए पैसे का हिसाब तक नहीं दे पाए
2013 से हम लोगों को मिली है मंदिर समिति की जिम्मेदारी और आज मंदिर आपके सामने बनकर तैयार हो चुका है लेकिन इसके बावजूद भी बार-बार झगड़ा करने के लिए पहुंचते हैं। मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। श्री गोपाल पाठक ने बताया कि देई माता का स्थान प्राचीन समय से चला रहा है अभी जल्द में ही लेखपाल कानूनगो ,तहसीलदार की देखरेख में पूरे मंदिर का नापी करा कर चारों तरफ खूंटा गड़ा गया। लेकिन जयराम अपने सहयोगियों के द्वारा सारा खुटा उखाड़ कर फेंक दिया। और आए दिन कुछ ना कुछ कृत्य करता रहता है ।श्री गोपाल पाठक ने बताया कि पूजा पाठ के दौरान कभी-कभी छूटता पशु भी माता के स्थान पर चले आते हैं जिससे श्रद्धालुओं को पूजा पाठ करने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हम लोग चाहते हैं कि मंदिर समिति द्वारा देवी माता स्थान के चारों तरफ बाउंड्री वॉल कर दिया जाए। लेकिन जयराम द्वारा यह काम नहीं करने दिया जाता है। हम लोग काफी परेशान हैं समझ में नहीं आता कि क्या करें ।श्री पाठक ने बताया कि मंदिर समिति द्वारा उनको समिति से बाहर कर दिया गया है लेकिन उसके बावजूद भी जयराम यहां पर अपना हक जमाना चाहते हैं और परेशान करना चाहते हैं ।सवाल यह है कि अब बाउंड्री वॉल नहीं बनेगा तो देवी माता का स्थान कैसे सुरक्षित रहेगा
संचालन करता से बातचीत के दौरान मौके पर उपस्थित गोपाल पाठक, मनोज पांडेय, गोपाल दुबे, गोविंद पाठक, रमेश पाठक, एवं दयानंद पांडेय आदि मौके पर उपस्थित रहे