अम्बेडकर नगर :
सात दशक से सुरक्षित आलापुर विधानसभा के आरक्षण के खिलाफ आंदोलन।।
दो टूक : इसे नागरिकों के मूल अधिकारों का हनन ही कहा जायेगा कि 1957 से 116 जहांगीरगंज और बाद में 279 आलापुर नाम से जानी जाने वाली आलापुर विधानसभा कभी भी सामान्य और पिछड़े वर्गों के प्रत्याशियों के भाग्य आजमाइश का विषयवस्तु नहीं रही।जिसके चलते अब यहां के निवासियों ने आगामी नौ अगस्त को प्रख्यात जननेता योगेंद्रनाथ त्रिपाठी के नेतृत्व में राजेसुलतानपुर स्थित बाबू वसुधा सिंह शहीद स्मारक से व्यापक जनांदोलन छेड़ने का ऐलान कर शासन और सत्ता की पेशानी पर बल ला दिया है।
ज्ञातव्य है कि स्वाधीनता के पश्चात 1952 में हुए प्रथम आम चुनावों में यह विधानसभा तत्कालीन टांडा विधानसभा का अंग और सामान्य रही किंतु 1957 में हुए आमचुनावों से लेकर आजतक यह अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित कर दी गई है,जो ने तो संवैधानिक है और न ही अवसरों की समानता के दृष्टिकोण से ही उचित है।यहां के निवासियों का एक और दुर्भाग्य यह है कि विधानसभा के रूप में यह अम्बेडकरनगर जिले की और लोकसभा गठन की दृष्टि से संतकबीर नगर की एक त्रिशंकु विधानसभा बनकर रह गई है।जिससे यह कहावत सही दिखती है कि न खुदा ही मिले न बिसाले सनम, न यहां के रहे न वहां के रहे।
ध्यातव्य है कि श्री तिवारी के नेतृत्व में इससे पूर्व भी गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर आलापुर में अप्रोच को लेकर व्यापक आंदोलन किया गया था,जिसे मुख्यमंत्री योगी महराज और तत्कालीन जिलाधिकारी सैमुअल पाल ने प्रमुखपूर्वक निर्मित किए जाने का कार्य किया था।
इस अवसर पर आलापुर विधानसभा के सात दशक से चले आ रहे सुरक्षित सीट के दर्जे को समाप्त कर चक्रानुक्रम अपनाते हुए सभी जातियों व वर्गों को प्रतिनिधित्व का अवसर दिए जाने की मांग हेतु गठित संघर्ष समिति के सहसंयोजक सदस्य डॉ उदयराज मिश्र ने बताया कि अप्रोच मार्ग की तरह ही यह आंदोलन भी आम जनता,पत्रकारों,अधिकारियों,जन प्रतिनिधियों,छात्रों,शिक्षकों,विधिवेत्ताओं के सहयोग से अपनी पूर्णता को प्राप्त करेगा।इसके लिए जो भी बलिदान देना होगा,उसे सहर्ष दिया जाएगा।आंदोलन की व्यापकता के मद्देनजर संघर्ष समिति की अगली बैठक अतिशीघ्र ही सम्पन्न होगी।