लखनऊ :
व्यापारी बनेंगे आर्थिक मोर्चे के सैनिक, आपूर्ति श्रृंखला नहीं होगी बाधित।।
दो टूक : देश के वर्तमान संकट की घड़ी में देश का समूचा व्यापारी वर्ग मजबूती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार और सेनाओं के साथ खड़ा है। जिस प्रकार हमारे वीर सैनिक सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं,उसी प्रकार देशभर के व्यापारी आर्थिक मोर्चे के सैनिक बनकर राष्ट्र की आपूर्ति श्रृंखला को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए कृतसंकल्प हैं।।
विस्तार:
कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय संगठन मंत्री एवं उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मण्डल के प्रदेश अध्यक्ष
संजय गुप्ता ने कहा कि पाकिस्तान की नापाक हरकतों का भारतीय सेनाओं ने जिस वीरता और साहस से जवाब दिया है, वह गौरव का विषय है। वर्तमान परिस्थितियाँ युद्ध जैसे हैं और देश का प्रत्येक नागरिक एक स्वर में सरकार के साथ खड़ा है ताकि पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाया जा सके।
*उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि देश एवं प्रदेश में खाद्यान्न और आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी नहीं है। बाजारों में भरपूर मात्रा में सभी वस्तुएँ उपलब्ध हैं और सरकार के पास भी पर्याप्त भंडार मौजूद हैं। अतः किसी भी नागरिक को आवश्यकता से अधिक स्टॉक करने की जरूरत नहीं है। कोविड काल की भांति व्यापारी न केवल आपूर्ति को बनाए रखेंगे, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर लोगों के घरों तक सामान भी पहुँचाएंगे।*
कैट के राष्ट्रीय संगठन मंत्री एवं उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता ने आश्वस्त किया कि कैट एवं उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के व्यापारी साथी समय-समय पर सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अक्षरश: पालन करेंगे किसी भी स्थिति में अफवाहों अथवा अराजकता को पनपने नहीं देंगे।
व्यापारियों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि देशभक्ति केवल भावनाओं से नहीं, बल्कि अनुशासन, धैर्य और संयम से सिद्ध होती है। सरकार और सेनाएँ पूरी तत्परता से स्थिति पर नियंत्रण रखे हुए हैं, और ऐसे समय में व्यापारी वर्ग को संगठित रहकर राष्ट्रीय हित में कार्य करना है।
कैट एवं आदर्श व्यापार मंडल सभी व्यापारियों से आग्रह करता है कि बाजारों को लेकर कोई भी निर्णय सरकार की आधिकारिक सलाह के बाद ही लें। आज आवश्यकता है कि हम सभी एकजुटता, विवेक और राष्ट्रभक्ति के साथ देश की सेवा में अपना योगदान दें।
व्यापारी नेता ने अंत में कहा —
“मातृभूमि के प्रति श्रद्धा केवल एक भावना नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है — और इस जिम्मेदारी को देशभर के नौ करोड़ से अधिक व्यापारी पूर्ण अनुशासन और समर्पण के साथ निभाएँगे।”
संजय गुप्ता