शुक्रवार, 9 मई 2025

दिल्ली : संकट की घड़ी मे देश के ब्यापारी आर्थिक मोर्चे के सैनिक :सांसद प्रवीन खंडेलवाल।||Delhi : In times of crisis, the country's businessmen are soldiers of the economic front: MP Praveen Khandelwal.||

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दिल्ली
संकट की घड़ी मे देश के ब्यापारी आर्थिक मोर्चे के सैनिक :सांसद प्रवीन खंडेलवाल।
दो टूक : कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री एवं दिल्ली के चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने कहा है कि वर्तमान संकट की घड़ी में देश का समूचा व्यापारी वर्ग मजबूती से प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार और सेनाओं के साथ खड़ा है। जिस प्रकार हमारे वीर सैनिक सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं, उसी प्रकार देशभर के व्यापारी आर्थिक मोर्चे के सैनिक बनकर राष्ट्र की आपूर्ति श्रृंखला को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए कृतसंकल्प हैं।
श्री खंडेलवाल ने कहा कि पाकिस्तान की नापाक हरकतों का भारतीय सेनाओं ने जिस वीरता और साहस से जवाब दिया है, वह गौरव का विषय है। वर्तमान परिस्थितियाँ युद्ध जैसे हैं और देश का प्रत्येक नागरिक एक स्वर में सरकार के साथ खड़ा है ताकि पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाया जा सके।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि देश में खाद्यान्न और आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी नहीं है। बाजारों में भरपूर मात्रा में सभी वस्तुएँ उपलब्ध हैं और सरकार के पास भी पर्याप्त भंडार मौजूद हैं। अतः किसी भी नागरिक को आवश्यकता से अधिक स्टॉक करने की जरूरत नहीं है। कोविड काल की भांति व्यापारी न केवल आपूर्ति को बनाए रखेंगे, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर लोगों के घरों तक सामान भी पहुँचाएंगे।
◆कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष  बी सी भरतिया ने आश्वस्त किया कि कैट के व्यापारी साथी समय-समय पर सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन करेंगे और किसी भी स्थिति में अफवाहों अथवा अराजकता को पनपने नहीं देंगे।
कैट मध्य प्रदेश एवं जबलपुर के सभी पदाधिकारी ने एक ही स्वर में व्यापारियों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि देशभक्ति केवल भावनाओं से नहीं, बल्कि अनुशासन, धैर्य और संयम से सिद्ध होती है। सरकार और सेनाएँ पूरी तत्परता से स्थिति पर नियंत्रण रखे हुए हैं, और ऐसे समय में व्यापारी वर्ग को संगठित रहकर राष्ट्रीय हित में कार्य करना है।
कैट सभी व्यापारियों से आग्रह करता है कि बाजारों को लेकर कोई भी निर्णय सरकार की आधिकारिक सलाह के बाद ही लें। आज आवश्यकता है कि हम सभी एकजुटता, विवेक और राष्ट्रभक्ति के साथ देश की सेवा में अपना योगदान दें।
व्यापारी नेताओं  ने अंत में कहा —
“मातृभूमि के प्रति श्रद्धा केवल एक भावना नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है और इस जिम्मेदारी को देशभर के नौ करोड़ से अधिक व्यापारी पूर्ण अनुशासन और समर्पण के साथ निभाएँगे।”