शुक्रवार, 16 मई 2025

गोण्डा- इटियाथोक क्षेत्र मे बिजली के लिए हर तरफ हाहाकार, उपभोक्ताओ मे आक्रोश, पावर हाउस के दोनों ट्रांसफार्मर व सभी पैनल हुए ओवरलोड

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गोण्डा- जिले के इटियाथोक क्षेत्र मे इन दिनों भीषण गर्मी मे विजली के लिए हर तरफ हाहाकार मचा है और उपभोक्ता परेशान व हलकान है। इटियाथोक पावर हाउस मे स्थापित दोनों ट्रांसफार्मर व सभी पांचो फीडर के पैनल इन दिनों ओवरलोड मे रहते है, जिस वहज से क्षेत्र मे निर्बाध विजली आपूर्ति नहीं हो पा रही है। जनसमस्या की पूरी जानकारी होने पर भी जिम्मेदार आलाधिकारी हाथ खड़ा कर दिए है। 
दरअसल, पावर हाउस मे लगे 5 व 10 एमवीए के दोनों ट्रांसफार्मर सहित सभी पांचो फीडर के पैनल/ आउटगोइंग मशीन इन दिनों ओवरलोड मे रहते हैँ। इस वजह से कोई भी फीडर सूचारु रूप से निर्बाध विजली आपूर्ति नहीं कर पर रहा है और क्षेत्र के उपभोक्ताओ मे आक्रोश व्याप्त है। क़स्बा, बाजार, चौक, चौराहा व गाँव मे हर तरफ भीषण गर्मी मे बिजली के लिए हाहाकार मचा है। अगर उपभोक्ताओ की माने तो शाम से लेकर आधी रात के बाद तक कोई भी फीडर निर्बाध विजली आपूर्ति नहीं कर पा रहा है। इस दौरान अनेक बार ट्रिपिंग व रोस्टिंग का सामना लोग कर रहे है। इस अवधि मे कई घंटो तक दर्जनों बार विजली के आने व जाने का क्रम लगातार जारी रहता है। ओवरलोड या अन्य समस्या की वजह से सप्ताह मे दो से तीन दिन सबसे बड़ा फीडर ईस्ट व साउथ पूरी रात बंद रहता है। पावर हाउस से सटे मुख्य कस्बे के लोग भी आजकल बिजली आपूर्ति को लेकर काफी परेशान देखे गए।
👉🏻विजली विभाग के "मुख्य अभियंता" का कहना है की क्षेत्र मे जबरदस्त विजली चोरी हो रही है, इस वजह यह दिक्क़त है, अगर चोरी न हो तो सब सामान्य रहेगा, कहा की ट्रांसफार्मर या पैनल की क्षमता बृद्धि फिलहाल इसी वजह से यहाँ सम्भव नहीं है। अब ऐसे मे यह सवाल खड़ा हो रहा है की अगर विजली चोरी से यह समस्या उत्पन्न हुई है तो इसको हल करने की जिम्मेदारी आखिर किसकी है??
विभागीय सूत्रों ने बताया की पावर हाउस मे लगे 5 एमवीए ट्रांसफार्मर की क्षमता करीब 262 एमपीयर की है जो इन दिनों लगभग 320 एमपीयर का लोड दिखा रहा है और समस्या आ रही है। इसी प्रकार यहाँ 10 एमवीए के दूसरे ट्रांसफार्मर की क्षमता करीब 525 एमपीयर की है जो इन दिनों लगभग 690 एमपीयर का लोड दिखा रहा है और दिक्क़त पैदा कर रहा है। अगर अंदर लगे पैनल की बात करे तो पांचो फीडर के हर पैनल की क्षमता 200 एमपीयर है, इनपर भी काफी अधिक लोड आ रहा है और यह निर्बाध काम नहीं कर पा रहे है। अगर बड़े फीडर ईस्ट के पैनल की बात करे तो वह आजकल 290 एमपीयर तक भाग रहा है जबकि साउथ फीडर का पैनल 240 एमपीयर तक जा रहा है। ऐसी दशा मे बेहतर विजली आपूर्ति नहीं हो पा रही है। मोटर लगाने को लेकर बदनाम कुछ किसानों से बात हुई तो उन्होंने कहा की क्षेत्र की सरयू नहर पूरी तरह फेल है और राजकीय नलकूप या तो खराब है या उनकी नालियां पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है ऐसे मे इनके बलपर फ़सल सिंचाई नहीं हो सकती। इन किसानों ने कहा की ज़ब हर जगह सभी लोग मोटर लगाकर सिंचाई कर रहे तो हम भी इसका इस्तेमाल कर रहे है। यानी यहाँ एक दूजे के देखा देखी मे यह व्यवस्था चल रही है। जानकारो का कहना है की क्षेत्र मे अनेक जगह बिल्डिंग व कारपेंटर (बढई) अपनी दूकान बगैर लीगल कनेक्शन के अवैध तरीके से चला रहे है और अपनी मशीनों से अधिक विजली की खपत कर रहे है। इसी प्रकार गाँव गाँव अधिक बिजली खपत करने वाले मोटर लगाकर किसान अवैध रूप से विजली खर्च कर रहे है, साथ ही क्षेत्र मे तमाम अवैध कनेक्शन भी चल रहे है, जिस वजह से यह समस्या आ रही है। अनेक जगह लोग लीगल कनेक्शन से हटकर बाईपास के जरिये एसी और कूलर चला रहे है जो अधिक विजली लेकर लोड को बढ़ा रहे है। तमाम जगह बगैर लीगल कनेक्शन के पंचायत घरो और उप स्वास्थ्य केन्द्रो पर बिजली खर्च हो रही है।
विभागीय लोगो का कहना है की इन सबको किसी न किसी राजनैतिक व्यक्ति का संरक्षण मिला है जिस वजह से इनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है, अगर कुछ किया जाए तो उलटे हम सबकी फजीहत होती है। ऐसे मे तो अब यही लग रहा है की क्षेत्र के लोगो को आगामी कुछ माह तक इस भीषण गर्मी मे कोई राहत नहीं मिलने वाली है। गौरतलब है की इटियाथोक पावर हाउस से कुल पांच फीडर संचालित है और लगभग 24 हजार पांच सौ उपभोक्ताओ को विजली आपूर्ति की जाती है, जो आजकल बिजली समस्या से ग्रसित है।
👉🏻 पावर हाउस के ट्रांसफार्मर व पैनलो के ओवरलोड के सम्बन्ध मे मुख्य अभियंता (विद्दूत वितरण क्षेत्र देवीपाटन गोण्डा) एमपी सिंह ने कहा की विजली चोरी की वजह से यह दिक्क़त आ रही है, अगर चोरी न हो तो कोई समस्या नहीं उत्पन्न होगी, उन्होंने कहा की फिलहाल पावर हाउस मे किसी प्रकार की कोई क्षमताबृद्धि अभी सम्भव नहीं है। वहीँ स्थानीय पावर हाउस के अवर अभियंता अजय कुमार गुप्ता ने कहा की उपभोक्ताओ की समस्या से अवगत हु, निदान के प्रयास किये जाएंगे। कुल मिलाकर अगर "मुख्य अभियंता" के बात पर गौर करें तो यहाँ शायद यह दिक्क़त अभी बनी रहेगी और वास्तविक उपभोक्ताओ को विजली समस्या से कोई निजात नहीं मिलने वाली है।। गोण्डा से प्रदीप पांडेय की ख़ास रिपोर्ट।।