गोण्डा- "जाके पैर न फटी बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई",,,,,,,,,,,, जी हाँ, जिले के जिम्मेदार अधिकारियों का कुछ ऐसा ही हाल है। वह लोग रात मे 'एसी' की ठंढी हवा मे गोते लगाकर चैन से सोते है तो उनको गाँव की जनता की समस्या का अनुमान आखिर कैसे होगा? हो सकता है यह लाइने किसी अधिकारी को या उनके पैरोकार को अप्रिय लगे लेकिन हकीकत यही है।
दरअसल, इन दिनों बिजली संविदाकर्मियों की हड़ताल चल रही है और अनेक ग्रामो की विजली आपूर्ति लगातार करीब 25 घंटो से बाधित है। बीती रात भी तमाम ग्रामो मे अंधेरा कायम रहा। मच्छर और गर्मी मे बीती रात ग्रामीण व्याकुल रहे, जिनकी समस्या से जिले के किसी अधिकारी को शायद कोई मतलब नहीं है? हो सकता है की मुख्य अभियंता (विद्युत वितरण क्षेत्र देवीपाटन गोण्डा) को अभीतक इस हड़ताल की कोई जानकारी ही न हो (इसकी वजह भी आपको नीचे मिल जायेगी)। लोग बता रहे की आयुक्त देवीपाटन मंडल व जिलाधिकारी को जनता की हर समस्या से मतलब होता है और उसका निदान यह करते है, लेकिन यहाँ शायद उनको भी ग्रामीण जनता की विजली समस्या से कोई ख़ास मतलब नहीं है।
बताते चले की बिजली संबिदाकर्मी छटनी का विरोध करते हुए इन दिनों हड़ताल पर है। जिले मे हड़ताल से बिजली व्यवस्था चरमरा गई है और हड़ताल के चलते उपभोक्ता हलकान व परेशान है। सबसे अधिक समस्या ग्रामीण क्षेत्रो मे आ रही है। बिजली न मिलने से लोग परेशान है और उनमे अधिकारियों व कर्मचारियो के प्रति गुस्सा भी देखने को मिल रहा है।
गौरतलब है की जिले के 650 से अधिक संविदाकर्मी गोण्डा नगर मे अधीक्षण अभियंता कार्यालय के सामने 20 मई से धरना दे रहे है जो 22 मई तक चलेगा। कर्मियों द्वारा बताया गया की अगर उनकी मांग न पूर्ण हुई तो यह कार्यक्रम 23 मई से अनिश्चितकालीन हो जाएगा।
हर जगह की तरह इटियाथोक पावर हाउस के संविदाकर्मी भी इस हड़ताल मे शामिल है। यहाँ के 17 संविदाकर्मी इन दिनों काम नहीं कर रहे है। हड़ताल का असर यहाँ भी दिख रहा है। यहाँ सबसे बड़े ईस्ट फीडर पर 7 हजार से अधिक उपभोक्ता है जिन्हे लाइन खराबी के चलते 21 मई को सुबह से शाम पुरे दिन बिजली नहीं मिली। यह फीडर बीती रात भी नहीं चल पाया और लगातार करीब 25 घंटो से उपभोक्ता यहाँ बगैर विजली के रह रहे है। यह फीडर आज दिन मे या आने वाली रात मे चलेगा या नहीं यह कोई बताने वाला नहीं।
ईस्ट फीडर से नौसहरा, परसिया, बहोरीपुर, चुरिहारपुर, अयाह, वेदपुर, रानीजोत, मोहनपुर, रमवापुर, बसवरिया, रमगढ़िया, बनजरिया आदि सहित सैकड़ो ग्रामो को विजली आपूर्ति होती है जो कल सुबह से ही बाधित चल रही है। उपभोक्ताओ का कहना है की कोई भी अधिकारी बिजली आने की जानकारी देने हेतु फोन तक नहीं उठा रहा है। इसी प्रकार यहाँ अन्य फीडर से जुड़े कुछ ग्रामो की आपूर्ति भी बाधित बताई जा रही है।
संविदाकर्मियों के हड़ताल के चलते व 11 हजार लाइन में फाल्ट होने से अनेक ग्रामो की विद्युत आपूर्ति ठप है। एक तरफ जहाँ उपभोक्ता परेशान हैं वहीँ विभाग हड़ताल खत्म होने का इंतजार कर रहा है। इटियाथोक पावर हाउस पर तैनात अवर अभियंता अजय कुमार गुप्ता ने कहा की खराब लाइनो को दुरुस्त कराकार आपूर्ति बहाल कराने का प्रयास जारी है। हड़ताल के बावत उप्र पावर कारपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ के देवीपाटन मंडल जोन अध्यक्ष अतुल सिंह ने कहा की अगर मांग न पूरी हुई तो हड़ताल आगे भी जारी रहेगा।
👉🏻क्या मुख्य अभियंता को विजली कर्मियों के हड़ताल की जानकारी नहीं????
यह हम इसलिए कह रहे है क्योंकी जिले मे शुरू इस हड़ताल से पूर्व इन कर्मियों की एक दिवसीय हड़ताल हाल मे ही लखनऊ मे थी, इस जिले व मंडल सहित अनेक जिलों के विजली कर्मचारी वहाँ मौजूद थे। इस दौरान भी इटियाथोक क्षेत्र की विजली आपूर्ति बाधित थी। हड़ताल से उत्पन्न इस समस्या को लेकर ज़ब मुख्य अभियंता (विद्युत वितरण क्षेत्र देवीपाटन गोण्डा) एमपी सिंह से दूरभाष पर बात हुई तो उन्होंने कहा की कोई हड़ताल नहीं है। उन्होंने निदान के लिए एसडीओ का मोबाइल नंबर देते हुए उनसे संपर्क करने को कहा। उस वक्त ज़ब एसडीओ शेषमणि त्रिपाठी से बात हुई तो उन्होंने कहा की हड़ताल से समस्या आई है समाधान का प्रयास किया जा रहा है। हो सकता है मुख्य अभियंता को लखनऊ वाले हड़ताल की जानकारी नहीं थी तो इस बार के हड़ताल की जानकारी भी न हो?
फिलहाल लखनऊ के हड़ताल के अगले दिन भीषण गर्मी मे फिर इलाके की आपूर्ति बाधित हुई। इटियाथोक विद्दूत विभाग के लोगो ने कहा की पावर हाउस का दोनों मुख्य ट्रांसफार्मर और पांचो फीडर के पैनल ओवरलोड मे है। इस वजह निर्बाध आपूर्ति नहीं हो पा रही है, क्षमता बृद्धि हेतु लिखा पढ़ी बहुत दिनों से है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस बारे मे ज़ब मुख्य अभियंता से फोन पर पुनः बात हुई तो उन्होंने कहा की यहाँ भारी मात्रा मे विजली चोरी हो रही है इस वजह सिस्टम ओवरलोड है, उन्होंने कहा की अगर बिजली चोरी न हो तो हमारा सिस्टम सामान्य लोड पर चलेगा, अतः हम कोई क्षमताबृद्धि नहीं कर सकते है। कुल मिलाकर चीफ महोदय को उस वक्त हड़ताल की जानकारी नहीं हुई और अगले दिन ओवरलोड की समस्या को चोरो के माथे पर लाद दिया और उनकी जिम्मेदारी ख़त्म हो गई। अब इस हड़ताल की भी अगर उन्हें जानकारी होगी तो उनके पास शायद कोई हल नहीं उपलब्ध होगा??
👉🏻अगर गोण्डा डीएम व देवीपाटन मंडल आयुक्त महोदय की बात करे तो शायद उनको भी हड़ताल की हकीकत नहीं बताई गई, या फिर उनको भी जनता की विजली समस्या से कोई मतलब नहीं? क्योंकी अगर हड़ताल पूर्व नियोजित है और इस वक्त जारी है तो शिकायत दर्ज कराने हेतु जनपद मे कंट्रोल रूम क्यों नहीं बनाया गया? अगर कर्मचारी काम पर नहीं है तो सभी पावर हाउस पर क्या बैकल्पिक व्यवस्था की गई और खराब लाइन को कौन बना रहा? जनता को कैसे और कितनी विजली मिल रही? अगर ग्रामो की आपूर्ति बाधित है तो जबाबदेही किसकी है??? शायद इसका जबाब जिले व मंडल मे किसी अधिकारी के पास नहीं है।