दो टूक, गोण्डा- जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इटियाथोक मे एंटी रेबीज वैक्सीन अब प्रतिदिन लगाया जाता है। पूर्व मे यह सुबिधा यहाँ सिर्फ मंगलवार और शुक्रवार को मिलती थी। सीएचसी अधीक्षक डॉ0 सुनील कुमार ने उक्त जानकारी देते हुए बताया की कुत्ता, भेंडिया, गीदड़ आदि के काटने पर लगने वाले इंजेक्शन के लिए पहले सप्ताह मे महज दो दिन निर्धारित थे। बाकी दिनों मे आने वाले लोगो को वापस लौटना पड़ता था। आमजन की समस्या को देखते हुए आलाधिकारियों के निर्देश पर अब प्रतिदिन यह सुबिधा उपलब्ध कराई जा रही है। सेवा को लेने के लिए अस्पताल के काउंटर पर आकर सिर्फ एक रुपये का पर्चा कटवाना होता है। उन्होंने बताया की रेबीज का टीका एक इंजेक्शन है जो रेबीज संक्रमण को रोकता है। रेबीज़ एक ऐसी बीमारी है जो कुत्ता आदि जानवर के काटने के बाद हो सकती है अगर जानवर में आरएबीवी वायरस है तो। रेबीज़ के कारण दौरे, मतिभ्रम और पक्षाघात जैसे लक्षण होते हैं। वायरस के संपर्क में आने के बाद या यदि आप उच्च जोखिम में हैं तो आप टीका लगवा सकते हैं। यहाँ मौजूद डॉ0 एसके प्रजापति ने बताया की एंटी रेबीज वैक्सीन या आलर्क निरोधी वैक्सीन उस स्थिति में दिया जाता है जब किसी व्यक्ति को पागल कुत्ता, गीदड़, भेड़िए आदि काट ले। वैक्सीन न लगवाने की स्थिति में रेबीज़ रोग होने का खतरा होता है। मरीज को 72 घंटे के अंदर आलर्क निरोधी वैक्सीन लगवाना अतिआवश्यक है। अगर किसी वजह से 72 घंटे मे नहीं लग पाया है तो उसके बाद बगैर देर किये तत्काल टीका लगवाए। उन्होंने बताया की इस टीके को लगवाने मे की गई लापरवाही काफी खतरनाक साबित हो सकती है और टीका समय से न लगने पर लाइलाज बीमारी होने की पूरी संभावना बनी रहती है। उन्होंने बताया की यह टीका रेबीज की बीमारी से बचने में कारगर के साथ-साथ सुरक्षित भी है।। गोण्डा से प्रदीप पांडेय की रिपोर्ट।।