लखनऊ :
PGI में इंस्पेक्टर समेत चार दरोगाओं के खिलाफ FIR दर्ज,फर्जी केस मे फंसाने का आरोप।।
दो टूक : राजधानी लखनऊ के थाना पीजीआई मे एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर की तहरीर पर इस्पेक्टर समेत चार दरोगाओं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुआ है पांचो लोगों पर
झूठे साक्ष्य गढ़ने, साजिश रचने का आरोप है। आरोपी पुलिसकर्मियों ने पांच साल पहले एक कारोबारी समेत चार बेगुनाह लोगों को सरिया चोरी के फर्जी केस में गिरफ्तार किया था। कोर्ट में पेश करने के बाद आरोपी जेल भेजे गए थे।
विस्तार :
जानकारी के अनुसार एंटी करप्शन में तैनात इंस्पेक्टर नुरुल हुदा खान ने थाना पीजीआई मे इस्पेक्टर समेत चार दरोगाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि बंथरा थाने की पुलिस ने 31 दिसंबर 2020 को बंथरा कस्बा निवासी लोहा कारोबारी विकास गुप्ता और अंबेडकरनगर शिवपुरा निवासी डाला चालक दर्शन जाटव को पकड़ा था। दरोगा संतोष कुमार सिंह की तहरीर पर 18 पीस सरिया चोरी का मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार किया था। बाद में कोर्ट में पेशकर जेल भेजा गया था।
आरोपियों के बयान के आधार पर बंथरा के पहाड़पुर निवासी पूर्व बीडीसी सदस्य रंजना सिंह के पति लालता सिंह, उनके बेटे कौशलेंद्र सिंह, सतीश सिंह और शेखपुर के कल्लू गुप्ता को भी आरोपी बनाया गया था। 2022 में लालता और कल्लू को भी गिरफ्तार किया था। ये दोनों भी जेल गए थे। आरोपियों के बयान मनगढ़ंत रूप से दर्ज किए गए थे।
लालता सिंह की पत्नी रंजना सिंह ने इसकी शिकायत DGP से लेकर शासन तक की थी। तब जांच एंटी करप्शन को सौंपी गई थी। इंस्पेक्टर नुरुल हुदा ने बताया कि जांच में खुलासा हुआ कि सरिया चोरी का मामला पूरी तरह फर्जी था।
पुलिस वालों ने किसी के साथ मिलकर निर्दोष लोगों पर केस दर्ज कर गिरफ्तारी की। जांच में आए साक्ष्यों के आधार पर तीन दिसंबर को पीजीआई थाने में बंथरा थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर अपराध प्रहलाद सिंह व चार दरोगा संतोष कुमार, राजेश कुमार, दिनेश कुमार और आलोक कुमार सिंह पर केस दर्ज कराया गया है।
आरोपी दरोगा आलोक कुमार सिंह लखनऊ पुलिस लाइन में तैनात हैं वहीं अन्य आरोपी बहराइच जनपद में तैनात हैं। सभी पर निलंबन समेत अन्य विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस के अनुसार एंटी करप्शन लखनऊ मण्डल के इंस्पेक्टर की तहरीर पर थाना पीजीआई मे मुकदमा पंजिकृत किया गया है। जिसकी विवेचना की जा रही रही है।।
