लखनऊ :
जमीनी रंजिश मे भतीजे ने दृष्टिहीन चाचा की गोली मारकर की हत्या,हुआ फरार।।
दो टूक : लखनऊ के थाना दुबग्गा क्षेत्र टांड खेड़ा गॉव में जमीनी विवाद में रिस्तों का खून का मामला सामने आया जहाँ भतीजे ने चाचा की गोली मारकर हत्या कर दी। चाचा अपने ननिहाल में रह रहे थे भतीजा अपने बेटे के साथ शुक्रवार को उनको लेने आया था घर वापस जाने से मना करने पर विवाद हुआ अनहोनी घटना से इलाके मे सनसनी फैल गई। हत्या की सूचना पर पहुची स्थानीय पुलिस ने छानबीन शुरु कर दी और मौके पर फोरेंसिक टीम बुलाकर साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने आवश्यक विधिक कार्रवाई करते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की दो टीम गठित की गई है।
विस्तार :
थाना मानक नगर क्षेत्र मेंहदी खेड़ा के रहने वाले चाचा वीरेंद्र यादव उर्फ डोंगा जन्मजात दृष्टिहीन थे। पिछले छह महीने से अपनी माँ अशोका देवी के साथ टांड़ खेड़ा दुबग्गा में स्थित अपने ननिहाल में रह रहे थे। शुक्रवार शाम वीरेंद्र गाँव निवासी सुरेश के घर के बाहर बनी पानी की हौदिया की दीवार पर बैठे थे तभी उसका सगा भतीजे जितेंद्र यादव एवं उसका बेटा चिराग बाइक से आया और बाद विवाद के दौरान बाइक पर पीछे बैठे जितेंद्र ने असलहे से वीरेंद्र के सीने पर गोली मारकर भाग निकले। दिनदहाड़े हुई हत्या से इलाके मे सनसनी फैल गई। सूचना पर पहुची पुलिस घटना की छानबीन मे जुट गई।
कपिल यादव के अनुसार चाचा वीरेंद्र का अपने सगे भाई नरेंद्र से जमीनी विवाद चल रहा था। नरेंद्र की प्रताड़ना से तंग आकर माँ अशोका देवी बेटे वीरेंद्र के साथ मायके में रहने लगी थी। जमीनी विवाद के चलते शुक्रवार नरेंद्र यादव अपने बेटे चिराग के साथ बाइक से वीरेंद्र के घर पहुंचा था। बाइक चिराग चला रहा था। दोनों ने हेलमेट पहन रखा था। गाँव निवासी सुरेश के घर के सामने बनी पानी की हौदिया के किनारे बैठे वीरेंद्र के सीने में असलहे से गोली मार दी।
गोली लगने से वीरेंद्र हौदिया में ही गिर गए। बगल में जानवरों को चारा पानी कर रही प्रीति ने गोली की आवाज सुनकर शोर मचाया तो नरेंद्र ने असलहा तानकर जान से मारने की धमकी देकर बेटे संग बाइक से भाग निकला। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल को ट्रॉमा सेंटर भेज दिया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मृतक के मामा रमेश के बेटे कपिल ने दोनों पर नामजद हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। गोली मारकर हत्या कर देने के मामले में डीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव और एसीपी काकोरी शकील अहमद ने घटनास्थल पर जाकर जांच पड़ताल की। पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
डीसीपी ने बताया कि मृतक के पिता बेचालाल रेलवेकर्मी थे। बेचलाल की मौत के बाद पत्नी अशोका देवी को पेंशन मिल रही थी। वीरेंद्र अविवाहित होने के कारण मां के साथ रहता था। मां के नाम जमीन पर नरेंद्र रंजिश रखता था। शुक्रवार को वीरेंद्र को लेने नरेंद्र का बेटा जितेंद्र यादव उर्फ अन्नू और उसका बेटा चिराग आया था। वीरेंद्र के मना करने पर भतीजे जितेंद्र ने गोली मारकर हत्या कर दी।
