रविवार, 14 दिसंबर 2025

गोण्डा- गीता गोष्ठी के रजत जयंती समारोह मे शामिल हुए तमाम लोग, कलश यात्रा, यज्ञ हवन एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से भक्तिमय हुआ नगर

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गोण्डा- नगर की लब्ध प्रतिष्ठ आध्यात्मिक संस्था गीता गोष्ठी के तत्वावधान में रविवार को मालवीय नगर स्थित रामलीला मैदान में रजत जयंती समारोह गीता ज्ञान प्रसार यात्रा, प्रवचन एवं सनातन धर्म के  प्रख्यात संत महात्मा व राष्ट्रीय वक्ताओं के उद्बोधन के साथ देर सायं सम्पन्न हुआ। गीता गोष्ठी के रजत जयंती समारोह में सनातन महासंघ के संस्थापक अध्यक्ष हरियाणा के डा. गौतम खट्टर ने अपने उद्बोधन में देश में सनातन समाज की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए हुए युवाओं को ललकारकर कहा कि हमारे अखंड भारत की परिकल्पना से पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, श्रीलंका व नेपाल खंडित होकर अलग देश बन गए। सनातनियों को सत्य स्वीकार करने की क्षमता पैदा करनी होगी। श्रीमद्भागवत गीता हमें विषाद दूर करने के लिए बाबा बनने की प्रेरणा नही वरन् विपरीत परिस्थितियों को अनुकूल बनाने के लिए अर्जुन जैसा कर्मयोद्धा बनाने की क्षमता देती है। उन्होंने सनातनियों को सचेत करते कहा कि हमें बहराइच में गाजी जैसे लुटेरे व आक्रमणकारी आतताई की कब्र की पूजा नही राजा सुहेलदेव के समाधि स्थल की पूजा करना चाहिए।
समारोह में स्वदेशी जागरण के जनार्दन सिंह के संचालन में कार्यक्रम आयोजक इं. सुरेश दूबे ने 17 दिसंबर 2000 से शुरू गोष्ठी के 25 वर्ष इतिहास पर प्रकाश डालते हुए गोष्ठी से जुड़े व समर्पित सहयोगियों व गोष्ठी के प्रमुख राष्ट्रीय संत वक्ता वाराणसी के राजर्षि गांगेय हंस के आकस्मिक निधन पर श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किया। 
युवाओं के प्रेरणा वक्ता महिम तिवारी ने कहा कि वर्तमान में देश में सनातन धर्म के कुछ विरोधियों द्वारा स्वातन्त्रय आंदोलन का प्रेरक मंत्र व राष्ट्रवादी गीत  वन्देमातरम का विरोध किया जा रहा, जो हमारे सांस्कृतिक मूल्यों पर खुली चुनौती है। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि गीता में योगेश्वर श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए संदेश से प्रेरणा से राष्ट्रद्रोहियों को समुचित प्रत्युत्तर देना चाहिए। समारोह में जूना अखाड़ा हरिद्वार के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि जी महाराज एवं महामंडलेश्वर डा. प्रेम आनन्द महाराज ने सभी सनातनियों को धर्म विरोधियों से सावधान रहकर भगवद्गीता को धर्म, कर्म, पूजा तक सीमित न रखकर उसके संदेश से प्रेरणा लेकर कर्मक्षेत्र में उतरकर विश्व में सनातन की कीर्ति विश्व में स्थापित करने की प्रेरणा दी।   
समारोह का शुभारम्भ सेवानिवृत प्राध्यापक डा. शैलेन्द्र मिश्र के द्वीप प्रज्वलन से हुआ। इसके पूर्व प्रातः रामेश्वर मंदिर परिसर में आयोजित राष्ट्र कल्याण यज्ञ में सैकड़ों धर्म प्रेमियों ने आहुति देकर किया। सैकड़ों श्रद्धालु महिलाओं व विद्यालयों के छात्रों ने विहिप के प्रदेशीय नेता राकेश वर्मा गुड्डू, रामलीला कमेटी अध्यक्ष अनिल सिंह व छात्रनेता धीरेन्द्र पांडे के नेतृत्व में गीता ज्ञान प्रसार यात्रा में भाग लेकर नगर के चौक बाजार, ठठेरी बाजार, दुखहरणनाथ मंदिर व गुरुनानक चौराहा होकर  आयोजन स्थल पर गीता से प्रेरणा लेने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम के आयोजन में चन्द्रभाल मिश्र, पूर्व विधायक तुलसीदास रायचंदानी, पूर्व मंत्री योगेश प्रताप सिंह, के.के. श्रीवास्तव, अमर किशोर कश्यप, रमेश दूबे आदि सहभागी रहे।

=संगीत प्रस्तुतियों ने समारोह में जमाया रंग= गोण्डा- गीता गोष्ठी के रजत जयंती समारोह में लब्ध प्रतिष्ठ संगीतकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। आकाशवाणी गायिका व प्राध्यापक डा. किरन पाण्डेय के निर्देशन में कीर्ति सिंह व प्रतीति पाण्डे ने शास्त्रीय शैली में सुर लय ताल से अपने भजन गीतों की प्रस्तुति से वातावरण को भक्तिमय बना दिया। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में - कान्हा तोसे लागा जो ये मन, हमारो मन राधा ले गई रे, राधा राधा कहा कीजिए, हे मुरलीधर कृष्ण कन्हाई, तेरी शरन में आके मैं धन्य हो गया हूँ एवं हे कृष्ण गोविंद हरे मुरारी आदि भजनों की प्रस्तुति पर श्रद्धालु दर्शको ने करतल ध्वनि से कलाकारों की प्रस्तुति की सराहना की।