अम्बेडकरनगर :
अलाव में पड़ी गीली लकड़ियां, कैसे मिले ठंड से निजात।।
।। ए के चतुर्वेदी।।
दो टूक : दिसंबर माह के अंत में बढ़ी ठंड व गलन से आम जनमानस ही नहीं, पशु-पक्षी भी बेहाल हैं। लोगों को ठंड से राहत दिलाने के नाम पर प्रशासनिक अधिकारी पूरी तरह बेसुध हैं। अकबरपुर नगर के विभिन्न स्थानों पर पालिका परिषद की ओर से जलवाए जा रहे अलाव की हालत यह है कि गरीबों व राहगीरों के लिए जलने वाले अलाव में आग तो दूर धुंआ तक नहीं उठ रहा है। गीली लकड़ियों की आपूर्ति कर नपाप कर्मी अपना हाथ सेंकने में जुटे हैं। जबकि नपाप अधिकारी इससे अंजान हैं।जनवरी माह लगने के पहले ही ठंड ने कहर बरपाना शुरू कर दिया। सूर्य देवता भी दो दिनों से आंख मिचौली खेल रहे हैं। नपाप की ओर से अलाव में जलवाई जा रही लकड़ियों में लोग कागज, टायर व कूड़े में आग लगाकर अलावा को फूंकते व ठंड से लड़ते नजर आ रहे हैं। दोपहर में सूर्य देवता के दर्शन भी नहीं हो रहा है । शाम होते ही मौसम करवट ले लेता है और ठंड के साथ गलन बढ़ जाती है। लोग अलाव की आवश्कता महसूस होने लगती है। तब नगर पालिका द्वारा जलवाए जा रहे अलावों की पोल खुल जाती है। नपाप की गाड़ी लकड़ी लेकर चिन्हित स्थानों पर पहुंचती है। पालिका कर्मी वहां लकड़ी के कुछ टुकड़े गिराते हैं और लकड़ियों पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा देते हैं। ज्वलनशील पदार्थ पड़ने पर ऊंची लपटें निकलने लगती हैं और कर्मचारी इन्हीं लपटों की सेल्फी लेकर चले जाते हैं। कुछ ही देर बाद लकड़ियां ठंडी हो जाती हैं। गीली होने के कारण उसमें आग नहीं पकड़ पाती।मीडिया टीम ने विभिन्न स्थानों पर जल रहे अलाव का जायजा लिया। जिसमें यह पाया गया कि लगभग सभी स्थानों पर नपाप द्वारा गिराई गई लकड़ियां गीली हैं। टैक्सी स्टैंड सहित कई स्थानों पर लोगों ने बताया कि पालिका कर्मी सिर्फ सुबह के समय लकड़ी के कुछ टुकड़े डालकर चले जाते हैं।
