मंगलवार, 25 नवंबर 2025

गौतमबुद्धनगर: नोएडा में SIR प्रक्रिया पर बवाल तेज: FIR, इस्तीफों और विपक्षी दबाव से प्रशासन में हड़कंप!!

शेयर करें:


गौतमबुद्धनगर: नोएडा में SIR प्रक्रिया पर बवाल तेज: FIR, इस्तीफों और विपक्षी दबाव से प्रशासन में हड़कंप!!

 !!वरिष्ठ संवाददाता देव गुर्जर!!

दो टूक:: गौतमबुद्धनगर। जिले में चल रही Special Identification Revision (SIR) प्रक्रिया पर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। एक ओर प्रशासन की सख़्ती, दूसरी ओर BLO पर बढ़ता दबाव—इन सबके बीच SIR को लेकर पूरा माहौल राजनीतिक रंग ले चुका है। हालात ऐसे हैं कि BLO के इस्तीफे, FIR और विपक्षी घेराबंदी की वजह से यह मुद्दा जिले की सबसे बड़ी सुर्खी बन गया है।

सबसे बड़ा झटका तब लगा जब नोएडा की डीएम मेधा रूपम ने SIR प्रक्रिया में लापरवाही के आरोप में 60 BLO के खिलाफ FIR दर्ज कराने का आदेश दिया। इस कार्रवाई के बाद जिलेभर के BLO में बेचैनी फैल गई। अचानक दर्ज हुई FIR ने फील्ड में काम कर रहे BLO को मानसिक और कार्यगत दबाव में ला दिया है।

विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे को तुरंत लपक लिया और सरकार व प्रशासन दोनों पर हमला तेज कर दिया। समाजवादी पार्टी के नेता सुधीर चौहान ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "FIR और इस्तीफों की बढ़ती संख्या यह साफ दिखाती है कि BLO पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है। बिना तैयारी, बिना ट्रेनिंग और बिना उचित मार्गदर्शन के BLO से इतनी संवेदनशील प्रक्रिया कराना अत्याचार है।"
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार सिर्फ आदेश दे रही है, लेकिन BLO की सुरक्षा, सुविधा और प्रशिक्षण पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।

विपक्षी पार्टियों ने SIR प्रक्रिया की समय सीमा बढ़ाने की औपचारिक मांग भी उठा दी है। उनका कहना है कि जब तक BLO को सही तरह की ट्रेनिंग और दिशा-निर्देश नहीं दिए जाते, तब तक यह पूरी प्रक्रिया अधूरी और अव्यवस्थित रहेगी।
कई विपक्षी नेताओं का कहना है कि गलतियों की पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होनी चाहिए, न कि BLO पर थोप दी जाए।

दूसरी ओर बढ़ते दबाव के बीच नोएडा की दो महिला BLO ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि ये इस्तीफे सीधे तौर पर SIR प्रक्रिया की जटिलता और FIR के डर से जुड़े हुए हैं। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि जमीनी स्तर पर काम कर रहे BLO खुद को असुरक्षित और असमर्थ महसूस कर रहे हैं।

इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर प्रशासनिक तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है। SIR जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रिया में लगातार हो रही कमियाँ, BLO का विरोध, राजनीतिक दखल और FIR के बाद का माहौल—इन सबने जिले में तनाव बढ़ा दिया है।
प्रशासन अब दबाव में है, जबकि विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बनाकर पूरी ताकत से मैदान में उतर चुका है।

कुल मिलाकर, नोएडा में SIR प्रक्रिया सिर्फ प्रशासनिक गतिविधि नहीं रही, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा बन चुकी है, जिसके शांत होने में अभी समय लग सकता है।