गुरुवार, 20 नवंबर 2025

लखनऊ : महानगर परिवहन सेवा में प्रयुक्त परिचालकों को पुनः यूपीएसआरटीसी सेवा में रखा जाएगा : एम डी परिवहन निगम।||Lucknow: Operators employed in the Metropolitan Transport Service will be reinstated in the UPSRTC service: MD Transport Corporation.||

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लखनऊ  : 
महानगर परिवहन सेवा में प्रयुक्त परिचालकों को पुनः यूपीएसआरटीसी सेवा में रखा जाएगा : एम डी परिवहन निगम।
दो टूक : लखनऊ : महानगर परिवहन सेवा में प्रयुक्त परिचालकों को पुनः उत्तर प्रदेश परिवहन निगम में सेवा में रखा जाएगा। 
यह जानकारी देते हुए एम डी परिवहन निगम प्रभु एन सिंह ने बताया कि वर्ष 2009 में नगरीय विकास विभाग के अधीन विभिन्न महानगरों में महानगर परिवहन सेवा की स्थापना करते हुए, सी०एन०जी०, डीजल चलित वाहनों का संचालन प्रारम्भ किया गया था। इन वाहनों के संचालन की जिम्मेदारी निगम के अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों की थी।
एम डी परिवहन निगम ने बताया कि  निगम स्तर पर निर्धारित व्यवस्थानुसार ही इन्हें रखा जाता था। यह किसी सेवाप्रदाता के माध्यम से  नहीं रखे गये थे, बल्कि सीधे ही रखे गये थे।
श्री सिंह ने बताया कि वर्तमान में सिटी ट्रान्सपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड में संचालित बसों की आयु पूर्ण हो जाने के कारण इनका संचालन पूरी तरह से बन्द हो गया है तथा बसें नीलाम हो रही है। सिटी ट्रान्सपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड में लगभग 15 वर्ष से अधिक परिचालन अनुभव को देखते हुए उन्हें निगम स्तर पर निर्धारित शर्तों के अधीन परिचालक पद पर पुनः रखा जाना तर्कसंगत पाया गया। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में परिचालक बेरोजगारी की स्थिति का सामना कर रहे थे। जिसके दृष्टिगत उक्त निर्णय लिया गया है। इसका लाभ परिवहन निगम को भी प्राप्त होगा परिवहन निगम में परिचालकों की कमी दूर हो सकेगी।

श्री सिंह ने बताया कि नगरीय विकास विभाग के नियन्त्रणाधीन विभिन्न महानगरों में महानगरीय परिवहन सेवाओं में कार्यरत संविदा परिचालक जो पूर्व में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम से सीधे रखे गए थे एवं जिनकी प्रतिभूति राशि निगम में जमा हुई, उक्त श्रेणी के संविदा परिचालक, जो कि निगम में अपनी सेवायें देना चाहते हो, को पुनः निगम स्तर पर रखे जाने हेतु प्रस्ताव पर अनुमोदन प्रदान किया गया है। उन्होंने बताया कि पुनः सेवा में रखे जाने के लिए परिचालकों के पास  वैध परिचालक लाइसेन्स हो, इनके विरूद्ध कोई अनुशासनिक प्रकरण, विधिक वाद लम्बित न हो तथा परिचालकों की अनुबन्ध अवधि खण्डित न हो। इसके अलावा उनके पास इण्टरमीडियट की योग्यता के साथ-साथ केन्द्र/राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त संस्थाओं से "सीसीसी" कम्प्यूटर प्रमाण पत्र की अर्हता रखते हो। जिन परिचालकों के पास केन्द्र / राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त संस्थाओं से 'सीसीसी" कम्प्यूटर प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं है, उन्हें उक्त प्रमाण पत्र हेतु प्रथम चरण में 06 माह का समय प्रदान कर दिया जाएगा।
एम डी ने बताया कि उक्त परिचालकों की वरिष्ठता निगम में नवीन अनुबन्ध निष्पादित होने के उपरान्त कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से मानी जायेगी।