मंगलवार, 4 नवंबर 2025

गौतमबुद्धनगर: मार्क हॉस्पिटल का पंजीकरण निलंबित, दो दिनों में दो धमाकों से मचा हड़कंप — लापरवाही पर प्रशासन की सख्ती!!

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गौतमबुद्धनगर: मार्क हॉस्पिटल का पंजीकरण निलंबित, दो दिनों में दो धमाकों से मचा हड़कंप — लापरवाही पर प्रशासन की सख्ती!!

 !!वरिष्ठ संवाददाता देव गुर्जर!!

दो टूक:: गौतमबुद्ध नगर, 04 नवम्बर 2025

नोएडा के सेक्टर-66 स्थित मार्क हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर की गंभीर लापरवाही सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए अस्पताल का पंजीकरण अग्रिम आदेशों तक निलंबित कर दिया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि दो दिनों के भीतर ऑक्सीजन पाइपलाइन में दो बार धमाका होने से अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़े हुए हैं।

पहला धमाका — रविवार को आईसीयू के पास फॉल्स सीलिंग में शॉर्ट सर्किट

मुख्य अग्निशमन अधिकारी की रिपोर्ट के अनुसार, दिनांक 02 नवम्बर 2025 (रविवार) को अस्पताल के भूतल स्थित आईसीयू कक्ष के समीप फॉल्स सीलिंग में लगी ऑक्सीजन पाइपलाइन में शॉर्ट सर्किट हुआ। इस दौरान आसपास अफरा-तफरी मच गई। अस्पताल प्रशासन को तत्काल आवश्यक मरम्मत एवं सुरक्षा जांच कराने के निर्देश दिए गए थे।

दूसरा धमाका — 15 घंटे बाद फिर हुआ ब्लास्ट, मचा हड़कंप

निर्देशों के बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने ऑक्सीजन पाइपलाइन की सही तरीके से मरम्मत नहीं कराई। परिणामस्वरूप 03 नवम्बर (सोमवार) को दोपहर में करीब 15 घंटे बाद पाइपलाइन में पुनः ब्लास्ट हुआ। घटना से पूरे परिसर में हड़कंप मच गया। अस्पताल में भर्ती मरीजों को उनके परिजनों ने तुरंत अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया।

सीएमओ टीम ने किया निरीक्षण, सौभाग्य से नहीं हुई जनहानि

मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्वयं मौके पर पहुंचकर निरीक्षण दल के साथ स्थिति का जायजा लिया। निरीक्षण में पाया गया कि ब्लास्ट के बाद अस्पताल में कोई मरीज नहीं था और सभी को अन्य चिकित्सालयों में सुरक्षित पहुंचा दिया गया था। विभागीय टीम ने इन सभी मरीजों से संपर्क कर उनके समुचित उपचार की पुष्टि की। राहत की बात यह रही कि घटना में किसी प्रकार की जनहानि या आर्थिक नुकसान की सूचना नहीं मिली है।

अस्पताल का पंजीकरण निलंबित, तीन तरह के ऑडिट कराने के निर्देश

सीएमओ ने कहा कि घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए मार्क हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर का पंजीकरण अग्रिम आदेशों तक निलंबित किया गया है। साथ ही, अस्पताल प्रबंधन को निर्देशित किया गया है कि वे तत्काल फायर ऑडिट, इलेक्ट्रिकल ऑडिट तथा ऑक्सीजन ऑडिट कराकर उसकी रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत करें, ताकि आगे की प्रशासनिक कार्रवाई की जा सके।

प्रशासन ने दिखाई सख्ती, लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी

जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अस्पतालों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। इस प्रकार की घटनाओं से न केवल मरीजों की जान जोखिम में पड़ती है बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की साख पर भी सवाल उठता है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि भविष्य में सुरक्षा नियमों के उल्लंघन पर और भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।।