मंगलवार, 4 नवंबर 2025

गौतमबुद्धनगर: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में उत्तर प्रदेश बना देश का नया हब — नीति-2023 से बढ़ा निवेश, किसानों व युवाओं को मिल रहा लाभ!!

शेयर करें:

गौतमबुद्धनगर: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में उत्तर प्रदेश बना देश का नया हब — नीति-2023 से बढ़ा निवेश, किसानों व युवाओं को मिल रहा लाभ!!

 !!वरिष्ठ संवाददाता देव गुर्जर!!

दो टूक:: लखनऊ, 04 नवम्बर 2025

उत्तर प्रदेश सरकार की खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 के तहत दी गई सुविधाओं का परिणाम है कि प्रदेश अब तेजी से देश के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग हब के रूप में उभर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लागू की गई इस नीति से राज्य में हजारों नई इकाइयाँ स्थापित हुई हैं, जिससे किसानों की आमदनी में वृद्धि और युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित हुआ है।

प्रदेश भौगोलिक, कृषि एवं सांस्कृतिक विविधता से परिपूर्ण है और इसकी दो तिहाई आबादी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। ऐसे में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग न केवल कृषि व उद्योग के बीच की कड़ी बना है, बल्कि कच्चे माल को उपयोगी उत्पादों में बदलने का सशक्त माध्यम भी साबित हो रहा है।

नीति के तहत उद्यमियों को अनेक रियायतें दी गई हैं—

  • भूमि क्रय में छूट: खाद्य प्रसंस्करण इकाई के लिए 12.5 एकड़ से अधिक भूमि खरीदने की अनुमति।
  • शुल्क माफी: भूमि उपयोग रूपांतरण पर 50% छूट, बाहरी विकास शुल्क में 75% छूट तथा स्टांप शुल्क में भी राहत।
  • पूंजीगत सब्सिडी: संयंत्र, मशीनरी व तकनीकी सिविल कार्य पर किए गए व्यय का 35% सब्सिडी, अधिकतम ₹5 करोड़ तक।
  • बिजली व सौर ऊर्जा सब्सिडी: इकाइयों को सौर ऊर्जा परियोजनाओं पर प्रोत्साहन और निर्यात हेतु परिवहन सब्सिडी की व्यवस्था।

इसके अलावा, राज्य सरकार ने मंडी शुल्क और उपकर में भी राहत दी है। प्रसंस्करण हेतु राज्य के बाहर से लाई गई कृषि उपज पर मंडी शुल्क नहीं लिया जाएगा। इससे प्रदेश में बाहरी निवेशक भी आकर्षित हो रहे हैं।

राज्य में अब तक 65,000 से अधिक खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित हो चुकी हैं, जिनसे लाखों लोगों को रोजगार मिला है। वर्ष 2025-26 तक प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अंतर्गत 78,981 इकाइयों के उन्नयन का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 19,104 इकाइयों का कार्य पूर्ण हो चुका है।

प्रदेश में 15 से अधिक एग्रो व फूड प्रोसेसिंग पार्क विकसित किए जा चुके हैं, जिससे कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बल मिला है। रीफर वाहन और मोबाइल प्री-कूलिंग वैन की खरीद पर ब्याज सब्सिडी का प्रावधान किसानों को सीधे लाभ पहुँचा रहा है।

राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक जिले में कम से कम एक हजार खाद्य प्रसंस्करण यूनिट्स स्थापित की जाएँ, जिससे किसानों की आय दोगुनी करने और युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने का उद्देश्य साकार हो सके।

इस नीति ने न केवल निवेश का नया वातावरण बनाया है, बल्कि उत्तर प्रदेश को “कृषि उत्पादों से उद्योग तक” की दिशा में अग्रणी राज्य बना दिया है।