अम्बेडकरनगर :
भ्रष्टाचार से मृतकों को मिलती रही 11 महीने लाखों पेंशन।।
।।प्रमाण-पत्रों में जालसाजी का खुलासा।
।।ए के चतुर्वेदी ।।
दो टूक : उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर जिले में सरकारी पेंशन व्यवस्था की पोल खुलने वाली एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। एक मृत पेंशनर की 'जीवित' पेंशन का 11 महीने तक दुरुपयोग कर उनके पुत्रों ने लाखों रुपये की ठगी की। ग्राम सैदापुर के निवासी मेवालाल (पिता: इंदरराम, पीपीओ नंबर: P-013/011/012101) की मौत दिसंबर 2023 में हो चुकी थी, लेकिन उनके बेटों शशि प्रकाश और ओमप्रकाश ने कोषागार को गुमराह रखकर जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 तक 11 महीने की पेंशन एटीएम से उड़ा ली। अब जिले भर में सवाल उठ रहा है—क्या सरकारी दस्तावेजों की जालसाजी से पेंशनरों का खून बह रहा है?घटना का काला चेहरा:मेवालाल, जो अम्बेडकरनगर कोषागार से पेंशन प्राप्त कर रहे थे, की मौत 8 दिसंबर 2023 को हो गई। यह तथ्य ग्रामवासियों के बयानों, स्थलीय जांच और राजस्व परिषद लखनऊ के एक न्यायिक आदेश (वाद संख्या: REV/3066/2023, दिनांक: 18 मार्च 2024) से स्पष्ट है। इस आदेश में स्पष्ट लिखा है कि "निगरानीकर्ता मेवालाल की मृत्यु हो गई है"। लेकिन ग्राम पंचायत अधिकारी सैदापुर द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण-पत्र में मौत की तारीख को गलत तरीके से 8 मई 2024 दिखाया गया—यानी मौत के 5 महीने बाद! यह विसंगति जांच में सामने आई, जब तहसीलदार अकबरपुर की रिपोर्ट (पत्रांक: 155/जनसुनवाई/सैदापुर/जांच कार्यवाही/2025, दिनांक: 29 अक्टूबर 2025) में ग्रामवासियों के बयान दर्ज किए गए। रिपोर्ट कहती है: "पेंशनर मेवालाल पुत्र इंदर की मृत्यु दिनांक 08.12.2023 को हुई है, जबकि ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण-पत्र में मृत्यु का दिनांक 08.05.2024 दर्शाया गया है।"इस जालसाजी के चलते पुत्रों ने मृत्यु की सूचना छिपाई और पिता के बैंक खाते से पेंशन राशि निकाल ली। शिकायतकर्ता कमला प्रसाद (पुत्र: स्व. रामकुमार, ग्राम सैदापुर) ने आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत (संख्या: 40017825031333) दर्ज कराई, जिसमें कहा गया: "मृत्यु के उपरांत उनके पुत्रगण... कोषागार को मृत्यु की सूचना न देकर नवंबर 2024 तक 11 माह का अतिरिक्त पेंशन प्राप्त किया गया है।" कमला प्रसाद ने मांग की है कि 11 महीने की अतिरिक्त राशि 18% ब्याज के साथ वसूली जाए और पुत्रों पर धोखाधड़ी का मुकदमा थाना सैदापुर में दर्ज हो।प्रशासन की लापरवाही या साजिश?कोषागार अम्बेडकरनगर ने 15 अक्टूबर 2025 को तहसीलदार अकबरपुर को पत्र (पत्रांक: 1100/कोषा/अम्बे/2025-26) भेजकर जीवित प्रमाण-पत्र न जमा होने पर पेंशन रोकने और मृत्यु विवरण मांगने का अनुरोध किया। लेकिन जांच में विलंब हुआ। उपजिलाधिकारी अकबरपुर ने 29 अक्टूबर को सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को निर्देश दिए कि जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र की जांच कर एक सप्ताह में रिपोर्ट दें। पेंशन निदेशालय ने भी 25 सितंबर 2025 को पत्र (संख्या: पे. नि. जनसुनवाई 32025-26 6519) जारी कर त्वरित कार्रवाई का आदेश दिया, लेकिन शिकायतकर्ता का कहना है कि "न तो कोई संपर्क किया और न ही जांच हुई।"विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला जिले में पेंशन धोखाधड़ी का नमूना है। राजस्थान जैसे राज्यों में इसी तरह के घोटालों से सरकार को करोड़ों का नुकसान हो चुका है, जहां मृतकों की पेंशन परिजन उड़ा लेते हैं। अम्बेडकरनगर में लेखपाल अमित वर्मा की जांच रिपोर्ट में ग्रामवासियों के बयान और मृत्यु प्रमाण-पत्र संलग्न हैं, जो साबित करते हैं कि दस्तावेजों में हेरफेर हुआ।क्या होगा आगे?
शिकायतकर्ता कमला प्रसाद ने कहा, "यह सिर्फ एक परिवार की नहीं, सरकारी खजाने की लूट है। पुत्रों को सजा मिलनी चाहिए।" जिला प्रशासन ने जांच तेज करने का वादा किया है। कोषागार ने पुत्रों को नोटिस जारी कर मृत्यु प्रमाण-पत्र जमा करने या पिता को जीवित प्रमाण-पत्र लाने का निर्देश दिया। यदि सिद्ध हुआ, तो यह मामला धोखाधड़ी अधिनियम के तहत थाना सम्मनपुर में दर्ज हो सकता है।पेंशनरों के लिए यह चेतावनी है जीवित प्रमाण-पत्र समय पर जमा करें, वरना परिजन फंस सकते हैं। अम्बेडकरनगर प्रशासन को अब सख्ती बरतनी होगी, ताकि 'मृतकों की जीवित पेंशन' का यह काला साया न फैले। जांच जारी है—अपडेट के लिए बने रहें!
