शनिवार, 11 अक्टूबर 2025

सुल्तानपुर :भगवान राम के भीतर हैं चंद्रमा की सोलह कलाएं : रामभद्राचार्य ।।Sultanpur:Lord Rama possesses the sixteen phases of the moon: Rambhadracharya.||

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सुल्तानपुर :
भगवान राम के भीतर हैं चंद्रमा की सोलह कलाएं : रामभद्राचार्य ।
कादीपुर क्षेत्र विजेथुआ महोत्सव का दूसरा दिन।
।।जानेन्द्र  विक्रम सिंह 'रवि' ।।
दो टूक : भगवान राम चंद्र हैं इसलिए चंद्रमा की सभी सोलह कलाएं उनके भीतर हैं । वे विशिष्टाद्वैत हैं। राम और सीता दोनों ब्रह्म हैं। हमारे दर्शन में सीताराम अद्वैत हैं, सीता भी राम हैं और राम भी सीता हैं। एक ही भगवान दो रूपों में प्रकट हुए, राम बनकर अयोध्या में और सीता बनकर मिथिला में। यह बातें चित्रकूट तुलसी पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य ने कहीं। वह विजेथुआ महोत्सव के दूसरे दिन वाल्मीकि रामायण कथा सुना रहे थे। 
 उन्होंने बताया वाल्मीकि रामायण के सुंदर काण्ड में सीता कहती हैं कि भगवान राम परमात्मा हैं मुझसे प्रेम करने के कारण उन्होंने पत्नी रुप में मुझे स्वीकारा है। 
 पद्मविभूषण स्वामी रामभद्राचार्य ने 'तल्फत मेरे प्रान राम कब दर्शन देहिहो, नील पयोद समान राम कब दर्शन देहिहो । कनक मुकुट सिर,भाल पे तिलकिया,कुंडल झलकत कान ,राम कब दर्शन देहिहो ।' भजन गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। ग्रामीण क्षेत्र में चल रही चोरियों की अफवाह पर उन्होंने कहा कि हनुमान को साक्षी रखकर मैं यह कह रहा हूं कि जब तक मेरी कथा चलेगी कथा सुनने वालों के घर कोई चोरी नहीं होगी । कथा सुनिये ईश्वर सबकी रक्षा करेगा। 
कहा कि जीवन में मैंने कई कथाएं की हैं यह श्रीराम कथा शृंखला की मेरी 1408 वीं कथा हैं।
आयोजक विवेक तिवारी ने सपत्नीक व्यासपीठ का पूजन किया। इस अवसर पर विधायक राजेश गौतम, राजमणि वर्मा, सर्वेश मिश्र आनंद द्विवेदी,फतेह बहादुर सिंह, राम विनय सिंह समेत अनेक प्रमुख लोग उपस्थित थे।
  शनिवार की सुबह जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने विजेथुआ महोत्सव के आयोजक विवेक तिवारी के घर से पदयात्रा करते हुए लगभग दो किलोमीटर की दूरी तयकर विजेथुआ महावीर मंदिर में प्रभु हनुमान का दर्शन किया। उन्होंने कहा कि सनातनियों को जागृत करने के लिए पदयात्रा जरूरी है। इस दौरान जगह जगह श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा की ।