गुरुवार, 9 अक्टूबर 2025

लखनऊ :विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस" के अवसर पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन।।|Lucknow:A seminar was organized on the occasion of "World Mental Health Day".||

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लखनऊ :
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस" के अवसर पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन।।
दो टूक : नवयुग कन्या महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग की अभिव्यक्ति संस्था और मिशन शक्ति के संयुक्त तत्वावधान में  "विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस" के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका विषय था ' मानसिक चिकित्सा तक सबकी पहुंच ' इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का उद्देश्य मानसिक तनाव से अवगत कराना था और इसके प्रति लोगों को जागरूक करना था । 
विस्तार :
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर गुरुवार को नवयुग कन्या महाविद्यालय मे मानसिक चिकित्सा तक सबकी पहुंच विषय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ किया गया। अतिथियों का स्वागत पौधे एवं स्मृति चिन्ह देकर किया गया । संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में श्रीमती नेहा आनंद, संस्थापक निदेशक ,बोधि ट्री-मेंटल वेलनेस क्लिनिक एवं विशिष्ट वक्ता के रूप में मिस नंदिनी शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर एमिटी यूनिवर्सिटी मनोविज्ञान विभाग उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो मंजुला उपाध्याय ने की। नंदिनी जी ने कहा कि रोजमर्रा के जीवन में हम लोग जो नकारात्मक भावनाएं महसूस करते हैं उनके लिए तीन प्रकार के नियम हैं 1-आपको खुश रखने वाली गतिविधि,2 -अपनी दिनचर्या नियमित रखना 3 -अपनी नींद को पूरा करना। और इन नियमों के बाद भी अगर आप में नकारात्मक भावनाएं हैं तो आप मनोचिकित्सक से परामर्श कर सकते हैं। किसी भी स्ट्रेस की स्थिति में उसे कम करने के लिए आपको यह लाइन याद रखनी चाहिए "Smell the rose and blow out the balloon"
नेहा आनंद ने बताया कि सबसे पहले बात करना बहुत आवश्यक है आप जिस पर विश्वास करें उससे खुलकर अपनी बातें साझा करें।
जरूरी नहीं कि आप किसी गंभीर मानसिक बीमारी में ही मनोचिकित्सक के पास जाएं अगर आपको ऐसा महसूस हो रहा कि आसपास के लोग आपकी भावनाएं समझ नहीं पा रहें तो भी आप मनोचिकित्सक से परामर्श लें सकते हैं। उन्होंने बताया कि 10मिनट अपने लिए जरूर निकालें । पहले 5 मिनट में अपनी दिनचर्या का अवलोकन करें और उसके बाद लिखें कि आपने पूरे दिन कैसा महसूस किया। और फिर जो अच्छा हुआ हो उसके लिए ईश्वर को धन्यवाद दें। उन्होंने एक सुंदर कविता से समापन किया।
अगर मैं कुछ बोलूं तो सुन लेना।
प्राचार्या प्रो मंजुला उपाध्याय ने कहा
बात करना बहुत आवश्यक है । अपने मनोभावों को समझना और उन्हें सही प्रकार व्यक्त करना चाहिए। कार्यक्रम का कुशल संचालन डा. सोनल अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम की सफल संपन्नता मनोविज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. गगनप्रीत कौर, डाॅ. सुकन्या तिवारी एवं सुचिता सिंह तथा मिशन शक्ति टीम के सदस्य प्रोफेसर नीतू सिंह, प्रोफेसर सीमा पांडे, डॉ. मनीषा बड़ौनिया, श्रीमती विमला बिंद द्वारा की गयी। इस अवसर पर पोस्टर प्रतियोगिता और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में चयनित छात्राओं को प्रमाण पत्र दिये गये। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की समस्त प्रवक्ताएं और छात्राएं उपस्थित रहीं।