नोएडा में सजेगा दिवाली का ग्रैंड मेला, एक ही छत के नीचे हस्तशिल्प, लोक कला और पारंपरिक व्यंजनों का संगम!!
!!वरिष्ठ संवाददाता देव गुर्जर!!
दो टूक :: नोएडा, 7 अक्टूबर 2025।
रौशनी के त्यौहार दिवाली के अवसर पर नोएडा स्टेडियम जगमगाने को तैयार है। “आर्ट एंड क्राफ्ट विकास संस्थान” द्वारा 10 से 20 अक्टूबर तक ग्रैंड दिवाली एक्सपो 2025 का आयोजन किया जा रहा है, जो लोककला, हस्तशिल्प, पारंपरिक व्यंजन और मनोरंजन का अद्भुत संगम पेश करेगा।
मंगलवार को नोएडा मीडिया क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में आयोजन समिति ने मेले की विस्तृत जानकारी दी। संस्थान के सचिव राजकुमार कश्यप ने बताया कि मेले का उद्घाटन 11 अक्टूबर 2025 को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण, उत्तर प्रदेश सरकार, नरेन्द्र कुमार कश्यप द्वारा किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि एक्सपो में देशभर के 250 से अधिक हस्तशिल्पी, बुनकर और उद्यमी हिस्सा ले रहे हैं, जो अपने उत्कृष्ट उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री करेंगे। यहाँ कोलकाता व बनारस की साड़ियाँ, भदोही के कारपेट, लखनऊ की चिकनकारी ड्रेसेस, सहारनपुर का फर्नीचर, खुर्जा की ब्लू पॉटरी, आगरा का मार्बल, राजस्थानी जूतियाँ, हैदराबाद व उड़ीसा के रियल पर्ल, टेराकोटा, बेडशीट और अन्य सजावटी वस्तुएँ बाजार से कम दामों पर उपलब्ध होंगी।
लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों से गूंजेगा स्टेडियम
आयोजक रंजना चितकारा ने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों के लोक कलाकार अपनी पारंपरिक प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगे। इनमें नॉर्थ ईस्ट का लॉयन डांस, राजस्थानी घूमर, पंजाबी भांगड़ा, हरियाणवी, गुजराती, कश्मीरी, उत्तराखंडी, मराठी और ओडिशा के लोक नृत्य शामिल रहेंगे।
फूड कोर्ट में मिलेगा भारत के स्वादों का संगम
आयोजन समिति के अविकेश वर्मा ने बताया कि मेले में एक विशाल फूड कोर्ट भी स्थापित किया जा रहा है, जहाँ देश के अलग-अलग राज्यों के पारंपरिक और स्वादिष्ट व्यंजन मिलेंगे। शहरवासी यहाँ एक ही स्थान पर शॉपिंग, स्वाद और मनोरंजन का आनंद ले सकेंगे।
संस्थान के सचिव राजकुमार कश्यप ने कहा कि “आर्ट एंड क्राफ्ट विकास संस्थान” पिछले 30 वर्षों से मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, नासिक, भुवनेश्वर जैसे बड़े शहरों में ऐसे आयोजन कर रहा है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य उन हुनरमंद शिल्पकारों और बुनकरों को मंच प्रदान करना है, जिन्हें अपने उत्पाद सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँचाने का अवसर कम मिलता है। इससे उनकी आय बढ़ती है और परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।