सुल्तानपुर :
पारिवारिक सामंजस्य विषय पर हुई संगोष्ठी।।
आज और कल का समन्वय ही परिवार है - डॉ.जे.पी.सिंह ।
दो टूक : सुलतानपुर जनपद मे परिवार सामंजस्य की मौलिक पाठशाला है। कल आज और कल का समन्वय ही परिवार है । परिवार एक भावनात्मक वृत्ति है। परिवार में प्यार और व्यापार में हानि लाभ होता है इसलिए भारतीय संस्कृति ने दुनिया को व्यापार केन्द्र नहीं परिवार माना।
यह बातें प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ जे.पी.सिंह ने कहीं। वह राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग और अरविन्द सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में कुटुम्ब प्रबोधन पारिवारिक सामंजस्य एवं सौहार्द विषय पर आयोजित संगोष्ठी को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि परिवार प्रेम, सुरक्षा और संरक्षण देता है। इसलिए भारतीय समाज ने जड़ चेतन सभी को अपने परिवार का हिस्सा बनाया है।
विषय प्रवर्तन करते हुए समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष बृजेश कुमार सिंह ने कहा कि भारतीय परिवेश में कभी एकल परिवार की कल्पना नहीं रही है। संयुक्त परिवार हमारे समाज की रीढ़ है। रीढ़ सही सलामत रहे इसके लिए सचेत रहना होगा।
अध्यक्षता करते हुए प्रबंधक एडवोकेट बालचंद्र सिंह ने कहा कि टूटते परिवार को सहेजना सामाजिक विकास के लिए आवश्यक है। पारिवारिक सामंजस्य बना रहे यह हम सबका दायित्व है।
स्वागत प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश कुमार त्रिपाठी आभार ज्ञापन उप प्राचार्य प्रोफेसर निशा सिंह व संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ प्रीति प्रकाश ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक व विद्यार्थी उपस्थित रहे।