शनिवार, 27 सितंबर 2025

बैंक अधिकारियों की मनमानी से MSME कारोबारी बर्बाद, न्याय की गुहार!!

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बैंक अधिकारियों की मनमानी से MSME कारोबारी बर्बाद, न्याय की गुहार!!

 !!वरिष्ठ संवाददाता देव गुर्जर!!

दो टूक :: नोएडा। केंद्र सरकार आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के जरिए छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने में जुटी है, लेकिन दूसरी ओर बैंक अधिकारियों की मनमानी ने एक लघु उद्योग कारोबारी की 14 साल की मेहनत पर पानी फेर दिया।


नोएडा के कारोबारी दीप नारायण गोयल, जो विभिन्न प्रकार के रिमोट बनाने का कारोबार चलाते थे, ने आरोप लगाया कि इंडियन बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत और षड्यंत्र के कारण उनका व्यवसाय पूरी तरह चौपट हो गया।


शनिवार को नोएडा मीडिया क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में गोयल ने बताया कि अच्छे क्रेडिट इतिहास और लगातार प्रगति करने के बावजूद बैंक अधिकारियों ने जानबूझकर फंडिंग रोकी, फर्जी दस्तावेज़ तैयार किए और न्यायालय में झूठे सबूत पेश किए।


गोयल का कहना है कि बैंक बदलने के नाम पर 10 करोड़ की सुविधा का झूठा आश्वासन दिया गया, लेकिन स्वीकृत राशि समय पर जारी नहीं की गई। इससे दोहरी ईएमआई और नकदी संकट खड़ा हो गया। इतना ही नहीं, 6.27 करोड़ रुपये के वास्तविक लेन-देन को दबा दिया गया और स्टॉक व मशीनरी की मौजूदगी के बावजूद उन्हें अनुपस्थित दिखाकर संपत्तियों की औने-पौने दामों पर नीलामी कर दी गई।


उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारियों ने दंडात्मक ब्याज दर 29.25% तक थोपकर बकाया राशि को बढ़ाया और 18.54 करोड़ की रिकवरी करने के बावजूद 14.39 करोड़ मूल्य की संपत्तियों को जब्त कर कबाड़ घोषित करने की कोशिश की जा रही है।


इस पूरे षड्यंत्र के चलते गोयल को न केवल करोड़ों की आर्थिक हानि हुई बल्कि उनकी प्रतिष्ठा और संचालन क्षमता पर भी गंभीर चोट पहुंची। उन्होंने बताया कि वे मामले को लेकर कई सरकारी एजेंसियों से न्याय की मांग कर चुके हैं।


दीप नारायण गोयल ने कहा कि वे चाहते हैं कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और उनके कारोबार को दोबारा शुरू करने में मदद मिले।