बरेली फायरिंग कांड के आरोपी गाजियाबाद मुठभेड़ में ढेर, दिल्ली पुलिस व यूपी एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई!!
दो टूक ::गाजियाबाद/नोएडा, 17 सितंबर 2025।
बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पटानी के बरेली स्थित आवास पर 12 सितंबर को हुई गोलीबारी कांड में वांछित अपराधी रविंद्र उर्फ काल्लू निवासी कान्ही और अरुण पुत्र विजयपाल निवासी मुरथल सोनीपत को पुलिस ने बुधवार शाम गाजियाबाद के ट्रॉनिका सिटी क्षेत्र में एनकाउंटर में मार गिराया।
कैसे हुई मुठभेड़
दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा और उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम को सूचना मिली थी कि दोनों शातिर अपराधी गाजियाबाद के सोनिपत बॉर्डर की तरफ देखे गए हैं। शाम करीब 7:22 बजे ट्रॉनिका सिटी क्षेत्र में घेराबंदी की गई। पुलिस टीम को देखते ही अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
फायरिंग में दिल्ली पुलिस के एक कर्मचारी सहित पुलिस की सरकारी गाड़ी को भी गोली लगी, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए। जवाबी कार्रवाई में दोनों अपराधी गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
मौके पर कौन-कौन थी टीमें
मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एसीपी धर्मेंद्र सिंह, उपनिरीक्षक मनजीत सिंह, यूपी एसटीएफ यूनिट गाजियाबाद टीम, इंस्पेक्टर अजय त्यागी (SOG, उत्तर प्रदेश) अपनी टीम के साथ मौजूद रहे।
एडिशनल एसपी एसटीएफ का बयान
इस पूरे ऑपरेशन की निगरानी कर रहे एसटीएफ के एडिशनल एसपी राजकुमार मिश्रा ने कहा,
"12 सितंबर को बरेली में अभिनेत्री दिशा पटानी के आवास पर गोलीबारी की गई थी। इस कांड में शामिल अपराधियों की गतिविधियां दिल्ली और हरियाणा से जुड़ी हुई थीं। इसलिए हरियाणा एसटीएफ और दिल्ली काउंटर-इंटेलिजेंस यूनिट की मदद से संयुक्त कार्रवाई की गई। गाजियाबाद में जब दोनों अपराधियों को रोकने की कोशिश की गई, तो उन्होंने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी गोलीबारी में दोनों ढेर हो गए। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं, जिन्हें उपचार दिया जा रहा है।”
अपराधियों का आपराधिक रिकॉर्ड
- रविंद्र उर्फ काल्लू : 20 दिसंबर 2024 को थाना फतेहाबाद, हरियाणा में कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज। वह लंबे समय से फरार चल रहा था।
- अरुण : उसके पुराने आपराधिक रिकार्ड की जानकारी जुटाई जा रही है।
- बरेली फायरिंग केस से कनेक्शन
12 सितंबर को बरेली में अभिनेत्री दिशा पटानी के सिविल लाइन क्षेत्र स्थित आवास पर फायरिंग की गई थी। इस मामले में रविंद्र और अरुण मुख्य आरोपी थे। घटना के बाद से दोनों फरार चल रहे थे और दिल्ली-हरियाणा क्षेत्र में सक्रिय थे।
पुलिस की बड़ी सफलता
संयुक्त अभियान के दौरान हुई इस मुठभेड़ को पुलिस बड़ी सफलता मान रही है, क्योंकि इससे न केवल बरेली फायरिंग कांड का राजफाश हुआ बल्कि लंबे समय से फरार शातिर अपराधियों का खात्मा भी हो गया।।