मऊ :
थानाध्यक्ष समेत बीस पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश।।
पुलिस ने बदमाशों की तरह घर मे घुसकर पीडिता को किया था प्रताड़ित।
।।देवेंद्र कुशवाहा।
दो टूक : जनपद मऊ के सरायलखंसी थाना क्षेत्र के ताजपुर उस्मानपुर गांव निवासी रीता देवी 40 वर्ष पत्नी रामजतन यादव द्वारा कोर्ट में दाखिल प्रार्थना पत्र के बाद सीजेएम कोर्ट ने जनपद मऊ के सरायलखंसी थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी शैलेश सिंह सहित कुल 20 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
विस्तार:
पीडिता रीता देवी के अधिवक्ता प्रमोद कुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि पीड़िता का अपने पड़ोसी रामभवन यादव व श्रीकांत यादव से सरकारी नाली और खड़ंजा को लेकर विवाद चल रहा था। रीता ने इस मामले की लिखित शिकायत मऊ के जिला अधिकार से की जिसमें जांच के बाद आरोप सही पाए गए।
आरोप है कि आरोपी पड़ोसी रामभवन यादव के रिश्तेदार और तत्कालीन चौकी प्रभारी केसर यादव द्वारा पीड़िता और उसके परिवार को लगातार धमकाया जाने लगा। 23 मार्च 2025 की दिन में ही हालात भयावह हो गए। रीता देवी का आरोप है कि लगभग 20 पुलिसकर्मी उसके पड़ोसी के छत से कुर्सी लगाकर उनके घर में जबरन घुसे,छत फांदकर अंदर आए दरवाजा तोड़ा और उसके बच्चों को बेरहमी से पीटा गया। अश्लील गालियां दी गई, बेटी के साथ अभद्रता की गई और पूरे गांव में घसीटते हुए थाने ले जाया गया। पुलिस ने न केवल पीड़िता और उसके परिजनों से जबरन खाली स्टांप पेपर पर दस्तखत करवाने की कोशिश की बल्कि विरोध करने पर फिर से थाने में पिटाई की गई। इस पीड़ित को जेल भेजने की काररवाई अमानवीय मारपीट से पीड़िता का गर्भपात हो गया और हालत बिगड़ने पर उसे पहले जिला अस्पताल और फिर बीएचयू रेफर किया गया। शुरुआत में जिला प्रशासन ने आरोपियों के प्रभाव में आकर मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस अधीक्षक द्वारा कराई गई गहराई से जांच में सरायलखंसी पुलिस की भूमिका संदिग्ध पाई गई और एकतरफा काररवाई की पुष्टि हुई। इसके बाद कोर्ट में दाखिल याचिका के आधार पर अब न्यायालय ने 20 पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे दिया है।