लखनऊ :
शहीदों के माता पिता के सामने संकट, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को सुनाई पीडा।।
दो टूक : शहीद कैप्टन अंकित गुप्ता (गाजियाबाद), शहीद सिपाही करन कुमार (आजमगढ़) शहीद नायक अकबर खान (गाजीपुर) के परिजन एवं शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह जी के पिता श्री रवि प्रताप सिंह ने गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय लखनऊ पहुंचकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय से मुलाकता की एवं शहीदों के परिजनों की समस्याओं से अवगत कराया।
उक्त सभी शहीदों के परिजनों का प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने सर्वप्रथम स्वागत किया तथा शॉल भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी पूर्व सैनिक विभाग के वाइस चेयरमैन श्री सुभाष मिश्र जी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
विस्तार:
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय से अपनी पीड़ा साझा करते हुए शहीदों के परिजनों ने बताया कि हमारे पुत्र के (सैनिकों) के शहीद होने के पश्चात उनकी पत्नियां अपने सास-ससुर का घर छोड़ कर जा चुकी हैं, जिससे उनके सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है क्योंकि व्यवाहिक स्थिति में सरकार के द्वारा शहीदों की पत्नियों को ही पेंशन दिये जाने का प्रावधान है, जिससे शहीद के माता-पिता का जीवन बहुत कठिनाईयों से गुजर रहा है।
उक्त सभी शहीदों के परिजनों का प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने सर्वप्रथम स्वागत किया तथा शॉल भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी पूर्व सैनिक विभाग के वाइस चेयरमैन श्री सुभाष मिश्र जी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
विस्तार:
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय से अपनी पीड़ा साझा करते हुए शहीदों के परिजनों ने बताया कि हमारे पुत्र के (सैनिकों) के शहीद होने के पश्चात उनकी पत्नियां अपने सास-ससुर का घर छोड़ कर जा चुकी हैं, जिससे उनके सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है क्योंकि व्यवाहिक स्थिति में सरकार के द्वारा शहीदों की पत्नियों को ही पेंशन दिये जाने का प्रावधान है, जिससे शहीद के माता-पिता का जीवन बहुत कठिनाईयों से गुजर रहा है।
◆शहीदों को सरकार से केवल पत्नी को मिलती है सुविधाएं,मॉ बाप बंचित।।
शहीदों के परिजनों ने कहा कि सरकार से मिलने वाली पेंशन माँ-बाप तथा पत्नी में व्यवहारिक अनिवार्य रूप से वितरित किया जाए जिससे शहीदों के माँ-बाप तथा पत्नी दोनों पक्ष एक सम्मान पूर्वक जीवन यापन कर सके। उ0प्र0 सरकार के सेवायोजन में माता पिता के हित की बात को प्रमुखता देते हुए सेवायोजन किया जाए।
इसके साथ ही शहीदों के सम्मान में बनने वाले द्वार, सड़क का नामकरण, पार्क, शहीद ग्राम तथा शहीद स्मारक को प्राथमिकता पूर्वक पूर्ण किया जाए। अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों की सत्यता को अवश्य जांचा जाए तथा अनुचित आकड़ें उपलब्ध कराने वाले अधिकारियों पर आवश्यक कार्यवाई हो एवं वीर नारी की तरह वीर माता-पिता की संज्ञा प्रदान की जाए।
इसके साथ ही शहीदों के सम्मान में बनने वाले द्वार, सड़क का नामकरण, पार्क, शहीद ग्राम तथा शहीद स्मारक को प्राथमिकता पूर्वक पूर्ण किया जाए। अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों की सत्यता को अवश्य जांचा जाए तथा अनुचित आकड़ें उपलब्ध कराने वाले अधिकारियों पर आवश्यक कार्यवाई हो एवं वीर नारी की तरह वीर माता-पिता की संज्ञा प्रदान की जाए।
◆शहीद सैनिक के माता-पिता की तुलना एक दिहाड़ी मजदूर से भी कम।
शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के पिता ने बताया कि शहीदों के माता पिता को पेंशन बांधते समय 9000/- रूपया प्रतिमाह की बाध्यता समाप्त हो क्योंकि सैनिक शहीदों के माता-पिता की तुलना एक दिहाड़ी मजदूर से भी कम किए जाने की अन्यायपूर्ण नियमावली, को बदला जाए तथा उचित रूप से बंटवारा हो। उन्होंने बताया कि 09 अगस्त 2025 को संसद में प्रश्न संख्या 3207 जिसे रक्षा राज्यमंत्री ने स्वीकार किया कि हां हमारे पास प्रस्ताव है जो कि विचाराधीन है।
श्री राय ने शहीदों के परिजनों को इस बात का आश्वासन दिलाया कि वह शहीदों की परिजनों की समस्याओं को उचित फोरम पर उठाकर इन समस्याओं के निराकरण का प्रयास करेंगे।
शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के पिता ने बताया कि शहीदों के माता पिता को पेंशन बांधते समय 9000/- रूपया प्रतिमाह की बाध्यता समाप्त हो क्योंकि सैनिक शहीदों के माता-पिता की तुलना एक दिहाड़ी मजदूर से भी कम किए जाने की अन्यायपूर्ण नियमावली, को बदला जाए तथा उचित रूप से बंटवारा हो। उन्होंने बताया कि 09 अगस्त 2025 को संसद में प्रश्न संख्या 3207 जिसे रक्षा राज्यमंत्री ने स्वीकार किया कि हां हमारे पास प्रस्ताव है जो कि विचाराधीन है।
श्री राय ने शहीदों के परिजनों को इस बात का आश्वासन दिलाया कि वह शहीदों की परिजनों की समस्याओं को उचित फोरम पर उठाकर इन समस्याओं के निराकरण का प्रयास करेंगे।