गोंडा- देवीपाटन मंडल के आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने गुरुवार को कमिश्नरेट सभागार में एक महत्वपूर्ण मंडलीय समीक्षा बैठक की। बैठक में आईसीडीएस विभाग के विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर मंडल के सभी जिलों की जिलेवार समीक्षा की गई, जिसमें संबंधित अधिकारियों ने विभागीय कार्यों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
बैठक में आयुक्त ने विशेष रूप से सैम (गंभीर कुपोषित) और मैम (मध्यम कुपोषित) बच्चों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में सैम और मैम बच्चों की संख्या में वृद्धि हो रही है, वहां तत्काल प्रभावी कदम उठाए जाएं। कुपोषण को कम करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यप्रणाली को और सशक्त बनाने तथा लाभार्थियों तक समय से पोषण आहार पहुंचाने पर जोर दिया। आयुक्त ने निर्देश दिए कि बच्चों के स्वास्थ्य की नियमित मॉनिटरिंग की जाए और गंभीर कुपोषित बच्चों को उपचार के लिए तुरंत पोषण पुनर्वास केंद्र (NRC) भेजा जाए।
इसके अलावा बैठक में पूरक पोषण आहार वितरण, आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को लाभान्वित करने की स्थिति, टीकाकरण अभियान और जनजागरूकता कार्यक्रमों की भी समीक्षा की गई। आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि योजनाओं का लाभ ज़रूरतमंद तक पहुंचाने में किसी प्रकार की लापरवाही न हो। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की मंशा है कि कोई भी बच्चा कुपोषित न रहे, इसलिए विभागीय कार्यों की गति और गुणवत्ता दोनों पर ध्यान देना जरूरी है।
बैठक के अंत में आयुक्त ने कहा कि आईसीडीएस विभाग समाज के सबसे कमजोर वर्ग — बच्चों और माताओं — से जुड़ा है, इसलिए इसकी योजनाओं के क्रियान्वयन में संवेदनशीलता और तत्परता अनिवार्य है। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी लक्ष्यों को समय पर हासिल किया जाए और सैम-मैम बच्चों की संख्या में ठोस कमी लाने के लिए प्रभावी रणनीति अपनाई जाए।