शुक्रवार, 22 अगस्त 2025

लखनऊ : ACP ने साइबर चौपाल लगा लोगों को किया जागरूक।।||Lucknow : ACP organised a cyber chaupal to make people aware.||

शेयर करें:
लखनऊ : 
ACP ने साइबर चौपाल लगा लोगों को किया जागरूक।।
दो टूक : पुलिस उपायुक्त दक्षिणी निपुण अग्रवाल के निर्देशन में तथा अपर पुलिस उपायुक्त रल्लापल्ली बसंथ कुमार के कुशल पर्यवेक्षण में, सहायक पुलिस आयुक्त मोहनलालगंज रजनीश वर्मा द्वारा थाना मोहनलालगंज क्षेत्र स्थित डीएलएफ सोसाइटी में शुक्रवार को साइबर चौपाल का आयोजन कर क्षेत्रवासियों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक किया गया। 
डिजिटल अरेस्ट जैसे नए उभरते साइबर अपराधों से कैसे बचें।
फाइनेंशियल फ्रॉड की आम तकनीकें व उनसे सुरक्षा उपाय।'संचार साथी' ऐप के माध्यम से यह कैसे जांचें कि आपके नाम पर कोई अन्य व्यक्ति सिम कार्ड का दुरुपयोग तो नहीं कर रहा है
विस्तार:
साइबर चौपाल मे साइबर विशेषज्ञ ने जानकारी देते हुए बताया कि डिजिटल अरेस्ट क्या है और इससे कैसे बचें?
यह एक नई तरह की साइबर ठगी है। जिसमें ठग खुद को पुलिस अधिकारी, CBI, ED या अन्य किसी जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर कॉल करते हैं। वे कहते हैं कि आपके खिलाफ कोई गंभीर मामला दर्ज है (जैसे मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग्स केस आदि) और आपको वर्चुअल तरीके से 'अरेस्ट' कर लिया गया है।
डिजिटल लुटेरे कैसे डराते हैं?
वीडियो कॉल के माध्यम से नकली पुलिस या सरकारी ऑफिस दिखाते हैं
धमकाते हैं कि आपकी सारी संपत्ति जब्त हो जाएगी।
आपकी निजता (privacy) की बातें करके ब्लैकमेल करते हैं। कहते हैं कि मामला कोर्ट में भेजा जाएगा
ठग क्या मांगते हैं?
जुर्माना भरने के नाम पर पैसे मांगते हैं
आपके अकाउंट की KYC अपडेट करने के बहाने OTP मांगते हैं
स्क्रीन शेयरिंग ऐप्स (AnyDesk, QuickSupport आदि) डाउनलोड करवाते हैं
बचाव के उपायः
किसी भी अनजान व्यक्ति को फोन पर अपनी जानकारी न दें।
सरकारी अधिकारी कभी वर्चुअल अरेस्ट नहीं करते।
कोई भी सरकारी एजेंसी वॉट्सऐप/वीडियो कॉल पर आपको धमकी नहीं देती।
तुरंत 1930 या cybercrime.gov.in पर शिकायत करें।
 फाइनेंशियल फ्रॉड (Financial Fraud) से कैसे बचें?
फ्रॉड के सामान्य प्रकारः
फेक बैंक कॉल्सः जहां फर्जी कस्टमर केयर बनकर OTP मांगते हैं।
ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉडः नकली वेबसाइट्स पर सामान के नाम पर पैसे ले लेते हैं।
QR Code स्कैन करके पैसा निकलवाना
इंस्टाग्राम फेसबुक आदि पर लुभावने ऑफर देकर ठगी।
UPI फ्रॉड या लिंक भेजकर खाता खाली करना।
बचाव के उपायः
किसी के कहने पर QR कोड स्कैन न करें
OTP किसी से साझा न करें।
UPI लिंक पर क्लिक करने से पहले जांच लें।
बैंकिंग संबंधित समस्याओं में केवल बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट या ऐप का ही उपयोग करें।
सोशल मीडिया पर अनजान लिंक या लॉटरी जैसे मैसेज से सतर्क रहें।
3. संचार साथी ऐप (Sanchar Saathi App) - SIM कार्ड का दुरुपयोग कैसे पहचानें?
यह ऐप क्या करता है?
भारत सरकार द्वारा विकसित यह पोर्टल/ऐप (https://sancharsaathi.gov.in/) आपको यह जांचने में मदद करता है कि आपके नाम पर कितने मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड हैं।
इसका उपयोग क्यों जरूरी है?
कई बार साइबर अपराधी फर्जी दस्तावेजों से आपके नाम पर सिम निकलवा लेते हैं और उसका उपयोग अपराध में कर सकते हैं।
ऐसे करें उपयोगः
1. वेबसाइट खोलें: https://sancharsaathi.gov.in
2. "Know Your Mobile Connections" पर जाएं
3. अपना मोबाइल नंबर व OTP डालें
4. आपके नाम पर सक्रिय सभी नंबर दिखेंगे
5. कोई संदिग्ध नंबर दिखे तो उसे रिपोर्ट या ब्लॉक कर सकते हैं।
बचाव के उपायः
कभी भी अपने पहचान पत्र (आधार, पैन आदि) की फोटोकॉपी किसी अंजान को न दें। अनजान वेबसाइट्स पर रजिस्ट्रेशन करते समय सावधानी रखें । समय-समय पर संचार साथी पर जाकर अपने नाम पर सक्रिय सिम कार्ड चेक करते रहें
संपर्क जानकारी (अगर फ्रॉड हो जाए तो):
साइबर हेल्पलाइन नंबर:1930
ऑनलाइन शिकायत के लिए: www.cybercrime.gov.in
नजदीकी थाने में FIR दर्ज कराएं
पुलिस वैरीफिकेशन जरुरी। 
मोहनलालगंज एसीपी रजनीश ने चौपाल में उपस्थित सभी नागरिकों को किरायेदार सत्यापन एवं घरेलू सहायकों (जैसे नौकर-नौकरानी आदि) के पुलिस सत्यापन के महत्व के बारे में विस्तारपूर्वक अवगत कराया गया। लोगों को बताया गया कि किसी भी व्यक्ति को अपने घर पर नौकर या नौकरानी के रूप में कार्य पर रखने से पूर्व उसका पुलिस वैरिफिकेशन (सत्यापन) कराना अनिवार्य है। यह कदम सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक है, जिससे किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधियों से बचा जा सके।
इसी प्रकार, यदि कोई व्यक्ति अपने मकान या कमरों को किराए पर देता है, तो उससे पहले किरायेदार का पुलिस सत्यापन कराना आवश्यक बताया गया। बिना सत्यापन के किसी को किराये पर रखना सुरक्षा की दृष्टि से खतरे का कारण बन सकता है।