लखनऊ :
STF का एक्शन में कुख्यात शार्प शूटर शाहरुख़ पठान ढेर।
दो टूक : यूपी एसटीएफ यूनिट मेरठ ने मुजफ्फरनगर के संजीव जीवा और मुख्तार अंसारी गैंग के शार्प शूटर शाहरुख पठान को मुठभेड़ में मार गिराया। शाहरुख़ पर हत्या, रंगदारी, अपहरण, बलात्कार जैसे कई संगीन अपराध दर्ज थे।वारदात के वक्त उसके पास से कई हथियार और एक ब्रेजा कार बरामद की गई है। संभल में बीते हफ्ते 302 के गवाह पर फायरिंग कर जान से मारने की कोशिश की थी।
विस्तार :
यूपी एसटीएफ अपर पुलिस अधीक्षक
बृजेश कुमार सिंह के मुताबिक दिनांक-14-07-2025, समय 01.05 बजे स्थान छपार रोहाना रोड पर ग्राम बिजोपुर जाने वाला रास्ता थानाक्षेत्र छपार, जनपद मु०नगर।
विगत काफी दिनों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपदों में सक्रिय अपराधियों के सम्बन्ध में एस०टी०एफ उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा विभिन्न इकाईयों टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। इसी क्रम में बृजेश कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में एस०टी०एफ० फील्ड इकाई, मेरठ में टीम गठित कर अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी।
अभिसूचना संकलन के दौरान दिनांक 13-07-2025 की रात्री को उप-निरीक्षक जयवीर सिंह के नेतृत्व में हे०कां० रकम सिंह, हे०कां० आकाशदीप, हे०कां० प्रदीप धनकड, हे०कां० चालक रोमिश तोमर मय सरकारी गाडी नं० यूपी-32 ईजी-4612 व उ०नि० श्री दुर्वेश डबास, हे०कां० दीपक कुमार, हे०कां० संजय सिंह, हे०कां० चालक विनय कुमार मय सरकारी गाडी नं०-यूपी-32बीजी- 4553 की टीम कुख्यात संजीव जीवा व मुख्तार अंसारी गैंग के शार्प शूटर व मु०नगर के हिस्ट्रीशीटर शाहरूख पठान पुत्र जरीफ निवासी खालापार मु०नगर जो मु०अ०सं० 226/2025 धारा 109/126(2)/308(5)/351 (3) बीएनएस थाना बनियाठेर जनपद सम्भल मे वांछित है, की पतारसी,सुरागरसी जनपद मु०नगर में भ्रमणशील थी। इसी दौरान मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि एक हिस्ट्रीशीटर बदमाश जो मुख्तार अंसारी व संजीव गैंग का शार्प शूटर है, और हत्या के मुकदमे के गवाह ,पैरोकार को गवाही, पैराकारी न करने तथा जान से मारने का प्रयास कर रहा है तथा इस अपराधी का मु०नगर व हरिद्वार के व्यापारियों में काफी भय फैला हुआ है। वह आज अपने साथियों के साथ ब्रेजा गाडी से रोहाना की तरफ से छपार आयेगा और किसी बड़ी घटना को अन्जाम देगा। इस सूचना पर विश्वास करते हुये एसटीएफ टीम मु०नगर से छपार होते हुए रोहाना रोड पर ग्राम बिजोपुरा तिराहे पर पहुँची तथा अपनी गाड़ियां खड़ी कर रोहाना की तरफ से आने वाले वाहनों की चैकिंग करने लगे। समय करीब 01.05 बजे एक ब्रेजा गाडी बिना नम्बर की रोहाना की तरफ से आई. जिसको टीम द्वारा रोकने का प्रयास किया तो गाडी चालक ने गाड़ी नहीं रोकी और चालक ग्राम बिजोपुरा की तरफ तेजी से गाड़ी मोडकर भागने लगा, जिसकी गाड़ी ग्राम बिजोपुरा वाले रास्ते पर सडक के बायी और कुछ दूरी पर जाकर बैलेंस बिगडने के कारण सडक से नीचे उतरकर गडवे में फंस गयी। तभी गाड़ी में चालक सीट से एक व्यक्ति नीचे उतरा और टीम पर जान से मारने की नीयत से फायरिंग करने लगा। एसटीएम टीम द्वारा अदम्य साहस व शौर्य का परिचय देते हुये बदमाश द्वारा की जा रही फायरिंग का जवाब नियन्त्रित फायरिंग से किया गया। इस फायरिंग के दौरान उक्त बदमाश घायल हो गया, जिसे उपचार हेतु अस्पताल भेजा गया, जहाँ चिकित्सकों द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया।
मुठभेड के दौरान एसटीएफ टीम द्वारा अदम्य साहस व शौर्य का प्रदर्शन किया गया तथा विभिन्न मा० न्यायालयों तथा मा० मानवाधिकार आयोग के निर्देशों का अक्षरशः पालन किया गया।
शाहरूख पठान उपरोक्त की आपराधिक गतिविधियाँ ।
शाहरूख पठान के पिता का नाम जरीफ हैं बचपन में ही इसके फुफा अमीर आजम नि० फक्करसा चौक, थाना कोतवाली शहर, जनपद मु०गनर की कोई सन्तान न होने के कारण उसने शाहरूख पठान को गोद ले लिया था और तभी से यह अपने फुफा के साथ रहने लगा। इसका फुफा अमीर आजम फक्करसा चौक मु०नगर पर साईकिल मरम्मत की दुकान चलाता है। शाहरूख भी इसी दुकान पर बैठता था। दुकान पर बैठने के दौरान ही बदमाश सोबी नि० खालापार, मु०नगर से दोस्ती हो गयी थी।
खालापार, मु०नगर में वसूली व वर्चस्व को लेकर शाहरूख पठान ने अपने साथी बदमाश सोबी के साथ मिलकर वर्ष 2015 में मु०नगर रेलवे स्टेशन पर पुलिस कस्टडी में आसिफ जायदा नामक व्यक्ति जिसको नैनी जेल से मु०नगर कचहरी में पेशी के लिए लाया जा रहा था, की हत्या कर दी थी। जिसके सम्बन्ध में थाना जी०आर०पी० मु०नगर पर अ०सं० 11/15 धारा 302 भादवि पंजीकृत हुआ था।
इस घटना में गिरफ्तार होने के पश्चात जेल में संजीव जीवा और मुख्तार अंसारी के सम्पर्क में आ गया और संजीव जीवा के लिए काम करने लगा।
कुछ दिन जेल में रहने के पश्चात तारीख से लौटते समय यह थाना सिविल लाइन, जनपद मु०नगर से वर्ष 2016 में पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था, जिसके सम्बन्ध में थाना सि०लाइन मु०नगर पर अ०सं० 230/16 धारा 223/224 भादवि पंजीकृत हुआ था।