मंगलवार, 15 जुलाई 2025

लखनऊ :लाखों पेंशनर्स कर्मचारी शिक्षकों ने धरना-प्रदर्शन कर सरकार को चेताया।||Lucknow:Lakhs of pensioners, employees and teachers protested and warned the government.||

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लखनऊ :
लाखों पेंशनर्स कर्मचारी शिक्षकों ने धरना-प्रदर्शन कर सरकार को चेताया।
दो टूक :सेवानिवृत्त शिक्षकों ने कहा कि पेंशन नियमावली में बदलाव एवं केन्द्रीय 8 वें वेतन आयोग का गजट नोटीफिकेशन जारी नहीं होने से बढ़ा संशय और असंतोष ।
विस्तार:
अखिल भारतीय स्टेट गवर्नमेन्ट पेशनर्स फेडरेशन एवं उत्तर प्रदेश में सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसियेशन तथा शिक्षक महासंघ के आवाहन पर अपनी मूलभूत मांगों के प्रति सरकार की उदासीनता एवं 8 वें वेतन आयोग की घोषणा किन्तु पालन न करने के कारण लाखों कर्मचारी शिक्षक पेंशनर्स ने सभी जनपदों में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन, विरोध सभाये कर मांगों का अनुस्मारक ज्ञापन स्थानीय प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री,मुख्यमंत्री को सौंप कर प्रभावी कार्यवाही हेतु सचेत किया है।
राजधानी लखनऊ में यह कार्यक्रम स्थानीय वी०एन० सिंह प्रतिमा स्थल पर अपरान्ह 3 बजे से आयोजित किया गया, जिसमें शीर्ष प्रान्तीय पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में पेंशनर्स कई सेवारत संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसियेशन के अध्यक्ष अमरनाथ यादव, प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ० दिनेश चन्द्र शर्मा एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधान परिषद सदस्य सुरेश कुमार त्रिपाठी ने विभिन्न जनपदों से प्राप्त सूचना के आधार पर दावा किया कि पूरे प्रदेश भर में आज के आन्दोलन में पचास हजार से अधिक शिक्षक कर्मचारी पेंशनस ने भाग लेकर सामूहिक आवाज बुलन्द कर सरकार की तंद्रा तोड़ने के लिये चेतावनी दिया है।
यहाँ आमसभा को सम्बोधित करते हुये अध्यक्ष अमरनाथ यादव एवं महामंत्री ओ०पी०त्रिपाठी ने कहा कि हमारी बड़ी चिन्ता यह है कि 16 जनवरी 2025 प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में 8वें केन्द्रीय वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया था, तब कहा गया कि आयोग की रिपोर्ट 1 जनवरी 2026 से लागू कर दी जायेंगी, पर सरकार की उदासीनता और बादाखिलाफी का आलम यहहै कि 6 माह का समय बीत गया, अभी तक आयोग के गठन, अध्यक्ष/सदस्यों की नियुक्ति एवं टम्से आफ रिफरेश का गजट नोटीफिकेशन तक जारी नहीं किया। उन्होंने सेवारत की भांति सेवानिवृत्त कार्मिकों के भी वेतन, पेंशन भत्ते पुनरीक्षण किये जाने का मु‌द्दा उठाया।
लखनऊ मे अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते हुए संगठन।।
अखिल भारतीय पेंशनर फेडरेशन के उपाध्यक्ष एस०पी० सिंह एवं राष्ट्रीय सचिव एस०के० मिश्रा तथा वरिष्ठ उपाध्यक्ष बी०एल० कुशवाहा ने कहा कि पेंशनरों की भारी चिन्ता का दूसरा विषय संसद से पारित वित्त विधेयक 2025 के माध्यम से सी०सी०एस० (पेंशन) रूल्स में किया गया बदलाव है जिसके द्वारा सरकार को सेवानिवृत्ति की तिथि के आधार पर पेंशनर्स में भेद करने का अधिकार मिल गया है वेतन का टर्म्स आफ रेफरेन्स सामने आने पर ही पता चल पायेगा कि पुराने पेंशनर्स के प्रति सरकार/आयोग का क्या दृष्टिकोण है?

माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रान्तीय उपाध्यक्ष/प्रवक्ता डॉ० आर०पी० मिश्र, महामंत्री नरेन्द्र कुमार वर्मा, प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रान्तीय उपाध्यक्ष सुपांशु मोहन ने राज्य सरकार के उस फैसले पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है, जिसमें अनिवार्य शिक्षा अधिनियम को दरकिनार करते हुये लगभग 11000 प्राथमिक विद्यालयों की बन्द कर दिया है. इसका गहरा विपरीत प्रभाव गरीब बच्चों की पढ़ाई पर पड़ने के साथ-साथ शिक्षकों कर्मचारियों पर भी पड़ेगा। उन्होंने सरकार को यह निर्णय रद्द करने के लिये सचेत किया।

पेंशनर/संगठन के अखिल भारतीय कर्मचारी महासंघ के उपाध्यक्ष कमलेश मिश्रा ने कहा कि सरकार की उदासीनता के चलते पुरानी पेंशन योजना की बहाली, कोरोना काल के 18 महीने के फ्रीज्ड डी०ए० डी०आर० के एरियर का भुगतान एवं पेंशन के राशिकरण की 15 साल तक हो रही कटौती को घटाकर 10 वर्ष पर पूरी पेंशन बहाली की मांग भी लम्बित पड़ी हुई है. जिससे असंतोष व्याप्त है।

सभा को सर्व श्री ओ०पी० राय, बी०के० सिंह, लखनऊ जनपद अध्यक्ष अंगद सिंह सचिव आर०सी० उपाध्याय, आर०पी० अवस्थी, नरेन्द्र प्रताप सिंह, गंगाधर निरंकारी, गोपी कृष्ण पाठक, श्याम सिंह राठौर, दिनेश चन्द्र बाजपेयी, आर०डी० कनौजिया, अशोक कुमार मौर्या, रामस्वरूप कश्यप, एस०के० अवस्थी, ए०के० मिश्रा एस०ए० सिद्दीकी, सम्भू लाल गुप्ता, गंगा राम गौतम्, कमलेश पाठक, एस०के० पाण्डेय, राजकुमार सिंह, गंगा राम यादव, रामजन्म यादव, दया राम सोनकर, राम नरेश यादव, सबिदानन्द सिंह, जी०एस० कुशवाहा, अक्षय लाल वर्मा आदि ने सम्बोधत किया।