गुरुवार, 3 जुलाई 2025

गोण्डा- डीएम ने दिखाई पारदर्शिता, ग्राम विकास अधिकारी निलंबित

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गोंडा- ग्राम पंचायत पहाड़ापुर में सार्वजनिक खड़ंजा उखाड़े जाने को लेकर उत्पन्न विवाद में जिलाधिकारी नेहा शर्मा द्वारा त्वरित एवं कठोर रुख अपनाते हुए संबंधित ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।
यह कार्यवाही ग्राम निवासी शारदा प्रसाद शुक्ल द्वारा प्रस्तुत शिकायती पत्र की जांचोपरांत की गई, जिसमें ग्राम प्रधान एवं पंचायत सचिव की मिलीभगत से शिकायतकर्ता को झूठे आरोपों में फंसाने का आरोप लगाया गया था। प्रारंभिक जांच में आरोपों की पुष्टि होने पर जिलाधिकारी के निर्देश के अनुपालन में जिला विकास अधिकारी सुशील श्रीवास्तव द्वारा ग्राम विकास अधिकारी विवेकानन्द को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया। निलंबन अवधि में उन्हें विकास खंड झंझरी से संबद्ध किया गया है। 
दरअसल, 14 जून 2025 को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में ग्राम पंचायत पहाड़ापुर में आयोजित चौपाल के दौरान यह शिकायत प्राप्त हुई थी कि कुछ व्यक्तियों द्वारा सार्वजनिक खड़ंजे को मनमाने ढंग से उखाड़ा गया है। जिलाधिकारी के निर्देशानुसार, ग्राम विकास अधिकारी द्वारा थाना कटराबाजार में प्राथमिकी पंजीकृत कराई गई थी।
शिकायतकर्ता के अनुसार, इस प्राथमिकी के पश्चात आरोपियों में से एक ने ग्राम प्रधान एवं पंचायत सचिव की साजिश के तहत शिकायतकर्ता को भी झूठे आरोपों में फंसाने का प्रयास किया। प्रभारी निरीक्षक, थाना कटरा बाजार द्वारा प्रस्तुत आख्या में स्पष्ट किया गया कि ग्राम विकास अधिकारी द्वारा कराए गए इंटरलॉकिंग कार्य को शारदा प्रसाद शुक्ल द्वारा क्षति पहुँचाने के आरोप तथ्यात्मक रूप से असत्य पाए गए।
जिला विकास अधिकारी सुशील श्रीवास्तव ने बताया कि विभागीय जांच में यह तथ्य भी प्रकाश में आया कि ग्राम विकास अधिकारी द्वारा इस प्रकरण के संबंध में उच्च अधिकारियों को भ्रामक सूचना प्रदान कर गुमराह करने का प्रयास किया गया। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने उक्त प्रकरण को “सर्वथा खेदजनक एवं अस्वीकार्य” करार देते हुए दोषी कार्मिक के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।