शुक्रवार, 18 जुलाई 2025

सुल्तानपुर : कन्या भ्रूण की जांच करने वाले अल्ट्रासाउंड संस्थानों पर होगी कार्रवाई, मुखबिर को मिलेगा ₹ 60 हजार:-एसीएमओ।।||Sultanpur : Action will be taken against ultrasound institutes which test female fetus, informer will get ₹ 60 thousand:- ACMO.||

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सुल्तानपुर : 
कन्या भ्रूण की जांच करने वाले अल्ट्रासाउंड संस्थानों पर होगी कार्रवाई, मुखबिर को मिलेगा ₹ 60 हजार:-एसीएमओ।।
दो टूक : (सुल्तानपुर)तहसील सदर के सभागार में पीसीपीएनडीटी के तहत लिंग चयन और लिंग निर्धारण पर रोक लगाने, कन्या भ्रूण हत्या और बालिकाओं के प्रति भेदभाव के खिलाफ विधिक साक्षरता / जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
जिसमें मुख्य अतिथि अपर जिला जज विजय कुमार गुप्ता ने कहा कि बेटियों को लेकर वर्तमान समय में समाज की अवधारणा में बदलाव आया है।बेटियां पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़ी हो रहीं, घर परिवार का आर्थिक बोझ भी उठा रहीं। उन्होंने कहा कि समाज की मुख्य धारा में महिलाएं प्रथम पायदान पर भी हैं। अब वंशावलियो को लेकर समाज की रूढ़िवादी सोंच में बदलाव आया है ।सचिव श्री गुप्ता ने कहा कि बेटियों को अब लोग बेटे के बराबर शिक्षा देकर उनका लालन-पालन कर रहे हैं।बेटियों को समान दर्जा दिया जा रहा है।वहीं एडिशनल सीएमओ जे.सी सरोज ने कहा कि आज केरल, पांडिचेरी हरियाणा में 1000 पुरुषों के मुकाबले क्रमवार 1084, 1037,879 है ।साथ ही साथ सबसे कम केंद्र शासित प्रदेश दमन दीव में 618 है। तो वहीं उन्होंने उत्तर प्रदेश में बताया कि 922 तथा सुल्तानपुर में प्रति हजार पुरुषों के मुकाबले 922 महिलाओं का लिंगानुपात है।अपर मुख्य चिकित्साधिकारी श्री सरोज ने कहा कि आज लिंग चयन और लिंग निर्धारण कन्या भ्रूण हो रोकने के लिए  विभाग अपने मुखबिर को ₹60 हजार तथा क्लाइंट बनने वाली गुप्तचर महिलाओं को एक लाख ₹ दिए जाने का प्रावधान किया है । कानून विरुद्ध  अल्ट्रासाउंड सेंटर यदि भ्रूण की जानकारी देते हैं तो उनपर कड़ी कानूनी करने का प्रावधान है।वहीं डिप्टी चीफ नागेंद्र सिंह ने कहा कि
गर्भवती स्त्री का जबर्दस्ती गर्भपात कराना अपराध है।गर्भपात करने के मकसद से किये गए कार्यों से अगर महिला की मौत हो जाती है या शिशु को जीवित पैदा होने से रोकने या जन्म के बाद उसकी मृत्यु मकसद से किया गया कार्य अपराध होता है,तो कठोर सजा का प्रावधान है।उन्होंने कहा कि वास्तव में कन्या भ्रूण हत्या के लिए कानून से ज्यादा समाज जिम्मेदार है। हमारे देश की अजीब विडम्बना है कि सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी समाज में यह घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी ने अल्ट्रासाउन्ड तकनीकी के द्वारा भ्रूण-परिक्षण की जानकारी से बेटियां कोख में मारी जा रही हैं।
धन्यवाद ज्ञापित करते हुए नवागत तहसीलदार देवानंद तिवारी ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या अधिनियम, जिसे गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक पीसीपीएनडीटी अधिनियम, 1994 के रूप में भी जाना जाता है, भारत में कन्या भ्रूण हत्या को रोकने और घटते लिंगानुपात को ठीक करने के लिए पारित किया गया था। नामिका अधिवक्ता अमित कुमार पांडेय ने कहा ने बताया कि यह अधिनियम प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगाता है और इसके उल्लंघन के लिए दंड का प्रावधान करता है। वक्ता के रूप में मध्यस्त हरिराम सरोज ने कहा कि जिस घर में जिस घर में मातृशक्ति का अपमान होता है वह घर कभी भी पनपता नही है। उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर आने से बच्चियों को न रोकें क्योंकि वह आपकी जननी भी हैं, रक्षक भी हैं।पुरुष और महिला में भेदभाव करना बहुत बड़ा अपराध है।संचालन पैरालीगल वालेंटियर योगेश कुमार यादव ने किया।इस मौके पर रजिस्ट्रार कानूनगो जितेंद्र सिंह ,वरिष्ठ सहायक भृगुदेव तिवारी ,अधिवक्ता अखंडानंद तिवारी, पेशकार राजेंद्र कनौजिया, लेखपाल सर्वेंद्र पटेल, लेखपाल प्रज्ञा सिंह ,पैरालीगल वॉलिंटियर दशरथ ,शुभाष,सुनील राठौर, पूनम गौतम समेत दर्जनों रहे।
राष्ट्र के लिए आयोजित हो रहा मध्यस्थता अभियान।
सुल्तानपुर जनपद के राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं लक्ष्मी कांत शुक्ल, जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जनपद सुलतानपुर एवं अमेठी के समस्त तहसीलो एवं जनपद न्यायालय में राष्ट्र के लिए मध्यस्थता अभियान का शुभारंभ किया गया है। यह अभियान गत एक जुलाई से 30 सिंतबर तक चलेगा।प्राधिकरण के सचिव विजय कुमार गुप्ता ने जनमानस से अपील किया है कि वे अपने न्यायालय में लम्बित प्रकरण को जो सुलह-समझौता के योग्य हो और जिसका शीघ्र निस्तारण कराना चाहते है ।वे सम्बन्धित न्यायालय से निवेदन करके अपने प्रकरण को मध्यस्थता केन्द्र में प्रेषित कर निस्तारण करा सकते है।