गोंडा, 20 जून- गांवों की समस्याएं अब फाइलों में नहीं, फील्ड में हल हो रही हैं। आज हुए ग्राम चौपाल 3.0 कार्यक्रम के तहत जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने खुद गांव-गांव जाकर न सिर्फ ग्रामीणों की शिकायतें सुनीं, बल्कि अधिकारियों को साथ लेकर मौके पर ही समाधान सुनिश्चित किया। यह पहल एक परंपरा नहीं, बल्कि प्रशासनिक सोच में बदलाव की दिशा में एक ठोस कदम है।
ग्राम चौपाल 3.0 की शुरुआत पूर्व समीक्षा और रणनीतिक योजना के साथ हुई है। जिलाधिकारी के निर्देश पर आईजीआरएस, समाधान दिवस, जनता दर्शन और अन्य प्लेटफार्म से प्राप्त शिकायतों की सघन पड़ताल की गई। जिन ग्राम पंचायतों से बार- बार समस्याएं आ रही थीं, उन्हें चिन्हित कर प्राथमिकता के आधार पर चौपाल आयोजन के लिए चुना गया। सभी संबंधित अधिकारियों को न केवल सूचना दी गई, बल्कि स्पष्ट निर्देश दिए गए कि शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जाए।
शुक्रवार को जिलाधिकारी ने विकासखंड-वजीरगंज, नवाबगंज तथा तरबगंज की पाँच ग्राम पंचायतों — बंधवा, चंदापुर, रामापुर, तुलसीपुर माझा तथा सिंगहाचंदा में चौपाल लगाई। ग्रामीणों से संवाद स्थापित कर उन्होंने संपर्क मार्गों की स्थिति, विद्युत आपूर्ति, शौचालय निर्माण, नाली, राशन वितरण, अविवादित विरासत जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा की और अधिकारियों को मौके पर ही त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
=समाधान की तत्परता और कड़ी चेतावनी=
ग्राम पंचायत बंधवा में ग्रामीणों द्वारा अवगत कराया गया कि प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र कभी नहीं आती हैं जिस पर जिलाधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारी को जांच करके कार्रवाई करने की निर्देश दिए हैं। ग्राम में शिकायतकर्ता चंदन वर्मा द्वारा अवगत कराया गया कि हमारे घरौनी का कार्य नहीं किया गया है जिस पर जिलाधिकारी ने संबंधित ग्राम के लेखपाल को निर्देश दिए हैं की जांच करके जल्द से जल्द आवश्यक कार्रवाई करें।
ग्राम पंचायत रामपुर में ग्राम प्रधान व ग्रामीणों द्वारा अवगत कराया गया कि जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत बन रहे पानी टंकी का फाउंडेशन तैयार कर दिया गया उसके बाद सारे काम को बंद कर दिया गया है और अब ठेकेदार के द्वारा कोई कार्य नहीं कराया जा रहा है। इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करती हो जिलाधिकारी ने सहायक अभियंता जल निगम को कड़े निर्देश दिए हैं कि तत्काल जांच करके कार्य शुरू कराया जाए।
ग्राम चौपाल 3.0 का लक्ष्य सिर्फ शिकायतों को सुनना नहीं, बल्कि उनके समाधान की गुणवत्ता और स्थायित्व सुनिश्चित करना भी है। जिलाधिकारी स्वयं गांव- गांव जाकर यह देख रही हैं कि जो समाधान दिए गए हैं, वे प्रभावी और दीर्घकालिक हैं या नहीं।
चौपाल में प्रशासनिक मशीनरी की पूरी ताकत झोंकी गई। मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रश्मि वर्मा, अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार, मुख्य राजस्व अधिकारी महेश प्रकाश, नगर मजिस्ट्रेट पंकज वर्मा, अपर उपजिलाधिकारी द्वितीय विशाल कुमार, नायब तहसीलदार तरबगंज अनुराग पाण्डेय, नवाबगंज संतोष कुमार, जिला विकास अधिकारी सुशील कुमार, परियोजना निदेशक डीआरडीए चंद्रशेखर, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला प्रोवेशन अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार मौर्य, खंड विकास अधिकारी वजीरगंज, नवाबगंज तथा तरबगंज चौपाल में उपस्थित रहे और मौके पर ही निर्णय लिए।