सोमवार, 22 अप्रैल 2024

गोण्डा- बजाज हिन्दुस्तान शुगर लि0 इकाई कुंदरखी में चल रहे स्थापत्य एवं वास्तुज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन आचार्य सुशील बलूनी ने कहा- सुप्त अथवा श्रापित भूमि में किये गए निर्माण कभी सुखदायी नहीं होते

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दो टूक, गोण्डा- बजाज हिन्दुस्तान शुगर लि0 इकाई कुंदरखी में चल रहे स्थापत्य एवं वास्तुज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन सोमवार को उत्तराखंड से आये आचार्य सुशील बलूनी ने कहा की सुप्त अथवा श्रापित भूमि में किये गए निर्माण कभी सुखदायी नहीं होते है। उन्होंने भूमि के प्रकार, अवस्था व उर्जा का विस्तारपूर्वक चर्चा की। बताया कि दिशाओं एवं कोणों के हिसाब से किया गया अच्छे से अच्छा वास्तु निर्माण यदि पद विन्यास के अनुसार ठीक नहीं है अथवा भूमि की दूषित अवस्थाओं जैसे की सुप्त अवस्था अथवा अर्ध जाग्रत अवस्था में किया गया हो अथवा दूषित कार्य में प्रयोग होने के कारण या श्रापित भूमि में किया गया हो तो ऐसा निर्माण कभी भी सौभाग्यादायी नहीं होता। आचार्य के अनुसार ब्रह्मस्थान समेत दिशा व कोणों का महत्व तो है ही, उसके अतिरिक्त भूमि का परीक्षण भी नितांत आवश्यक है, शुद्ध भूमि ही समृद्धि का कारक हो सकती है।

आचार्य ने अपने उदबोधन में बताया की जैसे पांच- सात लोगों के परिवार के लिए एक भवन व उसका वास्तु महत्वपूर्ण होता है। वैसे ही प्रत्येक व्यक्ति की आत्मा का निवास उसके शरीर रूपी घर में होता है। घर व शरीर दोनों का रक्षण, देखभाल व सही वास्तु नियम से अनुपालन अनिवार्य है। शरीर का शारीरिक- आध्यात्मिक व मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य बहुत महत्वपूर्ण है। घर का वास्तु कितना भी ठीक कर लें यदि शरीर- वास्तु ठीक नहीं है तो वस्तु भोग ठीक प्रकार से नहीं हो सकेगा। द्वितीय दिवस में आचार्य ने खाने, पीने, सोने, नहाने तथा जीवंत तरीके से जीने व साँस लेने के तरीकों को विशेष तौर पर समझाया व बताया।

मुख्य अतिथि के तौर पर जिला गन्ना अधिकारी गोंडा सुनील कुमार शुक्ला, वरिष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक गोंडा मौजूद रहे, जिनका व्यासपीठ से स्वागत किया गया। इस अवसर पर अखिलेश सिंह, राजन सिंह, अजय सिंह, भारत सिंह, राज बक्स सिंह, मनोज सिंह, तहसीलदार सिंह, ईश्वर प्रताप सिंह, अन्नू सिंह, अजय प्रताप सिंह, ठाकुर प्रसाद सिंह, कमल बहादुर, रवि शंकर आदि अनेक लोग मौजूद रहे। गोण्डा से प्रदीप पांडेय की रिपोर्ट।।