लखनऊ :
बीमारू' राज्य के कलंक को मिटाकर देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना उत्तर प्रदेश।
दो टूक : तकनीकी क्रांति से समृद्धि: AI, Big Data, Deeptech, Fintech और Agri-tech के क्षेत्र में अग्रणी बना 'नया उत्तर प्रदेश'; GSDP और Per Capita Income में ऐतिहासिक उछाल है और कृषि से उद्योग तक कायाकल्प: CD Ratio में वृद्धि और 18% की कृषि विकास दर के साथ 'Ease of Doing Business' की दिशा में मील का पत्थर बना वर्ष 2025
उत्तर प्रदेश के विधानसभा के संपन्न हुए शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट पर चर्चा के प्रतिउत्तर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संबोधन वर्ष 2025 के लिए एक व्यापक वार्षिक समीक्षा सिद्ध हुआ है। मुख्यमंत्री ने सदन के पटल पर अपनी सरकार की विकास यात्रा का विवरण प्रस्तुत करते हुए स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश अब Fearless Business (भयमुक्त व्यापार), Ease of Doing Business और Trust of Doing Business (व्यापारिक विश्वास) का वैश्विक केंद्र बन चुका है। उन्होंने सत्र के दौरान अपने वक्तव्य में बल देकर कहा कि राज्य ने कठोर vittiya anushasan (वित्तीय अनुशासन) और good governance (सुशासन) के बल पर अपनी अर्थव्यवस्था का पूर्ण कायाकल्प किया है। यह वर्ष प्रदेश के लिए उस कालखंड के रूप में अंकित हुआ है जहाँ GSDP और per capita income (प्रति व्यक्ति आय) के आंकड़े राज्य की आर्थिक आत्मनिर्भरता और सुदृढ़ सामाजिक-आर्थिक ढांचे की पुष्टि करते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने यह प्रमाणित किया कि यदि सरकार की नीयत साफ हो और प्राथमिकताएं स्पष्ट हों, तो बड़े से बड़ा प्रदेश भी सुशासन का उदाहरण बन सकता है। मुख्यमंत्री का स्पष्ट कहना है कि किसी भी समाज, संस्था या व्यक्ति के लिए सबसे पहली जरूरत सुरक्षा है। यही वजह है कि कानून-व्यवस्था को सरकार ने विकास की बुनियाद बनाया हैं। आज उत्तर प्रदेश की छवि एक ऐसे प्रदेश की है, जहां निवेशक निडर होकर आ सकते हैं, व्यापारी सुरक्षित महसूस करता है और आम नागरिक को कानून का भरोसा है। 2017 से पहले जिस उत्तर प्रदेश को अराजकता, दंगों और माफिया राज के लिए जाना जाता था, आज वही प्रदेश देश के भीतर और बाहर एक सुरक्षित और स्थिर प्रदेश के रूप में पहचाना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि सुरक्षा के बेहतर वातावरण ने ही प्रदेश की परसेप्शन बदली है। यही बदली हुई धारणा निवेश, रोजगार और औद्योगिक विकास की सबसे बड़ी वजह बनी।
*एक्सप्रेस-वे, मेट्रो नेटवर्क, एयरपोर्ट और रेलवे कनेक्टिविटी में यूपी अग्रणी*
इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने ऐतिहासिक छलांग लगाई है। कभी गड्ढायुक्त सड़कों और अधूरी परियोजनाओं का प्रतीक रहा प्रदेश आज एक्सप्रेस-वे, मेट्रो नेटवर्क, एयरपोर्ट और रेलवे कनेक्टिविटी के मामले में देश में अग्रणी बन चुका है। उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेस-वे का नेटवर्क तेजी से बढ़ा है और आने वाले समय में देश के कुल एक्सप्रेस-वे का बड़ा हिस्सा अकेले उत्तर प्रदेश में होगा। एयर कनेक्टिविटी के क्षेत्र में भी प्रदेश ने लंबी छलांग लगाई है, जहां अब प्रदेश के भीतर कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे संचालित हो रहे हैं।
*9 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां*
रोजगार सृजन योगी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में शामिल है। बीते पौने नौ वर्षों में प्रदेश के युवाओं को नौ लाख से अधिक सरकारी नौकरियां पूरी पारदर्शिता के साथ दी गईं। बिना पर्ची, बिना खर्ची की नीति ने युवाओं का भरोसा बहाल किया है। पुलिस भर्ती से लेकर आयोगों तक, भर्ती प्रक्रिया में तकनीक और पारदर्शिता को आधार बनाया गया। सरकारी नौकरियों के साथ-साथ निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर तेजी से बढ़े हैं। निवेशक सम्मेलनों के माध्यम से प्रदेश को निवेश का पसंदीदा गंतव्य बनाया गया। जहां पहले उद्यमी उत्तर प्रदेश आने से कतराते थे, आज वही प्रदेश देश के सबसे बड़े निवेश प्रस्तावों का केंद्र बन चुका है। बड़ी संख्या में निवेश प्रस्ताव जमीन पर उतर चुके हैं, जिससे बड़ी संख्या में युवाओं को सीधे रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।
*पारंपरिक उद्योगों को आधुनिक तकनीक, ब्रांडिंग और मार्केटिंग से जोड़ा*
एमएसएमई सेक्टर को मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश की रीढ़ बताया। पारंपरिक उद्योगों को आधुनिक तकनीक, ब्रांडिंग और मार्केटिंग से जोड़ा गया। एक जिला एक उत्पाद योजना के जरिए स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान मिली। इसके परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश आज एमएसएमई नेटवर्क के मामले में देश में अग्रणी राज्य बन चुका है।
*कृषि क्षेत्र में भी सरकार ने संतुलित विकास का मॉडल*
कृषि क्षेत्र में भी सरकार ने संतुलित विकास का मॉडल पेश किया है। गन्ना किसानों को समय पर भुगतान, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, सोलर पंप, ड्रोन तकनीक और प्राकृतिक खेती ने किसानों की आय बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। उत्तर प्रदेश आज खाद्यान्न उत्पादन, गन्ना उत्पादन और इथेनॉल उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य है।
*वेलफेयर योजनाओं के अंतर्गत बिना भेदभाव के पहुँचाया लाभ*
वेलफेयर योजनाओं के मामले में प्रदेश सरकार ने बिना किसी भेदभाव के लाभ पहुंचाने की नीति अपनाई। आवास, राशन, आयुष्मान, पेंशन और मुख्यमंत्री राहत कोष जैसी योजनाओं को सीधे डीबीटी के माध्यम से लागू किया गया। इससे न केवल भ्रष्टाचार पर रोक लगी, बल्कि सरकार और जनता के बीच विश्वास भी मजबूत हुआ है।
*उत्तर प्रदेश अब बीमारू राज्य नहीं देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था*
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण का समग्र संदेश साफ है। उत्तर प्रदेश अब बीमारू राज्य नहीं, बल्कि देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। वित्तीय अनुशासन, राजस्व सरप्लस और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ प्रदेश ने यह दिखा दिया है कि सुशासन से बड़े बदलाव संभव हैं। वर्ष 2025 उत्तर प्रदेश के लिए उस परिवर्तन की कहानी बनकर दर्ज हुआ, जिसने राज्य को विकास पुरुष के नेतृत्व में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
*टेक्नोलॉजी सेक्टर,नए उत्तर प्रदेश का ग्रोथ इंजन*
उत्तर प्रदेश अब केवल पारंपरिक उद्योगों तक सीमित नहीं है, बल्कि अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी सेक्टर में भी देश का अग्रणी राज्य बनकर उभर रहा है। सरकार ने भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तकनीक आधारित विकास को प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अपने संबोधन के दौरान कहा की प्रदेश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर सेमीकंडक्टर, साइबर सिक्योरिटी, रोबोटिक्स और ड्रोन टेक्नोलॉजी जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में तेजी से काम हो रहा है। इलेक्ट्रिक व्हीकल, एग्रीटेक, फिनटेक, डीप टेक, हेल्थ टेक, टूरिज्म टेक और डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर उत्तर प्रदेश के लिए नए विकास के द्वार खोल रहे हैं। डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर के अंतर्गत लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण इस बात का प्रमाण है कि उत्तर प्रदेश अब उच्च स्तरीय रक्षा तकनीक का केंद्र बन चुका है। यहां कार्यरत अधिकतर युवा प्रदेश के ही हैं, जिन्हें आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया है।
*मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में उत्तर प्रदेश बना लीडिंग स्टेट*
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में देश का लीडिंग स्टेट बन गया है। आज देश में बनने वाले कुल मोबाइल फोन का बड़ा हिस्सा प्रदेश में तैयार हो रहा है, वहीं इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स के निर्माण में भी उत्तर प्रदेश की भागीदारी बहुत बड़ी है। योगी सरकार ने स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए इनक्यूबेशन सेंटर, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और स्किल आधारित प्रशिक्षण को बढ़ावा दिया है। इसका परिणाम रहा कि प्रदेश में हजारों स्टार्टअप सक्रिय हैं और कई यूनिकॉर्न भी उभर चुके हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और स्टैंडअप इंडिया जैसी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से प्रदेश का युवा अब नौकरी खोजने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बन रहा है। टेक्नोलॉजी आधारित विकास ने उत्तर प्रदेश को निवेशकों के लिए ड्रीम डेस्टिनेशन बनाया है और यही नया उत्तर प्रदेश की असली पहचान है।
*उत्तर प्रदेश से संबंधित प्रमुख आंकड़े एक नजर में*
- लगभग 9 वर्षों में 9 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां
- 60244 पुलिसकर्मियों की हालिया भर्ती
- प्रदेश में 22 एक्सप्रेसवे का नेटवर्क
- 16000 किलोमीटर से अधिक रेलवे नेटवर्क
- 16 संचालित एयरपोर्ट, 4 अंतरराष्ट्रीय
- 96 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयां
- एमएसएमई से लगभग 2 करोड़ लोगों को रोजगार
- 45 लाख करोड़ रुपये से अधिक निवेश प्रस्ताव
- 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक निवेश जमीन पर उतरा
- उत्तर प्रदेश जीएसडीपी लगभग 35 से 36 लाख करोड़ रुपये
- प्रति व्यक्ति आय 45000 से बढ़कर 120000 रुपये
- प्रदेश देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
- 55 प्रतिशत मोबाइल फोन निर्माण उत्तर प्रदेश में
- 60 प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स का उत्पादन
- 21 प्रतिशत देश का खाद्यान्न उत्पादन
- 55 प्रतिशत गन्ना उत्पादन उत्तर प्रदेश में
- 182 करोड़ लीटर इथेनॉल उत्पादन
- बेरोजगारी दर घटकर लगभग 2.21 प्रतिशत
