सोमवार, 22 दिसंबर 2025

लखनऊ : भाजपा सरकार मे अब रोजगार की कोई गारण्टी नहीं : प्रमोद तिवारी।।||Lucknow:There is no longer any guarantee of employment under the BJP government: Pramod Tiwari.||

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लखनऊ : 
भाजपा सरकार मे अब रोजगार की कोई गारण्टी नहीं : प्रमोद तिवारी।।
दो टूक : भारत के राज्य सभा उप नेता सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा है कि ‘‘मोदी सरकार’’ ने भारत की ही नहीं बल्कि दुनिया की विशालतम योजना ‘‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना’’ (मनरेगा), जिसे एक अधिनियम का संरक्षण प्राप्त था, उसे हटाकर एक साथ कई छल किये हैं । वर्ष 1947 के बाद क्या किसी ने सोचा था कि एक दिन ऐसा भी आयेगा, और देश में एक ऐसी सरकार भी आयेगी जो अपने राष्ट्रपिता का नाम उस योजना से हटा देगी जो दुनिया की सबसे विशालतम योजना है।
श्री तिवारी ने कहा है कि मनरेगा में एक साल में लगभग 12 करोड़ परिवारों को न्यूनतम 100 दिनों के रोजगार की गारण्टी है। इस अधिनियम की आत्मा थी - ‘‘गारण्टीकृृत आजीविका सुरक्षा’’ । यूपीए चेयरपर्सन आदरणीया श्रीमती सोनिया गांधी की प्रेरणा से जब ‘‘मनमोहन सरकार’’ ने इस कानून को बनाया था तब इसके पीछे सबसे बड़ी मंषा यही थी कि ग्रामीण क्षेत्र का रहने वाला कोई गरीब परिवार भूखा और निराश होकर न सोये। जिनके पास रोजगार नही था यह मनरेगा रोजगार उन गरीब परिवारों के लिये ‘‘वरदान’’ साबित हुई।
श्री तिवारी ने कहा है कि सबसे अव्यवहारिक यह है कि नये कानून से गारण्टी हटा ली गयी है, अब रोजगार की कोई गारण्टी नहीं रह गयी है, मनरेगा योजना भी अब अन्य योजनाओं की तरह है।
1. पहले ग्राम पंचायत, विकास खण्ड एवं जिला मिलकर तय करते थे कि कौन सा काम कहां से होगा ? कितना होगा ?
2. अब ऊपर से तय होगा कि काम कहां होना है ? कितना होना है ? और योजना कहां लागू होगी ?  मोदी सरकार द्वारा इस योजना से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम और रोजगार की गारण्टी दोनों समाप्त कर दिया गया है।
3. पहले यह 12 माह चलने वाली योजना थी अब यह मात्र 10 माह चलने वाली योजना रह गयी है, और बाकी दो माह विश्राम रहेगा ।
4. मनरेगा योजना में पहले राज्य सरकारें 10ः का अंषदान करती थी किन्तु अब 60- 40 का औसत होगा। जो प्रदेष सरकारें कर्ज में डूबी है वे 40ः का अंषदान कहांॅ से दंेंगी ?
कुल  मिलाकर ऊपर की तस्वीर की बानगी यह साफ- साफ कहती है कि मोदी सरकार मनरेगा में ऐसी कठिन व अव्यवहारिक शर्ते थोप रही है जिससे यह योजना हमेषा के लिये बन्द हो जाय ।
श्री तिवारी ने कहा है कि नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी, 1948 को महात्मा गांॅधी जी को 3 गोलियां मार कर शारीरिक रूप से उन्हें मारा था, किन्तु मोदी सरकार उन्हें वैचारिक रूप से मार रही है और मनरेगा से महात्मा गांधी जी का नाम हटाकर उन्हें अपमानित कर रही है। आजाद भारत का यह सबसे कलंकित अध्याय है ।
श्री तिवारी ने कहा है कि पहले संसद के मुख्य द्वार से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की प्रतिमा स्थानांतरित कर दी गयी, और अब महात्मा गांधी जी के नाम से चलने वाली देष व दुनिया की सबसे विषालतम योजना ‘‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना’’ (मनरेगा) को समाप्त करके उसने एक ‘‘काला अध्याय’’ लिख दिया है।
श्री तिवारी ने कहा है कि मैने संसद में यह वचन दिया है और संकल्प लिया है कि जिस दिन भा.ज.पा. सरकार का पतन होगा और कांगे्रस की सरकार आयेगी हम मनरेगा योजना को मूल रूप से पुनः वापस लायेंगे । मेरी इस बात पर यू.पी.ए. चेयरपर्सन आदरणीया श्रीमती सोनिया गांधी एवं भारतीय राष्ट्रीय कांगे्रस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी सहमति व्यक्त की ।
श्री तिवारी ने कहा है कि उत्तर प्रदेष सहित देष के कई अन्य हिस्सों में भा.ज.पा. सरकार के संरक्षण में फल फूल रहे कोडिन कफ सीरप के गोरख धंधे से सैकड़ों बच्चों की जान चली गयी और बहुत से बच्चांे के अंगों को गम्भीर नुकसान पहंुॅचा है, जिससे बच्चे इस सीरप के कुप्रभाव से विकलांग भी हो सकते हैं। यदि सरकार काला धंधा करने वालों पर पैनी नजर रखती और उनके खिलाफ समय रहते कड़ी कार्यवाही करती तो शायद देष के सैकड़ों नौनिहालों को इस जहरीले सीरप का षिकार होने से बचाया जा सकता था।