बुधवार, 3 दिसंबर 2025

गोण्डा- अपंजीकृत ट्रैक्टर ट्रॉलियों, बिना एचएसआरपी, रिफ्लेक्टर रहित व अधिक वजन वाले वाहनों के विरुद्ध एआरटीओ प्रशासन ने की कार्यवाही

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गोण्डा 03 दिसम्बर- शुगर मिल बभनान में अपंजीकृत ट्रैक्टर ट्रॉलियों, बिना एचएसआरपी, रिफ्लेक्टर रहित व अधिक वजन लेकर चलने वाले वाहनों के विरुद्ध एआरटीओ प्रशासन द्वारा एक प्रभावी अभियान चलाया गया। इस अभियान का नेतृत्व एआरटीओ (प्रशासन) आरसी भारतीय ने किया। उन्होंने मिल क्षेत्र एवं उससे जुड़े मार्गों पर वाहनों की व्यापक जांच कर नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों एवं वाहन स्वामियों के विरुद्ध आवश्यक विधिक कार्यवाही की। शुगर मिल क्षेत्र में गन्ना परिवहन के दौरान कई बार अपंजीकृत एवं असुरक्षित वाहनों के संचालन की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके मद्देनज़र परिवहन विभाग ने यह विशेष अभियान चलाया। जांच के दौरान कई ट्रैक्टर ट्रॉलियां बिना पंजीकरण, बिना एचएसआरपी, बिना रिफ्लेक्टर तथा निर्धारित क्षमता से अधिक वजन ढोते हुए पाई गईं। ऐसी गाड़ियों को रोककर उनके चालकों को नियमों की जानकारी दी गई तथा सड़क सुरक्षा मानकों के अनुपालन हेतु आवश्यक निर्देश जारी किए गए।
एआरटीओ प्रशासन ने बताया कि बिना पंजीकरण और सुरक्षा उपकरणों के बिना चलने वाले वाहन सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण बनते हैं। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों और मिल परिसर के आसपास रात के समय ऐसे वाहनों के कारण दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए प्रत्येक वाहन पर एचएसआरपी, रिफ्लेक्टर, लाइट तथा अन्य सुरक्षा मानकों का होना अनिवार्य है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अधिक वजन वाले वाहनों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी, क्योंकि ओवरलोड वाहन न सिर्फ सड़क को क्षति पहुँचाते हैं बल्कि वाहन की स्थिरता कम होने से दुर्घटना की संभावना भी बढ़ जाती है। अभियान के दौरान कई वाहनों का चालान किया गया और संबंधित स्वामियों को शीघ्र आवश्यक दस्तावेज अद्यतन कराने के निर्देश दिए गए।
एआरटीओ प्रशासन ने वाहन स्वामियों से अपील की कि वे गन्ना परिवहन में प्रयुक्त सभी वाहनों का पंजीकरण पूर्ण कराएं, एचएसआरपी लगवाएं, रिफ्लेक्टर एवं लाइट अवश्य लगाएं तथा ओवरलोडिंग से बचें। उन्होंने कहा कि यह अभियान आगे भी निरंतर जारी रहेगा और नियमों का पालन न करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इस अभियान से परिवहन विभाग का उद्देश्य सड़क सुरक्षा को मजबूत करना तथा दुर्घटनाओं की संभावनाओं को कम करना है, ताकि गन्ना सीजन के दौरान यातायात सुचारु एवं सुरक्षित रूप से संचालित हो सके।