नोएडा सेक्टर-94 सुपरनोवा परियोजना पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, फ्लैट खरीदारों को ऐतिहासिक राहत!!
!!वरिष्ठ संवाददाता देव गुर्जर!!
दो टूक:: नोएडा। सेक्टर-94 स्थित बहुचर्चित सुपरनोवा रियल एस्टेट परियोजना के हजारों फ्लैट खरीदारों के लिए सुप्रीम कोर्ट का ताजा फैसला बड़ी राहत लेकर आया है। शीर्ष अदालत के स्पष्ट आदेश के बाद वर्षों से अटकी इस परियोजना को नई दिशा मिल गई है और सैकड़ों खरीदारों को अब अपने सपनों के घर का मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सुपरनोवा परियोजना के 497 फ्लैट खरीदारों को जल्द ही रजिस्ट्री के माध्यम से मालिकाना हक दिया जाएगा। परियोजना के नोवा ईस्ट और नोवा वेस्ट टावरों में कुल 583 फ्लैट हैं, जिनमें से अब तक 85 फ्लैटों की रजिस्ट्री पहले ही हो चुकी है, जबकि शेष फ्लैटों की रजिस्ट्री प्रक्रिया अब तेजी से आगे बढ़ेगी।
शीर्ष अदालत ने इस मामले में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सुपरनोवा परियोजना के आईआरपी (इंटरिम रेजोल्यूशन प्रोफेशनल) को भंग कर दिया है और इसके स्थान पर एक नई समिति के गठन का आदेश दिया है। इस समिति की अध्यक्षता जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश करेंगे। यह समिति परियोजना को पूरा कराने के लिए नए डेवलपर का चयन करेगी, ताकि निर्माण कार्य समयबद्ध तरीके से पूरा हो सके।
अदालत ने स्पष्ट किया है कि परियोजना का निर्माण पूरा होने के बाद रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू की जाएगी। साथ ही बकाया भुगतान को लेकर भी स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं। कोर्ट ने कहा है कि परियोजना पूरी होने के बाद सबसे पहले बैंकों का बकाया चुकाया जाएगा, इसके बाद नोएडा अथॉरिटी के लगभग 3300 करोड़ रुपये के बकाया का भुगतान किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को फ्लैट खरीदारों ने ‘लैंडमार्क जजमेंट’ बताया है। वर्षों से कानूनी और प्रशासनिक उलझनों में फंसे खरीदारों के बीच अब नए सिरे से उत्साह और उम्मीद का माहौल है। खरीदारों का कहना है कि यह फैसला न केवल सुपरनोवा परियोजना बल्कि देशभर में अटकी रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए भी एक मजबूत मिसाल साबित होगा।।
