सुल्तानपुर:
नहीं रहे मोची रामचेत, गरीबी से लड़ते-लड़ते हार गए जिंदगी की जंग।
दो टूक : सुल्तानपुर आगमन के दौरान राहुल गांधी की पहल से संवरी थी जिंदगी, दी थी अत्याधुनिक जूता सिलाई मशीन।
विस्तार :
सुलतानपुर जनपद के कूरेभार थाना क्षेत्र के ढेसरुआ गांव निवासी मोची रामचेत का बीमारी से निधन हो गया। लंबे समय से कैंसर और टीबी से जूझ रहे रामचेत की मौत से परिवार में कोहराम मच गया है।बीते वर्ष एक विचाराधीन मामले की सुनवाई के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी सुल्तानपुर से लौटते समय अचानक रामचेत की गुमटी पर रुके थे।बातचीत के दौरान राहुल ने रामचेत की आर्थिक स्थिति देख मदद का आश्वासन दिया था। इसके बाद राहुल गांधी ने रामचेत को जूते-चप्पल सिलाई की अत्याधुनिक मशीन और कच्चा माल उपलब्ध कराकर उनके व्यवसाय को नई राह देने की कोशिश की थी।मदद मिलने के बाद रामचेत का काम कुछ ही समय में पटरी पर लौटने लगा था,लेकिन तभी किस्मत ने दगा दे दिया। उन्हें कैंसर और टीबी ने चपेट में ले लिया। हालत बिगड़ने पर राहुल गांधी की पहल पर उनका इलाज प्रयागराज में कराया जा रहा था।राहुल गांधी की कोशिशों के बावजूद रामचेत की ज़िंदगी नहीं बच सकी और आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से ढेसरुआ गांव सहित आसपास क्षेत्र में शोक की लहर है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।गांव के लोगों ने बताया कि रामचेत मेहनती और स्वाभिमानी इंसान थे,जिन्होंने गरीबी में भी हार नहीं मानी थी। गांव के लोगों ने सरकार से परिवार को आर्थिक मदद की मांग की है।
