मऊ :
एसआईआर से क्यों परेशान हैं बीएलओ।
2003 की लिस्ट मे रहे अपनो क ढूंढते लोग हो रहे परेशान।
दो टूक : बी यल ओ घर-घर आएंगे और आपको मतगणना पत्र आप को देगे
एस आई आर फार्म मतदाताओं को बाँटने का आदेश दिया गया और बी यल वो द्वारा फार्म दिये हुए तीन सप्ताह बीत जाने के बाद भी जमा करने में रुचि नहीं ले रहे हैं लेकिन लोग लोग फार्म ले घर रख कर बैठ गये
जिसका कोई लाभ तो नहीं हुआ बल्कि नुकसान ही हुआ। क्योंकि अच्छी तरह से बताने के बावजूद भी अशिक्षित या कम पढ़े लिखे मतदाता फार्म को पूरी तरह से गलत भरकर ला रहे हैं जिसे सुधारने में समय नष्ट हो रहा है। और या तो सादा फार्म ही लेकर आ रहे हैं, जिसे खुद भरना पड़ रहा है और वह समय भी इसमें लग रहा है।
२- जो लोग बाहर रहते हैं और सिर्फ वोट देने आते हैं, उनसे सम्पर्क नहीं बन पा रहा है और बन रहा है तो वे आकर फार्म रिसीव करने और फार्म जमा करने में अधिक समय ले रहे हैं।
३- बहुत से फार्म का कुछ अता पता ही नहीं मिल पा रहा है, कि वे इस समय कहाँ हैं। और उनकी शिनाख्त करने में बहुत सारा समय लग रहा है।
४- एस आई आर फार्म की स्कैनिंग और डाटा फीडिंग आनलाइन होना है। बहुत से बीएलओ आनलाइन टेक्निकल जानकारी में या तो शून्य हैं अथवा बहुत कम आवश्यकता भर की रखते हैं। और वहीं दूसरी तरफ स्कैनिंग और आनलाइन डाटा फीडिंग सर्वर और नेट स्पीड पर निर्भर करता है, जो हर समय सही नहीं रहता. दो-फोटो ब मायके की जानकारी देने मे महिला बोटर देरी कर रहीं है जब भी मतदाताओ के घर जाते हैं अधिकाश लोग खेतो पर चले जाते है जो शाम पांच बजे के बाद घर आते हैं
समय कम और काम को कम समय मे करने का प्रेशर और कोई बिशेष प्रशिक्षण भी नही दिया गया है
